उद्धव के ‘स्टेयरिंग’ बयान पर फडणवीस का पलटवार, कहा- सीएम के हाथ में ऑटो-रिक्शा की स्टेयरिंग

पूर्व सीएम ने कहा- मुख्यमंत्री भूल गए कि ऑटो-रिक्शा का ड्राइवर नहीं बल्कि पीछे बैठी सवारी तय करती है कि कहां पर है जाना, सवारी से बीजेपी नेता का मतलब राकंपा और कांग्रेस से, सरकार चलाकर दिखाने की दी चुनौती

Devendra Fadanvis
Devendra Fadanvis

PoliTalks.news/Maharashtra. ‘यह सच है कि ऑटो-रिक्शा का स्टेयरिंग मुख्यमंत्री के हाथ में हैं, लेकिन वह यह भूल गए कि ऑटो-रिक्शा का ड्राइवर नहीं बल्कि पीछे बैठी सवारी तय करती है कि कहां पर जाना है.’ यह कहना है विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस का, जो दादर स्थित मुंबई भाजपा कार्यालय वसंत स्मृति में आयोजित प्रदेश पदाधिकारी की वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे थे. प्रदेश के पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उद्धव ने कहा था कि तीन पहियों की सरकार का स्टेयरिंग मेरे हाथों में है. फडणवीस ने इशारों इशारों में राकांपा और कांग्रेस पर भी निशाना साधा.

पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा कि ऑटो-रिक्शा का ड्राइवर नहीं बल्कि पीछे बैठी सवारी तय करती है कि कहां पर जाना है. पीछे बैठी सवारी से उनका अभिप्राय राकांपा और कांग्रेस से है जो महाविकास अघाड़ी सरकार के सहयोगी दल हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यदि सवारी द्वारा तय जगह पर ऑटो-रिक्शा नहीं गया तो ड्राइवर को रोजगार नहीं मिलता है. फडणवीस ने ये भी कहा कि इस ऑटो-रिक्शा में बैठने वाली सवारी को भी कुछ समझ में नहीं आता. ऑटो-रिक्शा की हालत ऐसी हो गई है कि कौन सी दिशा में कौन लेकर जा रहा है, यही पता नहीं है. इससे महाराष्ट्र का नुकसान हो रहा है.

फडणवीस ने कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी की सरकार अंतर्विरोधों से भरी है. भाजपा को सरकार गिराने की जरूरत नहीं है, सरकार के घटक दल ही एक-दूसरे की टांग तोड़ने में सक्षम है. हर दिन यही करते हैं. महाविकास आघाड़ी सरकार अपने अंतर्विरोधों से ही गिर जाएगी, हम तो इंतजार करने के लिए तैयार हैं.

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फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाविकास अघाड़ी को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा को सरकार गिराने में रुचि नहीं है लेकिन फिर भी आप लोग सरकार चलाकर दिखाइए. फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी बेईमानी से बनी है. विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगी दल शिवसेना को जीत मिली थी लेकिन सत्ता के लिए तीन पार्टियों ने आपस में हाथ मिला लिया.

वैसे बीजेपी का रूख पूरी तरह से साफ समझ नहीं आ रहा. बीते दिनों बीजेपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रकांत ने शिवसेना के समक्ष प्रस्ताव रखा कि पार्टी शिवसेना से हाथ मिलाने के लिए तैयार है. उन्होंने अपनी पुरानी दोस्ती को याद दिलाते हुए कहा कि दोनों पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. उनका ये बयान शिवसेना और कांग्रेस नेताओं के बीच यदा कदा आ रहे नाराजगी के बीच आया है लेकिन राकंपा प्रमुख शरद पवार के होते हुए त्रिगुट सरकार का गठबंधन का टूटना मुश्किल है.

इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव सरकार ने अन्य राज्यों में कथित तौर पर बीजेपी द्वारा तोड़ फोड़ कर जनमत से बनी सरकार को गिराकर नई सरकार बनाने के सवाल पर कहा कि अगर किसी की हिम्मत है तो मेरी सरकार दिखाए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को चुनौती देते हुए कहा कि मेरी सरकार गिराकर बताओ, तब देखता हूं.

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एक इंटरव्यू में ऑपरेशन लोटस महाराष्ट्र में सफल होगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि जिस किसी को मेरी सरकार गिरानी है वो गिराए, मैं अभी देखता हूं. उन्होंने कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है. पर स्टेरिंग मेरे ही हाथ में है. बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा.

तीन पहियों वाली सरकार के आरोप पर महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है. मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा. लोग मेरे साथ हैं इसलिए मैं बुलेट ट्रेन ले आऊं, ऐसा नहीं है. सीएम ठाकरे ने कहा कि जब तक कि वो सर्वमत से ना हो. इसलिए तीन पहिया तो तीन पहिया. वह एक दिशा में चलती है ना. फिर आपका पेट क्यों दुखता है?

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