PoliTalks.News/MP. पूर्व कांग्रेसी नेता और वर्तमान में बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 22 विधायकों के पार्टी छोड़ बीजेपी में चले जाने के बाद प्रदेश में कमलनाथ की सत्ता चली गई. कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अभी तक इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाए हैं. सब कुछ संभालने की कोशिश ही हो रही थी कि बड़ा मलहरा सीट से विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भी सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी से हाथ मिला लिया. अब फिर से कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. सूत्रों से पता चला है कि एमपी कांग्रेस के 5 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए लुभाया जा रहा है.
इन विधायकों में बुंदेलखंड से चार और महाकौशल से एक विधायक के बीजेपी के संपर्क में होने की खबरें सामने आ रही है. इसी को देखते हुए कांग्रेस ने इन विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. इन विधायकों में दमोह से विधायक राहुल सिंह और बंडा विधायक तरबर सिंह भी शामिल हैं. दोनों ने बीजेपी की तरफ से ऑफर मिलने की बात स्वीकार भी की है. खबर लगते ही पूर्व सीएम और वर्तमान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने दोनों विधायकों को अपने निवास स्थान पर बुलाकर एक घंटे तक बातचीत की. हालांकि दोनों विधायकों ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार करते हुए कहा कि दोनों की कांग्रेस में पूर्ण आस्था है.
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इस मौके पर राहुल सिंह ने कहा कि वैसे तो मेरे पास बहुत ऑफर आए हैं लेकिन कोई हमारा सम्मान नहीं खरीद सकता. विधायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही हमे विधायक बनाया है और हम आगे भी कांग्रेस पार्टी के साथ अपना सफर तय करेंगे. वार्ता के दौरान कमलनाथ ने दोनों विधायकों से उप चुनाव और आगे बन रही संभावना को लेकर भी चर्चा की. दोनों विधायकों से चर्चा की खास वजह ये भी रही कि दमोह विधायक राहुल सिंह और हाल में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए प्रद्युम्न सिंह लोधी दोनों चचेरे भाई हैं और हिंडोलिया में एक ही परिवार से हैं. वहीं बंडा विधायक तरबर सिंह भी इनके रिश्तेदार हैं.
ये भी काबिलेगौर है कि दो दिन पहले कांग्रेस और अपनी विधायकी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए प्रद्युम्न सिंह लोधी को कमलनाथ का करीबी बताया जा है. मार्च में कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के समय फूट-फूट कर रोए थे. पिछले दो महीनों में तीनों विधायकों ने सुरखी विधानसभा में ब्लाॅक स्तर पर कई बैठकें लीं. अब इनमें से प्रद्युम्न भाजपा में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में राहुल सिंह और तरबर सिंह के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की अच्छी खासी संभावना बनी हुई है.
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इधर, लोधी के विधायकी छोड़ने के बाद प्रदेश में 24 की जगह 25 सीटों पर उपचुनाव होना तय है. अब मप्र बीजेपी में कांग्रेस से जुड़े नेताओं की अच्छी खासी फौज है और सभी किसी न किसी बहाने से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं एवं विधायकों को तोड़ने और पार्टी को कमजोर करने में जुटे हैं.
दूसरी ओर, मप्र प्रदेश के साथ कांग्रेस नेताओं में टूट बीते कुछ दिनों से राजस्थान में भी देखी जा रही है. कांग्रेस के 22 नेता कुछ दिनों पहले बागी तेवर लेकर दिल्ली पहुंच गए. दो से तीन बार विधायक दल की बैठक में बुलाने के बाद जब ये नहीं आए तो कांग्रेस ने अलग अलग सचिन पायलट सहित अन्य सभी 19 विधायकों को पार्टी व्हीप का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया है.
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विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा नोटिस जारी करने से मामले में नया मोड आ गया है. अब चाहकर या न चाहते हुए भी सभी को 17 जुलाई तक विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क करना अनिवार्य है. अगर ऐसा नहीं होता है तो सभी की विधायकी भी रद्द हो सकती है.