खेल-विज्ञान की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान संयम लोढ़ा ने पूर्व वसुंधरा सरकार पर लगाए आरसीए में अराजकता फैलाने के आरोप

प्रदेश में क्रिकेट के टूर्नामेंट बंद हो गए व क्रिकेट में पैसा आना बंद हो गया, यह पाप पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने दोस्त के लिए किया- संयम लोढ़ा, आरसीए चुनाव में रामेश्वर डूडी के साथ आपने किस तरह का व्यवहार किया- राजेन्द्र राठौड़

संयम लोढ़ा ने पूर्व वसुंधरा सरकार पर लगाए आरसीए में अराजकता फैलाने के आरोप
संयम लोढ़ा ने पूर्व वसुंधरा सरकार पर लगाए आरसीए में अराजकता फैलाने के आरोप

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के चतुर्थ सत्र के दूसरे चरण में मंगलवार को खेल-विज्ञान की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ. अनुदान मांगों पर बहस पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार पर आरसीए में अराजकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में क्रिकेट के टूर्नामेंट बंद हो गए, क्रिकेट में पैसा आना बंद हो गया, यह पाप पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने दोस्त तत्कालीन आरसीए अध्यक्ष के लिए किया. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम लिए जाने से बीजेपी ने सदन में जोरदार हंगामा किया और उपनेता प्रतीपक्ष राजेंद्र राठौड़ और विधायक संयम लोढ़ा आमने-सामने हो गए. आसन के हस्तक्षेप के बाद विधायक लोढा ने बिना नाम लिए पूर्व आरसीए अध्यक्ष ललित मोदी के लिए कहा कि जब भी खेल की बात चलेगी तो राजस्थान क्रिकेट एशोसिऐशन के पूर्व अध्यक्ष की बात एक बार नहीं हजार बार चलेगी.

दरअसल, सिरोही से निर्दलीय विधायक विधायक संयम लोढा ने खेल-विज्ञान की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि राजस्थान के खेलों में अराजकता कौन लेकर आया. आप सभी को याद होगा कि वही व्यक्ति खेल संघों के चुनाव लडे इसमें राजस्थान का मूल निवासी होने के प्रावधान को किसने हटाया. संयम लोधा ने आरोप लगाते हुए कहा पिछली बीजेपी सरकार ने पहले बाप और फिर बेटे के लिए डोमिसाइल की शर्त हटाई. कई सालों तक राजस्थान की क्रिकेट अदालतों के दरवाजे पर खडी रही. हमारे खिलाडियों को ना रणजी खेलने का मौका मिला ना दिलीप ट्रोफी खेलने का, इस दौरान जिला स्तर तक के क्रिकेट के टूर्नामेंट बंद हो गए. बीसीसीआई की तरफ से पैसा आना बंद हो गया यह पाप पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने मित्र तत्कालीन आरसीए अध्यक्ष के लिए किया.

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विधायक संयम लोढा ने आगे बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अभी मैंने अखबार में पढा स्विस बैंक ने खातों का ब्यौरा मांगा. स्विस बैंक के हिरो को राजस्थान का हिरो बनाने वाले कौन लोग थे. पिछली सरकार के समय किस प्रकार की अराजकता राजस्थान क्रिकेट एकादमी के मैदान पर हुई. लेकिन गहलोत सरकार ने आने के बाद वो सारी दुविधाएं खत्म हुईं. पिछले दिनों सामान्य तरीके से आरसीए के चुनाव हुए वैभव गहलोत अध्यक्ष बने. आईपीएल के मैच फिर से जयपुर में शुरू हुए. पिछली गहलोत सरकार ने जयपुर और उदयपुर में नया स्टेडियम बनाने के लिए जमीन आवंटित की उसका पैसा भरा, लेकिन बीजेपी की वसुंधरा सरकार ने उस जमीन को निरस्त करने का पाप किया.

संयम लोढा के संबोधन पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने कडी आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य ने आरोपों की बौछार कर दी, इन्हें आरोप लगाने हैं तो सदन में पहले नोटिस लेकर आये. सदन की परंपरायें और नियम हैं, उसके बावजूद इस तरह के अर्नगल आरोप सीनियर लीर्डस पर लगाए जा रहे हैं. इस पर संयम लोढा ने कहा कि आप उस भगोडे के लिए यहां आकर खडे हुए हैं, जिसके लिए भारत सरकार ने रेड अलर्ट जारी कर रखा है. इस पर राजेन्द्र राठौड ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि एक नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे रामेश्वर डूडी उनके साथ आपने आरसीए के चुनाव में किस तरह का व्यवहार किया. इस पर संयम लोढा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ओबजर्वर की देख रेख में आरसीए का चुनाव हुआ. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप लगाने को लेकर सदन में खडे होकर हल्ला करना शुरू कर दिया और संयम लोढ़ा के शब्दों को कार्यवाही से निकालने की मांग करने लगे. इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने सदस्यों को शांत कराते हुए कुछ शब्दों को कार्यवाही से निकाल दिया.

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बता दें, सदन में हंगामा बढता देख सभापति ने मध्यस्तता कर जैसे तैसे मामला शांत करवाने की कोशिश ओर परंपराओं के पालन करने की बात विधायकों से कही. इस पर राजेंद्र राठौड ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम यहां सुनने नहीं आये हैं. विधायक लोढा इतनी देर से पूर्व मुख्यमंत्री पर यहां आरोप लगा रहे है. इस पर सभापति ने कहा कि अगर किसी सदस्य को किसी पर आरोप लगाने हैं तो पहले नोटिस दे, सदन नियम और परंपराओं से चलता है. इस पर विधायक संयम लोढा ने कहा कि जब भी खेल की बात चलेगी तो राजस्थान क्रिकेट एशोसिऐशन के पूर्व अध्यक्ष की बात एक बार नहीं हजार बार चलेगी.

विधायक लोढा के बयान के बाद एक बार फिर से विपक्ष के विधायक हंगामा करने लगे. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बीजेपी विधायकों को बोलने के लिए कम समय देने की बात सभापति के समक्ष की. इसके बाद सभापति ने पक्ष विपक्ष के सदस्यों को नियम व परंपराओं को निभाने को लेकर जमकर लताड लगाई. इसके साथ ही सभापति ने सदन की परंपराओं व नियमों का लंबा पूरा पाठ भी सदन में मौजूद विधायकों को पढाया.

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