CAA के विरोध में सोनिया के नेतृत्व में विपक्ष की साझा बैठक आज, सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- दिल्ली चुनाव में ‘श्री 420’ को मिलेगी हार

विपक्षी एकजुटता वाली इस बैठक में केजरीवाल, मायावती और ममता बनर्जी नहीं लेंगे भाग, मायावती ने राजस्थान को बताया बड़ी वजह, वहीं सुब्रह्मण्यम स्वामी में इशारों-इशारों में केजरीवाल को बताया 'श्री 420'

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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के विरोध में विपक्ष की आज दोपहर2 बजे बड़ी और साझा बैठक आज होने जा रही है. बैठक में जेएनयू हिंसा पर केंद्र सरकार को घेरने पर खास चर्चा भी होगी. लेकिन बैठक में बसपा और बंगाल सीएम की तृणमूल पार्टी के बाद अब केजरीवाल की आप पार्टी ने भाग लेने से मना कर दिया है. ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि वे अपनी लड़ाई अकेले लड़ेंगी. मायावती ने बैठक में भाग नहीं लेने का प्रमुख कारण राजस्थान में बसपा के सभी विधायकों का कांग्रेस में शामिल होने को बताया है. वहीं आप के संजय सिंह का कहना है कि हमें इसकी जानकारी ही नहीं थी. उधर विपक्ष की एकजुटता वाली इस बैठक पर तंज कसते हुए बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां जितना CAA का विरोध करेंगी, चुनावों में उतना ही बीजेपी को फायदा होगा, अगर यही प्रदर्शन जारी रहा तो ‘श्री 420’ दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी हार सकता है.

सोमवार को सोनिया गांधी के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में सीएए, एनआरसी और जेएनयू-जामिया हिंसा सहित सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और सत्ता पक्ष को घेरने की रणनीति तैयार की जाएगी. इस बैठक में कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), द्रविड़ा मुनेत्र कजगम (डीएमके), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, लेफ्ट, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (एसपी) समेत कई पार्टियों शामिल होंगी. पार्लियामेंट एनेक्सी में दोपहर 2 बजे होने वाली इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रह सकते हैं.

बैठक का अहम मुद्दा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में हुई हिंसा है. इस मामले में कांग्रेस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी बनाई थी. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है. बता दें, नागरिकता संशोधन बिल देशभर में अमल में लाया जा चुका है. शुक्रवार को इस संबंध में केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. वहीं शनिवार को बंगाल सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कोलकाता में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान जब पीएम नरेंद्र मोदी से सीएए और एनआरसी प्रदेश में लागू न किए जाने को लेकर चर्चा की तो प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर उनकी इस बात को ठुकरा दिया और उनसे इस संबंध में दिल्ली आकर चर्चा करने को कहा.

वहीं केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस जितना भी विरोध कर ले या हो हल्ला मचा ले, हम पाकिस्तान सहित अन्य दो देशों से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देकर रहेंगे. ऐसे में बीजेपी ने साफ तौर पर इशारा कर दिया है कि देशभर में विरोध प्रदर्शन अगर तेज भी हुआ तो भी सरकार अपना रवैया नहीं बदलेगी और न इस कानून पर पुनर्विचार करेगी.

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इस क्रम में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज सुबह टवीट करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष CAA का जितना विरोध करेगा, उतना ही भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में फायदा होगा. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने टवीट में लिखा, ‘विपक्षी पार्टियां जितना CAA का विरोध करेंगी, चुनावों में उतना ही बीजेपी को फायदा होगा. अगर यही प्रदर्शन जारी रहा तो ‘श्री 420’ दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी हार सकता है‘.

स्वामी ने हालांकि अपने टवीट में किसी पार्टी या किसी नेता का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारों इशारों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साध दिया.

गौरतलब है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक के तौर पर रह रहे हिंदू, सिख, इसाई, बौद्ध, जैन, पारसी मूल के शरणार्थियों को बतौर भारत की नागरिकता देने के लिए केंद्र सरकार एक कानून लेकर आई है जिसका नाम है नागरिकता संशोधन कानून. इस लिस्ट में मुस्लिम समुदाय का जिक्र न होने से देशभर में इस कानून का जमकर विरोध हो रहा है. वहीं सत्ताधारी मोदी सरकार इस संबंध में पीछे हटने को बिलकुल भी तैयार नहीं हैं.

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