‘दारू इतनी फैला दो कि पीएं और पड़े रहें’- शिवराज के वायरल वीडियो के बाद दिग्विजय सिंह के खिलाफ FIR

राज्यसभा चुनाव के चार दिन पहले हुआ मुकदमा दर्ज, सीएम शिवराजसिंह के एक वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर डालने का है आरोप, कमलनाथ ने बताया दुर्भावनापूर्ण कृत्य, बीजेपी नेताओं की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने दिग्विजय सिंह सहित 11 पर किया मुकदमा दर्ज, दिग्गी राजा पर पहले से चल रहा है आरएसएस को लेकर दिए गए बयान मामले में मुकदमा

सिंह दिग्विजय
सिंह दिग्विजय

पाॅलिटाॅक्स न्यूज/मध्यप्रदेश. राज्यसभा चुनाव के चार दिन पहले पहले तकरीबन हर उस राज्य में राजनीति गर्मा चुकी है, जहां-जहां राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं. ताजा घटनाक्रम एमपी के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईटी एक्ट में पुलिस मुकदमे से जुड़ा है. इसके बाद मध्य प्रदेश में सियासत परवान चढ़ने लगी है. दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सोशल मीडिया पर एक एडिट किया हुआ वीडियो बीते कुछ दिनों से वायरल हो रहा था. इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा किया था. इसे 11 लोगों ने रीट्वीट किया, इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज अब सख्त हो गए. उन्होंने रविवार को चेतावनी दी थी कि इसे साझा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या है पूरा मामला
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा रविवार दोपहर को ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो ट्वीट हुआ. वीडियो के साथ एक कैप्शन लिखा था – “मदिरालय खोल दिए पर मंदिरों और पूजा स्थलों पर लॉकडाउन, वाह रे मामा इतना पिलाओ कि पड़े रहें, क्या कहने.” हालांकि ये ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया गया.

वीडियो में कांटछांट करने का है मामला

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एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच निश्चल झारिया ने बताया कि रविवार रात को पूर्व मंत्री व विधायक विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा ने लिखित शिकायत की. साक्ष्य के तौर पर वीडियो की कॉपी पेन ड्राइव में पेश की. शिकायत में बताया गया कि कमल नाथ सरकार की आबकारी नीति में गांव-गांव में शराब दुकान खोलने की रूपरेखा बनाई जा रही थी. इस पर 12 जनवरी को किसी पत्रकार ने शिवराज सिंह चौहान से प्रतिक्रिया ली थी. उसमें शिवराज सिंह ने साक्षात्कार के दौरान तत्कालीन सरकार की आबकारी नीति के विरोध में समाज हित पर अपनी टिप्पणी की थी.

साक्षात्कार का यह 2 मिनट 19 सेकंड का वीडियो उसी दिन शिवराज सिंह के अधिकृत ट्विटर अकाउंट पर डाला गया था. उसी वीडियो में कांटछांट कर 9 सेकंड का वीडियो तैयार किया गया है. उसे रविवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर डाला जिसे 11 लोगों ने रिट्वीट किया.

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की छवि खराब करने का आरोप

बीजेपी नेताओं ने दिग्विजय सिंह पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया. बीजेपी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा कूटरचित वीडियो ट्वीटर पर डालकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई.

दिग्विजय सिंह सहित 11 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

भोपाल क्राइम ब्रांच ने भाजपा नेताओं की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके साथ ही वीडियो को रीट्वीट करने वाले अन्य 11 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने अविनाश कडवे नाम के व्यक्ति व अन्य के खिलाफ धारा 500, 501, 505(1) बी, 67 आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जताया विरोध

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प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर दर्ज हुए प्रकरण की कड़ी निंदा करता हूँ। भाजपा सरकार प्रदेश में निरंतर कांग्रेस के नेताओ पर दमनकारी कार्यवाही कर अपनी विद्वेष व दुर्भावना वाली सोच को प्रदर्शित कर रही है।


सरकारें आती जाती रहती है लेकिन भाजपा प्रदेश में एक ग़लत परंपरा को जन्म दे रही है। भाजपा से जुड़े लोग कांग्रेस के नेताओ के ख़िलाफ़ निरंतर डर्टी पॉलिटिक्स कर उनकी छवि बिगाड़ने का काम करते है वो एक वायरल विडीओ पर दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ झूठी शिकायत कर रहे है।

यदि कोई विडीओ एडिटेड है तो कार्यवाही एडिटेड विडीओ बनाने वाले के ख़िलाफ़ होनी चाहिये लेकिन दिग्विजय सिंह पर कार्यवाही समझ के परे है ?

पहले भी दर्ज हो चुका है दिग्विजय सिंह के खिलाफ मुकदमा

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ मुकदमें की यह पहली कार्रवाई नहीं है. दिग्विजय सिंह और विवादों का पुराना नाता रहा है. आरएसएस और हिंदू धर्मावलंबियों के खिलाफ बोलने पर पहले भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ मुदकमा दर्ज हो चुका है. दिग्विजय सिंह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में आरएसएस और हिन्दू संगठनों द्वारा आईएसआई से पैसा लेने का आरोप लगाया था. दिग्विजय ने अपने बयान में सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों को आतंकी गतिविधियों का बताया था. साथ ही कहा था कि भगवा वस्त्र पहनकर मंदिरों में बलात्कार किया जाता है. इसी मामले में हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ खुशीनगर थाने में आईपीसी की धारा 153।, 295।, 298, 505(2)के तहत मुकदमा दर्ज कराया था.

दिग्विजय सिंह ने हटाया वीडियो
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर वायरल वीडियो को अपने ट्विटर से साझा किया था. इसे 11 लोगों ने रीट्वीट किया था. विवाद बढ़ने पर दिग्विजय ने इसे डिलीट कर दिया है. भोपाल क्राइम ब्रांच ने भाजपा की शिकायत पर दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके साथ ही वीडियो को रीट्वीट करने वाले अन्य 11 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है. अब इस मामले में सियासत गर्मा गई है. बीजेपी के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नेताओं की सच्चाई सामने आ रही है, किस तरह कांग्रेस नेता उल्टे सीधे हथकंडे अपनाकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की छवि खराब करने में लगे हैं.

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