जनता दल यूनाटेड में नीतीश कुमार के विश्वस्त माने जाने वाले अजय आलोक ने देर रात पार्टी प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे की जानकारी अपने ट्वीटर अकाउंट पर साझा की. उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहते हैं इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं.’ हालांकि अजय आलोक ने शर्मिंदगी का कारण अपने ट्वीट में स्पष्ट नहीं किया. मिडिया संस्थान आलोक के इस्तीफे के पीछे उनके द्वारा अमित शाह पर की गई बयानबाजी को बता रहे हैं. लेकिन आलोक के इस्तीफे के कुछ अलग ही कारण हैं जिनको नेशनल मिडिया या तो भांप नहीं पा रही है या दिखाना नहीं चाहती है.
I have resigned as a Spokesperson from JDU as I think I am not doing good job as my views which are mine ofcourse do not match with my party , Thanks to my Party and my President who has always supported me and I don’t want to be a source of embarrassment for @NitishKumar ,
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 13, 2019
असल में अजय आलोक ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बुधवार को निशाना साधते हुए कहा था, ‘ममता ने बंगाल को मिनी पाकिस्तान बनाकर रख दिया है. जिस प्रकार पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ अत्याचार किए जाते हैं, ठीक उसी प्रकार बंगाल में रोहिंग्या मुसलमान, बिहारियों पर जुल्म हो रहे हैं. उनको प्रदेश से बाहर निकाला जा रहा है लेकिन ममता बनर्जी इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है.’
आलोक ने इस दौरान ममता की तरफ से नीतीश की तारीफ करने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ममता बनर्जी हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ क्यों कर रही हैं. मेरे अनुमान के मुताबिक वो इसलिए खुश है क्योंकि हमारी पार्टी ने बिहार के अलावा अन्य प्रदेशों में अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ममता दीदी पर की गई अजय आलोक की बयानबाजी से नाराज थे. जिसके बाद उन्होंने एक वरिष्ठ नेता के माध्यम से अजय आलोक को ऐसी बयानबाजी से बचने को कहा था. हालांकि इस मामले में अजय ने अपनी गलती नहीं मानी और सीधे प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया.
नीतीश यह भली-भांति जानते है कि वो बीजेपी का साथ कभी भी छोड़ सकते हैं इसलिए वो ममता बनर्जी का खुलेतौर पर विरोध नहीं करना चाहते हैं. ममता का विरोध करने से उनका मुस्लिम वोट उनसे दूर छिटक सकता हैं इसीलिए उन्होंने बयानबाजी के लिए अजय आलोक को फटकार लगाई.
नीतीश बिहार में बीजेपी के भरोसे नहीं रहना चाहते हैं. बीजेपी के साथ सरकार चलाने के बावजूद भी नीतीश की निगाहें हमेशा प्रदेश के अल्पसंख्यक वोट बैंक पर रहती है. इसके लिए वो समय-समय पर कई तरह के प्रतीकों का इस्तेमाल करते हैं. ममता के मामले में भी उन्होंने ऐसा ही किया हैं.
वैसे भी बीजेपी-जेडीयू के मध्य हालात सामान्य नहीं हैं. लोकसभा चुनाव में बंपर जीत मिलने के बावजूद जेडीयू कम हिस्सेदारी के चलते मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई. उसके बाद नीतीश ने सरकार का विस्तार किया जिसमें सरकार में हिस्सेदार होने के बावजूद बीजेपी को जगह नहीं दी थी.