रोचक सियासी चर्चा- ‘मराठी राबड़ी देवी’ कहने पर अपमान किसका, राबड़ी का या रश्मि ठाकरे का?

महाराष्ट्र में कमाल की राजनीति! रश्मि ठाकरे के अपमान पर भड़की शिवसेना, भले इसमें अपमान जैसा क्या हुआ है जो शिवसेना इस तरह से भड़क रही है, बेदाग राजनीतिक जीवन वाली एक महिला राजनेता राबड़ी देवी से रश्मि ठाकरे की तुलना उनका अपमान कैसे?

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Politalks.News/MaharashtraPolitics. देश में पांच राज्यों में होने वाली चुनावी राजनीति से इतर इन दिनों महाराष्ट्र में एक अलग ही गजब की राजनीति हो रही है. हाल ही में महाराष्ट्र (Maharashtra) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख जितेन गजरिया ने सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे की तुलना बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) से कर दी. बस फिर क्या था, बीजेपी के इस कृत्य पर पर शिवसेना (Shivsena) के नेता भड़के हुए हैं और इसे रश्मि ठाकरे (Rashmi Thackeray) का अपमान बता रहे हैं. जबकि दूसरी ओर सियासी गलियारों में एक अलग ही चर्चा इस बात की हो रही है कि भले इसमें अपमान जैसा क्या हुआ है जो शिवसेना इस तरह से भड़क रही है. बेदाग राजनीतिक जीवन वाली एक महिला राजनेता से रश्मि ठाकरे की तुलना उनका अपमान कैसे है?

वहीं इससे भी बड़ी सियासी चर्चा तो यह भी है कि इस तरह रश्मि ठाकरे का नहीं बल्कि राबड़ी देवी का अपमान किया जा रहा है और ये अपमान भाजपा के नेता ही नहीं शिवसेना के नेता भी कर रहे हैं. सबसे रोचक बात तो यह है कि इस पूरे मामले पर अब तक बिहार से किसी भी नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यहां आपको यह भी बता दें कि ठाकरे परिवार के पूर्वज खुद बिहार से ही निकले हुए हैं.

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‘मराठी राबड़ी देवी’ लिख कर फ़ोटो की थी पोस्ट
दरअसल, भाजपा मीडिया सेल के प्रमुख जितेन गजरिया ने ‘मराठी राबड़ी देवी’ लिख कर रश्मि ठाकरे की एक फोटो पोस्ट की थी. इसके बाद से पूरे महाराष्ट्र में हंगामा मचा है. महाराष्ट्र पुलिस ने उनके ऊपर केस कर दिया और पुणे में गजरिया से चार घंटे तक पूछताछ के बाद पुलिस ने उनको छोड़ा. जब पुलिस को लगा कि इस मामले में उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है तो एक दूसरी पोस्ट का बहाना बना कर भड़काऊ कंटेंट सोशल मीडिया में डालने का मुकदमा दायर कर उनको गिरफ्तार करने का प्रयास चल रहा है. चर्चा है कि शिवसेना के नेताओं और राज्य के पुलिस प्रशासन को यह यह कबूल नहीं है कि कोई रश्मि ठाकरे की तुलना राबड़ी देवी से करे.

निशाने पर गजरिया, शिवसेना ने बताया कंगारू
शिवसेना की नेता और मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर तो इतनी नाराज हो गईं कि उन्होंने गजरिया को खूब खरी-खोटी सुनाई. मुंबई की मेयर पेडनेकर ने कहा कि, ‘कौन है जितेन गजरिया? वह कंगारू की तरह एनसीपी से बीजेपी में आ गया और आज वह महाराष्ट्र की महिलाओं के बारे में, रश्मि भाभी के बारे में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी कर रहा है’.

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भाजपा ने कहा- शिवसेना के नेता ने की थी हेमामालिनी के लिए अभद्र टिप्पणी
मुंबई मेयर के वार के जवाब में भाजपा के नेता राम कदम ने किशोरी पेडनेकर की टिप्पणी की आलोचना करने की बजाय कहा कि, ‘महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने भाजपा नेता और मथुरा से सांसद हेमामालिनी के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की’. यहां मजे की बात यह है कि भाजपा की नजर में भी यह तुलना अभद्र टिप्पणी है.

बिहार की मुख्यमंत्री रही राबड़ी देवी का राजनीतिक जीवन रहा बेदाग
आपको बता दें कि बिहार जैसे बड़े राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थी. राबड़ी राजद के कर्ताधर्ता लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं. उनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा. केवल एक बात जरूरी थी कि राबड़ी देवी कम पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे लगभग आठ साल बिहार की मुख्यमंत्री रहीं और शुरुआती कुछ दिनों को छोड़ दें तो उन्होंने मन लगा कर राजनीति की और सरकार भी चलाई.

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सियासी चर्चा- ये रश्मि ठाकरे का नहीं राबड़ी देवी का है अपमान!
सियासी गलियारों में इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त चर्चाओं का दौर जारी है. कहा जा रहा है कि, यह एक सवर्ण और महानगरीय मानसिकता में है. एक पिछड़े राज्य की पिछड़ी जाति की एक महिला, जिसके ऊपर किसी तरह का आरोप नहीं है और जो आठ साल तक बिहार की मुख्यमंत्री रही हैं, उससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी की तुलना करना अपमानजनक और अभद्र माना जा रहा है. असल में यह रश्मि ठाकरे का नहीं, बल्कि राबड़ी देवी का अपमान है, जो पहले भाजपा के एक नेता ने किया, फिर शिव सैनिक और भाजपा के लोग एक साथ कर रहे हैं.

इस पूरे मामले में सबसे हैरानी की बात यह है कि जहां बिहार के सारे बड़े नेताओं ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है, वहीं महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार भी कुछ नहीं कह रहा है. हालांकि, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि इस तरह की बातों से बीजेपी की महिला विरोधी मानसिकता उजागर होती है. राबड़ी देवी ने बिहार का गौरव बढ़ाया है, उनका अपमान कर बीजेपी ने माताओं-बहनों का अपमान किया है. ऐसे लोगों पर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं आपको बता दें कि दिवगंत बाल ठाकरे के पिता प्रबोधनकर ठाकरे ने खुद लिखा था कि उनके पूर्वज बिहार से निकल कर ही महाराष्ट्र पहुंचे थे.

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