पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. हजारों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने के आरोपी तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद मुहम्मद पकड़े जाने के डर से अंडरग्रांउड हो गए हैं. कानून का शिकंजा कसता देख धीरे धीरे साद के सुर भी ढीले पड़ते जा रहे हैं. हाल में उन्होंने एक ऑडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया कि वह डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में ही क्वारैंटाइन है और कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लोगों को नसीहत देते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि उसने यह नहीं बताया कि वह दिल्ली में कहां पर है. जबकि इससे पहले वो लोगों से कानून की परवाह न करते हुए मस्जिदों में जमा होने और नमाज पढ़ने के लिए उकसा रहा था. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान दक्षिण दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों लोगों को जुटाने का आरोपित साद मुहम्मद 28 मार्च से फरार है और दिल्ली में ही किसी रिश्तेदार के यहां क्वारंटाइन है.
बता दें, तब्लीगी मरकज जमात में पुलिस ने कई धाराओं में 7 मौलानाओं और मरकज के 6 अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. उनके नाम मौलाना मो. साद, मोहम्मद अशरफ, मुफ्ती शरजाद, डॉ. जीशान, मुरशलीन सैफी, यूनुस व मो. सलमान है. ये सभी अलग-अलग राज्यों के मस्जिदों में मौलाना हैं. अब अपनी संभावित गिरफ्तारी के डर से मौलाना ने एक आॅडियो जारी किया जिसमें उसने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि अभी मानव जाति पर सबसे बड़ी आपदा आई है. सभी को घर पर रहना चाहिए और घर में ही रहकर इबादत करनी चाहिए. अल्लाह तआला के गुस्से को शांत करने का यही एकमात्र तरीका है. डॉक्टरों की सलाह और सरकार इस समय आदेश का पालन किया जाना है’.
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अपने आॅडियो में जमात के लोगों से अपील करते हुए मौलाना ने कहा कि अभी आप लोग इकट्ठा नहीं हों. हमें इस बार सरकार के आदेशों का सख्ती से पालन करने और मदद करने की जरूरत है. मैं स्वयं डॉक्टरों की सलाह के अनुसार आइसोलेशन में हूं. हमारे लोग जहां भी रह रहे हैं, उन्हें सरकार के आदेश का पालन करते रहें’.
इसमें रत्तीभर भी शक नहीं है कि मौलाना केवल और केवल कानूनी शिकंजा कसने से डर से ऐसा कर रहे हैं. अब डालते हैं नजर मौलाना साद के पुरानी ऑडियो क्लिप पर जिसमें मौलाना लोगों से कानून की परवाह न करते हुए मस्जिदों में जमा होने और नमाज पढ़ने के लिए उकसा रहा था. वायरल ऑडियो में साद कह रहा है, ‘अल्लाह पर यकीन न रखने वालों की चाल और स्कीमें मुसलमानों को बीमारी से बचाने के बहाने से मुसलमानों को रोकने के लिए आ गई हैं. उन्हें मुसलमानों को रोकने और बिखेरने की तरकीब नजर आ गई है ताकि इनके दिल में हमेशा के लिए ये बात बैठ जाए कि किसी के पास मत जाओ, किसी के पास मत बैठो नहीं तो बीमारी लग जाएगी. आज अगर इस बीमारी की वजह से मुसलमानों के अकीदत बदल जाते हैं तो बीमारी तो खत्म हो जाएगी, लेकिन अकीदत खत्म नहीं होगी’.
ऑडियो में साद आगे कहते हैं, ‘ये बीमारी बदल जाएगी लेकिन तुम्हारे माशरे के आदाब, तुम्हारे साथ बैठना, एक प्लेट में खाना, इसका असर मुद्दतों के आसारे कभी खत्म ना हो. ये तो मुसलमानों के दरमियां शक पैदा करने, इनके दरमियां मोहब्बत खत्म करने के लिए एक प्रोग्राम तैयार किया गया है, एक प्रोग्राम बनाया गया है कि मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने के लिए ये बहाना अच्छा है’.
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साद के अनुसार, ‘ये खयाल बिलकुल बेकार खयाल है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी. अगर तुम्हें यह दिखे कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती. साहबान तमन्ना करते थे कि काश नमाज करते हुए मौत आए. इन्हें नमाज में खतरा नजर आ रहा है. अल्लाह बीमारी लाए हैं मस्जिदों को छोड़ने की वजह से. ये बीमारी हटा रहे हैं मस्जिदों को छोड़कर. सोचिए तो सही कितनी उल्टी सोच है. आदमी यह कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, इनमें ताला लगा देना चाहिए, इससे बीमारी बढ़ेगी. इस खयाल को दिल से निकाल देना चाहिए’.
गौरतलब है कि रोक के बावजूद तब्लीगी जमात में लगातार देसी विदेशियों का आना जाना बदस्तूर लगा रहा. इसके बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत ढोबाल के हस्तक्षेप करने पर रविवार को वहां से लोगों को निकाला जाना शुरू हुआ. जानकारी के अनुसार पता चला कि वहां एक हजार लोग थे लेकिन वहां से 2361 लोगों को बाहर निकाला गया जिसमें से 281 विदेशी भी थे. इनमें साढ़े चार सौ से ज्यादा लोगों को कोरोना संक्रमण था और कई संदिग्ध भी थे. तब्लीगी जमात में शामिल हुए हजारों लोगों को 14 राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है. ये लोग विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं. यहां से निकले सात लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है. दिल्ली पुलिस मौलाना साद को भी ढूंढ रही है.