मजदूरों और बेरोजगारों की मांगों को लेकर डॉ किरोडी मीणा ने किया विधानसभा का पैदल कूच, कल होगी मुख्यमंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री से होने वाली वार्ता सफल नहीं हुई तो मैं प्रदेश में करूंगा एक बडा आंदोलन, राहुल गांधी जी सुन लो कांग्रेस सरकार किसानों और बेरोजगारों के दम पर सत्ता में आयी है, गहलोत सरकार द्वारा रोजगार नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण- किरोडी मीणा

राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा
राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा

पॉलिटॉक्स न्यूज़. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में सवाई माधोपुर सीमेंट फैक्ट्री के हजारों मजदूर और प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं ने अपनी मांगो को लेकर राजधानी जयपुर में विरोध प्रदर्शन किया. सांसद किरोड़ी मीणा बुधवार दोपहर में को सीमेंट फैक्ट्री के हजारों मजदूरों के साथ ट्रेन से सवाई माधोपुर से जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पहुंचे और यहां से सीधे मजदूरों व बेरोजगार युवकों के साथ पैदल विधानसभा कूच के लिए निकले. इस दौरान सांसद मीणा सहित हजारों युवकों को पुलिस ने पहले विधानसभा के पास ईमली फाटक पर और फिर सहमार्ग नाले पर रोक कर धरनास्थल की ओर रवाना कर दिया.

सांसद डॉ किरोडी मीणा ने धरना स्थल पर प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं और मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि सीमेंट फैक्ट्ररी के मजदूरों की समस्याओं का जब तक समाधान नहीं होगा जब तक चैन से नहीं बैठूंगा. गहलोत सरकार बडे उद्योगपतियों को संरक्षण दे रही है वहीं गरीब मजदूरों के हितों की अनदेखी कर रही है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय बेरोजगार युवकों को भत्ता देने का वादा किया था. एक वर्ष बाद भी गहलोत सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पाई जिससे प्रदेश का युवा ठगा सा महसूस कर रहा है.

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इसके साथ ही सांसद किरोड़ी मीणा ने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र सरकार के खिलाफ बेरोजगारी व SC-STआरक्षण को लेकर धरना दे रही है, वहीं प्रदेश में विभिन्न नियुक्तियों के मामले अटके पडे हैं. ऐसे में गहलोत सरकार प्रदेश में बेरोजगारों की किस बात पर धरना और सभा कर रही है. गहलोत सरकार युवाओं के प्रति अगर संवेदनशील है तो कुछ दिन पहले प्रदेश की बेटियों ने रोजगार को लेकर कई दिनों तक टंकी पर चढकर प्रदर्शन किया तब सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी.

वहीं सांसद डॉ किरोड़ी मीणा के द्वारा धरना दिये जाने पर पुलिस प्रशासन ने उधोग मंत्री परसादी लाल मीणा को पूरे मामले से अवगत कराया था. इस पर किरोडी मीणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो केबीनेट मंत्री किसी की एफआईआर तक दर्ज नहीं करा सकता हो वो इतने बडे उद्योगपति से मजदूरों को क्या न्याय दिलवायेगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से संदेश प्राप्त हो गया है इन सभी मुददों पर गुरूवार को मुख्यमंत्री से मेरी व प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात होगी. डॉ मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री से होने वाली वार्ता सफल नहीं हुई तो मैं प्रदेश में एक बडा आंदोलन करूंगा.

इससे पहले पूरे मामले पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए सांसद मीणा ने बताया कि सवाईमाधोपुर में एशिया का सबसे बडा सीमेंट प्लांट था जो कि 1987 में बंद हो गया. उस प्लांट को चलाने के लिए दो साल तक मजदूरों ने आंदोलन किया, जिसमें मैं भी शामिल था. उस प्लांट को चलाने की जिम्मेदारी 1992 में कमल बोरारका ने ली थी. यह प्लांट उनकों चलाने की शर्त पर दिया गया था. इसमें जितनी भी देनदारियां थी उनकों खत्म किया गया फिर भी प्लांट को चलाया नहीं गया. सवाईमाधोपुर सीमेंट फैक्ट्री की देशभर में 40-45 हजार करोड की अचल संपत्ति है. कमल बोरारका उसको खुर्दबुर्द करना चाहते है.

सांसद डॉ किरोड़ी मीणा ने कहा कि इस मामले में हमारा विरोध है और सरकार से हमारी मांग है कि इतनी बेश कीमती संपत्ति को खुर्दबुर्द नहीं करने दें. सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में आदेश दिया था कि कमल बोरारका प्लांट को चलाना नहीं चाहता है. इसलिए सरकार कोई दूसरा उद्योगपति लाए. हम सरकार से कहने आये हैं कि कोई दूसरा उद्योगपति लिख के दे जिससे यह प्लांट चल सके. इसके साथ ही मीणा ने बताया कि जब मैं 2007 में श्रममंत्री था तब मैंने 1154 क्वाटर मजदूरों के नाम किए थे. उनका पटटा देने का मामला है ओर करीबन 86 करोड रूपये का मजदूरों को बकाया का भुगतान देने का मामला है. इस मामले में हजारों की तादाद में मजदूर सवाई माधोपुर से जयपुर आये है.

सांसद किरोडी मीणा ने आगे कहा कि फर्स्ट ग्रेड शिक्षक का जब आंदोलन चला था तब सरकार ने दो आश्वासन दिए थे. पहला तीन हजार भर्तियां ओर निकालने का व दूसरा 31 हजार भर्तियां रीट में निकालने का जिनकों अभी तक नहीं निकाला गया है. इसी तरह से 2013 में एलडीसी की परीक्षा हुई जिसमें 1254 पद एससी-एसटी के खाली रह गये. 2018 की परीक्षा भर्ती में जोडकर एससी-एसटी के उम्मीदवारों को बुलाया जाए और उनकों नियुक्ति दी जाए. अन्य बेरोजगार प्रयोगशाला सहायक, सूचना सहायक इन सभी बेरोजगारों को सरकार के वादे अनुसार सलेक्शन करना चाहिए और नियुक्ति देनी चाहिए. इसके साथ ही कोचिंग की भारी लूट और सरकार के फीस एक्ट को लागू किया जाए.

सांसद किरोड़ी मीणा ने आगे कहा कि इन सभी मुददों को लेकर हम विधानसभा पर प्रदर्शन करना चाहते थे. लेकिन सरकार की मनमानी है कि लोकतांत्रिक तरीके से किए जा रहे प्रदर्शन को भी उचित स्थान पर नहीं करने दिया जा रहा. हम कानून को नहीं तोडना चाहते है. वहीं डॉ मीणा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी जी कह रहे है मोदी जी बेरोजगारों को रोजगार नहीं दे रहे, राहुल गांधी जी सुन लो कांग्रेस सरकार किसानों और बेरोजगारों के दम पर सत्ता में आयी है, गहलोत सरकार द्वारा रोजगार नहीं दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इन मांगो को लेकर हम मुख्यमंत्री से मिलना चाहते है.