कर्नाटक में JDS बीजेपी को समर्थन देने को तैयार, उपचुनाव में किया कांग्रेस को गठबंधन से इनकार

कर्नाटक उपचुनाव में कांग्रेस 15 में से 13 सीटों पर कर रही जीत का दावा, ऐसी स्थिति में बीजेपी जेडीएस के साथ मिलकर बना सकती सरकार, कांग्रेस के मंसूबों पर फिर एक बार फिर सकता पानी

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. 5 दिसम्बर को 15 सीटों के लिए विधानसभा उपचुनावों में जेडीएस ने कांग्रेस से गठबंधन से इनकार कर दिया है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्यूलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने साफ किया है कि उनकी पार्टी आने वाले उपचुनावों में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और स्वतंत्र चुनाव लड़ेगी. कुमारस्वामी ने कहा कि हम किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.

इससे पहले जेडीएस और कांग्रेस ने गठबंधन करते हुए कर्नाटक (Karnataka) में पिछले साल सरकार बनायी थी. लेकिन कांग्रेस के 13 और जेडीएस के तीन विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के चलते सरकार अल्पमत में आ गयी थी. करीब दो हफ्ते के सियासी ड्रामे के बाद 23 जुलाई को फ्लोर टेस्ट में 6 मत से कुमारस्वामी सरकार गिर गयी. इसके बाद भाजपा के विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने 27 जुलाई को राजभवन में चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. राज्यपाल वजुभाई वाला पटेल ने उन्हें पद व गोपनियता की शपथ दिलाई.

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली के गुरुवार को दिए गए एक बयान के बाद कर्नाटक के सियासी गलियारों में भूचाल आ गया. मोइली ने कहा कि 5 दिसंबर को 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के बाद कर्नाटक की भाजपा सरकार खुद ही गिर जाएगी. उन्होंने कहा कि सामान्य बहुमत वाली भाजपा सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी. कर्नाटक की जनता मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के कुशासन और अक्षमता से आजिज आ चुकी है.

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मोइली ने उप चुनावों में कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा कि जमीनी सूचना के आधार पर जो रिपोर्ट मिल रही है, उसके मुताबिक उपचुनाव में 15 में से कांग्रेस 13 सीटें जीत रही है. यह येदियुरप्पा सरकार को हटाने के लिए पर्याप्त है. अगर ऐसा होता भी है तो जेडीएस के कांग्रेस गठबंधन में उप चुनाव न लड़ने का मतलब सीधे तौर पर गठबंधन में कांग्रेस के साथ सरकार नहीं बनाने का संकेत देता है. ऐसी स्थिति में बीजेपी जेडीएस के साथ मिलकर एक बार फिर कर्नाटक में सरकार बना सकती है और कांग्रेस के मंसूबों पर फिर एक बार फिर सकता है पानी.

कर्नाटक में जो कुछ घट रहा है, उससे तो यही लग रहा है कि जेडीएस अब भाजपा को समर्थन देने की तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि इससे पहले 29 अक्टूबर को पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने बीजेपी को समर्थन देने की बात भी कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी राज्य में बीजेपी सरकार को अपना समर्थन दे सकती है.

इसके अलावा, कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे हुबली में चुनाव के लिए हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे हैं. वीडियो में सुना जा सकता है कि कर्नाटक में ‘ऑपरेशन कमल’ बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर चलाया गया था, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल थे. लेकिन इस मुद्दे को लेकर कुमारस्वामी या जेडीएस ने येदियुरप्पा को घेरने की कोशिश नहीं की.

बल्कि कुमारस्वामी ने यह तक कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. कोई भी वीडियो बना सकता है और लीक कर सकता है. मैं इसमें किसी तरह की जांच की कोई मांग नहीं करता, क्योंकि इसमें कोई क्या ही जांच करेगा? इससे साफ तौर पर स्पष्ट होता है कि अंदर ही अंदर भाजपा और जेडीएस की वार्ता हो चुकी है. अगर वक्त आएगा तो कुमारस्वामी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. इससे कुमारस्वामी को डिप्टी सीएम की कुर्सी तो कम से कम मिल ही जाएगी.

गौरतलब है कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में सत्ताधारी भाजपा के 105 विधायक हैं. उसे एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है. विपक्ष के पास 101 विधायक हैं, जिनमें कांग्रेस के 66, जेडीएस के पास 34 और बसपा के एक विधायक है. अभी 17 सीट खाली है जिनमें से 15 पर मतदान होगा. अदालत में मामले विचाराधीन होने के कारण मस्की और राजराजेश्वरी नगर सहित दो विधानसभा सीटों पर चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया है.

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