पॉलिटॉक्स न्यूज. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ग्राम पंचायतों पर गठित कोर ग्रुप में सरपंचों को शामिल न करने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही कोर समिति के स्वरूप पर पुनर्विचार करने और गठित कोर ग्रुप में सरपंचों की घोर उपेक्षा को लेकर डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पत्र लिखा है. राठौड़ ने पत्र के माध्यम से ग्राम पंचायत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद सरपंच को ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है.
पत्र में राजेन्द्र राठौड़ ने लिखा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर गठित किए जाने वाले कोर ग्रुप में ग्राम पंचायत के कार्यालय अध्यक्ष सरपंचगणों को पूरी तरह से दरकिनार करने से उनमें भारी आक्रोश व्याप्त है. पंचायत राज संस्थाओं के इतिहास में प्रथम बार है जब प्रजातंत्र के महत्वपूर्ण पद पर प्रश्न चिन्ह लगाया हो.
राठौड़ ने पायलट को पत्र लिखकर वित्त आयोग की राशि अतिशीघ्र हस्तांतरित किये जाने की मांग की
अपने पत्र में उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने यह भी कहा कि जनता से जुड़े इतने संवेदनशील विषय में गठित किए गए कोर ग्रुप में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी को संयोजक, पटवारी को सह-संयोजक और पंचायत स्तरीय अन्य कार्मिकों को सदस्य बनाया गया है लेकिन इस समिति में सरपंच को अध्यक्ष बनाया जाना तो दूर सामान्य सदस्य भी नहीं बनाया गया है. पंचायत राज संस्थाओं के इतिहास में ऐसा प्रथम बार हुआ है जब इन संस्थाओं के सबसे महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि की इस प्रकार उपेक्षा की गई है. ये प्रजातंत्र के इस महत्वपूर्ण पद पर प्रश्न चिन्ह है और सर्वथा अनुचित है.
राजेंद्र राठौड़ ने लिखा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जारी संघर्ष में ग्राम पंचायतों मे सरपंचगणों द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ सामंजस्य स्थापित कर पूरी तल्लीनता व तन मन धन से मदद कर ग्रामीणों की सेवा की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरपंचगणों द्वारा ही ग्राम पंचायत कार्यालय के कार्मिकों एवं वार्ड पंचगणों को साथ लेकर भामाशाहों को तैयार, जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाना और अन्य सभी आवश्यक व्यवस्था की जा रही है.
अशोक लाहोटी का शर्मनाक बयान- कोरोना वॉरियर्स को ही बता दिया कोरोना फैलाने का जिम्मेदार
साथ ही राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जो सूचनाएं चाही जा रही है, उसे तैयार करने में पूर्ण सहयोग किया जा रहा है. इसके बावजूद कोर समिति में प्रजातंत्र की सबसे महत्वपूर्ण इकाई ग्राम पंचायत के कार्यालय अध्यक्ष सरपंचगणों की घोर उपेक्षा व अपमान किया गया है जिससे प्रदेश के समस्त सरपंचगणों में भारी आक्रोश व्याप्त है. सरपंचों के साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर चुने गए करीब एक लाख जन प्रतिनिधियों (वार्ड पंचगणों) में भारी निराशा है.