पूर्व आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को इस बार कांग्रेस ने जालोर-सिरोही से लोकसभा का टिकट थमाया है. पिछली बार वैभव अपने गृह जिला जोधपुर से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन कांग्रेस के युद्धस्तर प्रचार के बावजूद गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने उनकी एक न चली और बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. इस बार उनकी सियासी पारी को शुरू करने के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत के सुपुत्र को फिर से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने के लिए उतारा जा रहा है. यहां उनका मुकाबला बीजेपी के लुंबाराम चौधरी से होना है. देवजी पटेल के जीत की हैट्रिक लगाने के बावजूद बीजेपी ने इस बार उनका टिकट काटकर लंबाराम चौधरी को दिया है. इसके बावजूद जूनियर गहलोत की राह आसान नहीं है. वजह है कि पिछले दो दशकों से कांग्रेस इस सीट से जीत को तरस रही है. 2004 में बीजेपी की सुशीला बगरू ने यह जालोर-सिरोही से लोकसभा जीत हासिल की थी. उसके बाद 1999 से 2019 सहित लगातार तीन आम चुनावों में देवजी पटेल ने जीत का परचम लहराया है.
जालोर-सिरोही लोकसभा संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति-जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 22.89 लाख है जिनमें अनुसूचित जाति-जनजाति मतदाताओं की संख्या 8 लाख से अधिक है. सामान्य वर्ग में कलबी (पटेल) तीन लाख, देवासी 2.10 लाख, मूल ओबीसी 4 लाख, राजपूत व भोमिया 1.50 लाख, ब्राह्मण व वैश्य सहित अन्य सवर्ण 3.20 लाख व मुस्लिम नब्बे हजार प्रमुख मतदाता है.
लोकसभा चुनाव-2019 में बीजेपी प्रत्याशी देवजी पटेल ने 5,80508 वोट लेकर चुनाव जीता. कांग्रेस प्रत्याशी उदयलाल आंजणा 1,99363 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं यहां से चार बार के सांसद रहे सरदार बूटासिंह का कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्दलीय मैदान में उतरे लेकिन 1,75,344 वोट लेने के बावजूद हार गए और तीसरे स्थान पर रहे.
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1998 के चुनाव में जालोर-सिरोही सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीते सरदार बूटासिंह व अन्य दलों की मदद से देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी. इसी वजह से बूटासिंह को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कैबिनेट में लिया गया था. उसके बाद 1999 में बूटासिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की. उसके बाद बूटा सिंह दो बार कांग्रेस के टिकट पर हारे. 2004 में बीजेपी की सुशीला ने उन्हें करीब 39 हजार वोटों से हराया. 2009 में देवजी पटेल से 50 हजार वोटों से हारे.
जालोर-सिरोही लोकसभा संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी लगातार चार बार से फतेह कर जीत के घोड़े पर सवार है. अब देखना रोचक होने वाला है कि पिछली बार जोधपुर से हारे वैभव गहलोत इस बार बीजेपी की 25 के 25 सीट जीतने की हैट्रिक पाएंगे या फिर जालोर-सिरोही लोकसभा सीट को जीतकर बीजेपी के इस रथ को रोक पाने में संभल हो जाएंगे.