PoliTalks.news/Rajasthan. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल (Kailash Meghwal) की अब राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान में एंट्री हुई है. यहां उनका एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार गिराने की साजिश करने वाली बात का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदेश में पिछले दो महीने से सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है और ऐसा ही माहौल भी बना हुअ है. उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, आरोप प्रत्यारोप भी लग रहे हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मेघवाल एक सीनियर राजनीतिज्ञ होने के साथ वसुंधरा कैंप के नेता माने जाते हैं. ये बयान देकर उन्होंने अपनी ही सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस ने मेघवाल के इस बयान को जारी किया है.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने बयान में कहा, ”जिस प्रकार का माहौल सरकार गिराने को लेकर राजस्थान में पिछले दो महीनों से बना हुआ है, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. राजस्थान में आजादी के बाद सरकारें कईं बार बदली भी हैं और विधानसभा के अंदर जमकर पक्ष-विपक्ष के बीच गरमा-गरमी भी हुई है. आरोप प्रत्यारोप भी लगे हैं. स्व.मोहनलाल सुखाड़िया, स्व.भैंरोसिंह शेखावत से लेकर अशोक गहलोत हो या वसुंधरा राजे, इन सभी के समय बहस हुई है परन्तु सत्ताधारी पार्टियों ने विपक्षी पार्टियों से मिलकर सरकार गिराने का षडयंत्र जो आज हो रहे हैं, ऐसा कभी नहीं देखा.
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भंवरलाल शर्मा जो अभी कांग्रेस के माननीय विधायक हैं. ये पहले भैरोंसिंह शेखावत के साथ मंत्री भी रहे. इन्होंने जरूर स्वयं की भाजपा सरकार को गिराने के लिए पार्टी में रहकर और बाहर रहकर विधायकों की खरीद फरोख्त करने की अनेकों बार कोशिश की थी जो जग जाहिर है. इनके वक्त में धनराशि भी बांटी गई थी. विधायकों ने खुद ने भैरोंसिंह को पैसे सुपुर्द भी किए और उनको पूरी कहानी बताई. उस वक्त भी भंवरलाल शर्मा के इन कारनामों के काफी चर्चे मीडिया में आये थे.
राजस्थान की महान परम्परा रही है. इन नेताओं को कोई अधिकार नहीं है कि सरकार गिराने के कामों में, चाहे कोई राजनीतिक पार्टी हो, वो इस प्रकार का कुकृत्य करने के षडयंत्र करे.” बयान पर स्पष्ट कैलाश मेघवाल के हस्ताक्षर किए हुए हैं.
अपने बयान में मेघवाल ने स्पष्ट तौर पर सरदारपुर विधायक भंवरलाल शर्मा पर सरकार गिराने और पैसों के लेनदेन में लिप्त रहने के आरोप भी लगाए हैं. कैलाश मेघवाल ने हाल ही में सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्हें एक जिम्मेदार राजनेता की तरह आचरण करना चाहिए और राजनीतिक महत्वाकांक्षा में बेसिर पैर का आरोप नहीं लगाना चाहिए.
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कैलाश मेघवाल के बयान को बीजेपी से जोड़ते हुए देखा जा रहा है. माना यही जा रहा है कि इशारों इशारों में मेघवाल ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ निशाना साध दिया है. जबकि इसके विपरीत बीजेपी शुरुआत से ही प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग और सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोपों का खंडन करती आ रही है. बीजेपी ने प्रदेश के सियासी संकट को गहलोत—पायलट की अंदरूनी लड़ाई बताया है जबकि सीएम अशोक गहलोत इस कारनामे के पीछे बीजेपी का हाथ बता रहे हैं. इस बीच कैलाश मेघवाल का ये बयान अपने आप में काफी मायने रखता है.