मेरा नहीं है किसी से कोई विवाद, 30 सालों में जो नहीं हुआ वो होगा 2023 में- सचिन पायलट का बड़ा दावा

हिंदुस्तान वेब पोर्टल पर पायलट का धमाकेदार इंटरव्यू, पायलट बोले- 'हर चुनाव में सत्ता बदलने की परंपरा को है तोड़ना, मेरे सुझावों पर पार्टी आलाकमान ने उठाए उचित कदम, केन्द्र सरकार और भाजपा पर साधे जमकर निशाने, खुद की भूमिका पर फिर बोले- जो आलाकमान कहेगा वो करूंगा

सचिन पायलट का बड़ा दावा
सचिन पायलट का बड़ा दावा

Politalks.News/Rajasthan. कांग्रेस के युवा तुर्क और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) का एक इंटरव्यू हिंदुस्तान (Hindustan) डिजिटल वेबपोर्टल पर प्रकाशित हुआ है, जिसमें सचिन पायलट कई मुद्दों पर बेबाकी से अपने विचार रखे हैं. पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ नाराजगी के सवाल के जवाब में कहा कि, ‘मेरा किसी व्यक्ति विशेष से कोई विवाद नहीं रहा है. मैंने कुछ बुनियादी मुद्दों को लेकर अपने सुझाव पार्टी आलाकमान को दिए. उन सुझावों पर पार्टी ने उचित कदम उठाए. हमारा मकसद राजस्थान (Rajasthan) में 30 सालों से चली आ रही हर चुनाव में सत्ता बदलने की परंपरा को तोड़ना है’. इस दौरान सचिन पायलट ने कृषि कानूनों की वापसी के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को जमकर घेरा तो साथ ही आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन का दावा भी किया. खुद की भूमिका के सवाल पर पायलट ने फिर कहा कि, ‘आलाकमान से जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरा करूंगा‘.

सवाल- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आपकी पूरी सुलह हो चुकी है या फिर बची है नाराजगी?
सवाल के जवाब में पायलट ने कहा कि, ‘मेरा किसी व्यक्ति विशेष से कभी कोई विवाद नहीं रहा. मैंने कुछ बुनियादी मुद्दों पर अपने सुझाव पार्टी आलाकमान को दिए थे. जिसके पीछे मकसद यह था कि राजस्थान में पिछले 30 सालों से एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की सरकार का जो सिलसिला चल रहा है, वह टूटे. इसके लिए हम संगठन और सरकार के स्तर पर और क्या अच्छा कर सकते हैं जिससे 2023 में हम फिर से सरकार बना सकें. मेरे सुझावों पर पार्टी ने कमेटी बनाई और उस दिशा में उचित कदम उठाए हैं, जिसका सबने स्वागत किया है. इसलिए जो पिछले 30 सालों में नहीं हुआ, वह 2023 में होगा.

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सवाल- आप राजस्थान में दोबारा चुनाव जीतने की बात कह रहे हैं लेकिन आपकी सरकार ने किसानों की कर्जमाफी और बेरोजगारी के मुद्दे पर कुछ नहीं किया?

कर्जमाफी और बेरोजगारी को लेकर पायलट ने कहा कि, ‘किसानों पर जो कर्ज सहकारी बैंकों का था, वह माफ कर दिया गया है. जो केंद्रीय बैंकों का है, उसके लिए काफी पहले प्रस्ताव दिया जा चुका है. वे केंद्र के अधीन हैं, इसलिए अटका हुआ है’. इसके साथ ही केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि, ‘दूसरी तरफ केंद्र अरबों रुपये का कॉरपोरेट कर्ज माफ कर रही है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं करने दे रही. जहां तक बेरोजगारी का प्रश्न है, निश्चित रूप से केंद्र की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था बिगड़ी है. इसका असर पूरे देश में पड़ा है. कोरोना से समस्या और बढ़ी है. केंद्र ने कहा कि कोरोना से उबरने को 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है, लेकिन वह कहां गया? उससे रोजगार सृजन क्यों नहीं हो रहा? राजस्थान में तीन सालों में सरकार ने एक लाख नौकरियां दी हैं. आने वाले दिनों में और वैकेंसियां आ रही हैं‘.

सवाल- पार्टी में आपकी नई भूमिका क्या होने जा रही है?

अपनी भविष्य में भूमिका को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि, ‘21 सालों से जो जिम्मेदारी दी है, उसे निभा रहा हूं. कई पदों पर रह चुका हूं. आगे जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरा करूंगा‘.

सवाल- जयपुर में महंगाई रैली से क्या पार्टी की एकजुटता प्रदर्शित करना था या फिर केंद्र को संकेत देना?
जयपुर में हुई महंगाई रैली को लेकर टोंक विधायक पायलट ने कहा कि, ‘पार्टी तो पहले से एकजुट है, इस रैली के जरिये हमने महंगाई हटाने का नारा दिया है. केंद्र सरकार को ललकारा है, जिसका असर पूरे देश में होगा. आज पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाने-पीने की वस्तुओं के बढ़ते मूल्यों के कारण आम आदमी का जीवन मुश्किल हो गया है. लेकिन भाजपा सरकार को इसकी परवाह नहीं है, क्योंकि उसे लगता है कि वह ध्रुवीकरण की राजनीति करके हर चुनाव जीत लेगी‘. पायलट ने कहा कि,’लेकिन महंगाई समेत केंद्र की अन्य विफलताओं को लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा. जैसे केंद्र को किसान कानून वापस लेने पड़े हैं, वैसे ही महंगाई रोकने के लिए भी कदम उठाने होंगे’.

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सवाल- कृषि कानून वापसी को आप किस रूप में देखते हैं?

केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुए पूर्व पीसीसी चीफ पायलट ने कहा कि, ‘पांच राज्यों में चुनाव में हार की डर से यह कानून वापस लिए गए हैं. यह अन्नदाता की जीत है. जिस प्रकार किसानों ने सरकार को सबक सिखाया है, आने वाले चुनावों में जनता भी बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दों पर सबक सिखाएगी.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए किस प्रकार की उम्मीद देखते हैं?

इस सवाल के जवाब में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि, ‘पंजाब में हमारी वापसी होगी. उत्तराखंड, गोवा में सरकार बनाएंगे. पांचों राज्यों में हमारा प्रदर्शन अच्छा होगा. उत्तर प्रदेश में प्रियंका जी के प्रयासों से कांग्रेस विकल्प पेश कर रही है. इसका ट्रेलर हाल में हुए उपचुनाव में मिल गया था. कर्नाटक, राजस्थान और हिमाचल में कांग्रेस ने भाजपा को हराया था. संकेत साफ हैं कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती.

सवाल- लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति कमजोर पड़ती दिख रही है, विपक्षी एकता कमजोर हो रही है?

कांग्रेसी दिग्गज सचिन पायलट ने इस सवाल के जवाब में कहा कि, ‘कांग्रेस ही एकमात्र दल है, जो भाजपा के खिलाफ देशभर में मजबूती से खड़ा है. कांग्रेस को यूपीए के घटक दलों के साथ-साथ भाजपा से छिटके दलों को लेकर अभी से यूपीए प्लस पर काम शुरू कर देना चाहिए. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2019 में भी करीब दो तिहाई मत भाजपा को नहीं मिले थे’.

सवाल- आप नये दलों को साथ लेने की बात कह रहे हैं लेकिन तृणमूल दूरी बना रही है?

TMC से जुड़े सवाल पर कांग्रेस के युवा नेता पायलट ने कहा कि, ‘तृणमूल तो 2013 में ही यूपीए छोड़ गई थी लेकिन उसका क्षेत्र सीमित है, उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. कांग्रेस के फुटप्रिंट पूरे देश में हैं और वही भाजपा के खिलाफ देशव्यापी धुरी बन सकती है.

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सवाल- लेकिन आपको नहीं लगता है कि कांग्रेस से नेताओं का पलायन हो रहा है, पार्टी अभी भी नेतृत्व संकट से जूझ रही है?

संगठन से जुड़े सवाल पर पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कहा कि, ‘संगठन चुनाव घोषित हो चुके हैं. चंद महीनों में हो जाएंगे. जहां तक पलायन की बात है तो यह लोगों का अधिकार है कि वह कहां काम करना चाहते हैं. लेकिन किस वक्त में उन्होंने कौन सा कदम उठाया, यह सही है या नहीं, इसका निर्णय समय आने पर जनता करेगी.

सवाल-विजय दिवस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र न होने को आप किस रूप में देखते हैं, आपकी पार्टी ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है?

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का केंद्र के विजय दिवस कार्यक्रम में जिक्र नहीं होने को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. पायलट ने कहा कि, ‘ये निंदनीय और अशोभनीय है. एक गलत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं. 1971 में जंग हुई, इंदिरा गांधी जी प्रधानमंत्री थीं. अमेरिका की धमकी के बावजूद उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए. सबको पता है कि 50 वर्ष पहले देश में क्या हालात थे. एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक बनाया. अब जब हम इस विजय की 50वीं सालगिरह मना रहे हैं तब उनका जिक्र ही नहीं करना, संकीर्ण मानसिकता का परिणाम है. लेकिन आज क्या हो रहा है? देश मजबूत है. फिर भी चीन सैकड़ों किलोमीटर भारतीय क्षेत्र में घुस आया है और सरकार चुप बैठी है? यह चिंता का विषय है. सरकार कदम उठाए. कांग्रेस पार्टी साथ है’.

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