पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राहुल गांधी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड़ के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया और एक बार फिर नाथूराम गोडसे के भंवर में फंसते हुए दिखाई दिए. राहुल गांधी ने कहा कि नाथूराम गोडसे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा एक ही है. दोनों की विचारधारा में कोई फर्क नहीं है. बस नरेंद्र मोदी में यह कहने की हिम्मत नहीं है कि वे नाथूराम गोडसे में आस्था रखते हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नाथुराम गोडसे की अंदर नफरत थी इसलिए उसने महात्मा गांधी को मारा. वह न किसी से प्यार करता था न विश्वास. पीएम मोदी के साथ भी ऐसा ही है. वह केवल खुद से प्यार करते हैं और विश्वास किसी पर नहीं. इससे पहले, राहुल गांधी की रैली की शुरुआत वायनाड के कलपेटा इलाके से शुरू हुई है. रैली में कांग्रेस कार्यकर्ता तिरंगा यात्रा लेकर राहुल गांधी के साथ-साथ चल रहे हैं.
राहुल गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून पर कहा कि मैं जानता हूं कि मैं भारतीय हूं. मुझे यह किसी को साबित करने की जरूरत नहीं है. हिंदुस्तानियों को भी यह साबित करना पड़ रहा है कि वे भारतीय हैं. नरेंद्र मोदी कौन होते हैं यह निर्धारित करने वाले कि मैं भारतीय हूं. उन्हें यह लाइसेंस किसने दिया है कि वे निर्णय करें कि कौन भारतीय है या कौन नहीं है?
राहुल गांधी ने रोजगार और अर्थव्यवस्था के मामले पर भी केंद्र सरकार को घेरा. राहुल गांधी ने कहा कि आप गौर करिएगा, जब भी आप पीएम मोदी से बेरोजगारी और नौकरियों के बारे में पूछते हैं तो वह अचानक ध्यान भटका देते हैं. सीएए और एनआरसी आपको नौकरियां नहीं देने वाली हैं. जम्मू और कश्मीर की स्थिति और असम के सुलगने से लोगों को रोजगार नहीं मिलने वाला.
इससे पहले राहुल गांधी ने 28 जनवरी को राजस्थान के जयपुर में युवा आक्रोश रैली को संबोधित किया था. राहुल गांधी ने इस रैली में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. राहुल ने कहा था कि पहले हिंदुस्तान की भाईचारे की छवि थी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उस छवि को नुकसान पहुंचा दिया. नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान की भाईचारे वाली छवि को तोड़ दिया. आज दुनिया में हिंदुस्तान को रेप कैपिटल कहा जाने लगा है.