वर्चुअल रैलियों में हम नहीं कर सकते BJP से मुकाबला, पैसा दे चुनाव आयोग- प्रचार ‘कर्फ्यू’ पर बिफरे अखिलेश

पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान, कोरोना को देखते हुए आयोग का बड़ा फैसला, 15 जनवरी तक रैलियों पर लगाया कर्फ्यू! डिजीटल और वर्चुअल रैलियों का हो सकेगा आयोजन, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का सामने आया दर्द, चुनाव आयोग से कर दी ये मांग, साथ ही बीजेपी का सफाया होने का फिर किया दावा

प्रचार 'कर्फ्यू' पर बिफरे अखिलेश
प्रचार 'कर्फ्यू' पर बिफरे अखिलेश

Politalks.News/UttarpradeshChunav. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने शनिवार को उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh Assembly eleciton) समेत 5 राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच 7 चरणों में मतदान होगा. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चुनाव आयोग ने एक तरह से 15 जनवरी तक ‘प्रचार पर कर्फ़्यू’ (Parchar curfew) लगा दिया है, मतलब यह कि आयोग ने कहा कि किसी भी राज्य में पार्टियों को रैलियों और रोड शो के आयोजन की इजाजत नहीं होगी. इन चुनावों में 15 जनवरी तक किसी भी नुक्कड़ सभा व साइकिल रैली या बाइक रैली और पदयात्रा जैसी चीजों पर भी रोक रहेगी और केवल डिजिटल रैलियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. आयोग के इस फैसले से सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) खासा नाराज दिखे. अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि वर्चुअल रैली के मामले में हम भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते आयोग को आर्थिक मदद करनी चाहिए और टीवी पर ज्यादा स्पेस दिया जाना चाहिए.

अखिलेश बोले- जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है उनका क्या?
चुनाव आयोग के रैलियों पर रोक लगाने और डिजिटल और वर्चुअल रैलियां करने के फैसले पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि, ‘अगर चुनाव आयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में राजनीतिक दलों के लिए वर्चुअल रैलियों के पक्ष में है, तो आयोग को इसे सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान खेल मैदान बनाना चाहिए’. अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘पहली बार कोरोना के समय में इस तरह से चुनाव हो रहा है. आयोग ने कई तरह के नियम बनाए हैं. लेकिन वर्चुअल रैलियों की हम बात करें तो आयोग को उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है’.

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‘BJP से मुकाबले के लिए राजनीतिक दलों को पैसा दे आयोग’
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को कुछ फंड देना चाहिए ताकि वे (राजनीतिक दल) एक कदम आगे बढ़ें, बुनियादी ढांचा तैयार करें क्योंकि हम भाजपा के बुनियादी ढांचे के साथ मुकाबला नहीं कर सकते. इसलिए हम अपील करते हैं कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को सरकार से कुछ फंड दिलवाना चाहिए ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी राजनीतिक दल जिनके पास भाजपा की तरह मजबूत नहीं है, वे मुकाबला करने में सक्षम हों’

‘भाजपा के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर, विपक्ष को भी मिले स्पेस
चुनाव आयोग से मांग करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘आयोग को विपक्षी दलों को टीवी पर अधिक समय देना चाहिए और यह फ्री में मिलना चाहिए. भाजपा के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर है. इलेक्शन बॉन्ड भी उन्हें ही सबसे ज्यादा मिलते हैं. विपक्षी पार्टियों को भी कहीं न कहीं स्पेस मिलना चाहिए’.

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’10 मार्च को हो जाएगा भाजपा का सफाया’
इसके साथ ही एक बार फिर भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘पंचायत चुनाव में लोगों ने देखा था कि भाजपा के कार्यकर्ता अधिकारी बन गए थे. कोरोना के काल में लोगों ने देखा था कि कैसे लोगों के परिजनों को ऑक्सीजन नहीं मिले और बिस्तर नहीं मिले. चुनाव आयोग को सख्ती सरकार के लिए रखनी चाहिए. वही मनमानी करती है’ साथ ही अखिलेश ने एक बार दावा किया कि, ’10 मार्च को भाजपा का सफाया हो जाएगा‘.

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