निमंत्रण देने व सूची में नाम होने के बावजूद पायलट सहित एक दर्जन नेता नहीं पहुंचे माकन से मिलने PCC

दिनभर में 46 से अधिक नेताओं और मंत्रियो से संवाद किया अजय माकन ने, पायलट सर्मथक विधायकों से अकेले में मिलने के बावजूद नाराज होकर निकले दीपेन्द्र सिंह, आधी-अधूरी तैयारी से पहुंचे कई मंत्री, गांधी जयंती के दिन जनता के सामने प्रस्तुत करेंगे सरकार के कामों का लेखा जोखा

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद पहली बार राजस्थान दौरे पर पधारे अजय माकन ने दूसरे दिन सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से संवाद किया. माकन ने सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक पार्टी के 46 से अधिक वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से संवाद किया. दिनभर संवाद कार्यक्रम के बाद शाम को प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए अजय माकन ने राजस्थान की गहलोत सरकार के कामकाज की सराहना की. माकन ने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र को लागू करने में गहलोत सरकार बहुत सक्रिय रही है. माकन ने प्रदेश में गहलोत और पायलट गुट को लेकर यह भी कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है.

पायलट समर्थक दो विधायकों से माकन ने अकेले में की चर्चा, नाराज नजर आए दीपेंद्र सिंह

पार्टी कार्यालय पहुंचने पर अजय माकन ने सबसे पहले पार्टी के वरिष्ठ विधायक परसराम मोरदिया से संवाद किया. इस दौरान मोरदिया माकन के साथ बैठे पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी से कुछ असहज दिखाई दिए. इसके बाद पायलट कैंप के विधायक हेमाराम चौधरी ने डोटासरा की मौजूदगी पर आपत्ति जताई तो माकन ने उनसे अकेले में ही चर्चा की. वहीं पायलट कैम्प के दूसरे विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत जब मिलने पहुंचे तो डोटासरा ने खुद ही उन्हें मिलने के लिए अकेला छोड़ दिया. लेकिन बावजूद उसके माकन से चर्चा कर बाहर निकले विधायक दीपेंद्र सिंह ने मीडिया के सामने अपने तल्ख तेवर दिखाए. मतलब यह कि माकन से मिलने के बाद दीपेंद्र सिंह नाराज नजर आए.

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आधी-अधूरी तैयारी से पहुंचे कई मंत्री

संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रदेश प्रभारी से मिलने पहुंचे मंत्रियों में बीडी कल्ला और रघु शर्मा सहित कुछ मंत्रियों को छोड़कर सभी अधूरी तैयारी के साथ पीसीसी पहुंचे. अजय माकन में सभी मंत्रियों को उनके 16 महीने के विभागीय कामकाज की रिपोर्ट आज जमा करवाने के निर्देश दिए हैं. माकन ने सभी नेताओं से सत्ता और संगठन के तालमेल, सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार, संगठन को मजबूत करने सहित विभिन्न राजनीतिक मसलों को लेकर चर्चा की और फीडबैक लिया.

अजय माकन से मिलने वाले मंत्रियों में डॉक्टर रघु शर्मा, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, अशोक चांदना, हरीश चौधरी, टीकाराम जूली, शाले मोहम्मद, ममता भूपेश, लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव सहित 20 मंत्री मौजूद रहे. वहीं कोरोना पॉजिटिव होने के चलते प्रताप सिंह खाचरियावास और गम्भीर रूप से बीमार चल रहे मास्टर भंवरलाल मेघवाल माकन से मिलने नहीं आ पाए. इसके साथ ही अजय माकन से मिलने वाले वरिष्ठ नेताओं में पूर्व पीसीसी अध्यक्ष डॉ चंद्रभान नमो नारायण मीणा रामनारायण मीणा मोहन प्रकाश, रामेश्वर डूडी नीरज डांगी धीरज गुर्जर, सुभाष महरिया, कुलदीप इंदौरा अश्क अली टाक, महेंद्र चोधरी, गणेश घोघरा और नरेंद्र बुडानिया शामिल रहे.

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बता दें, निमंत्रण देने और सूची में नाम होने के बावजूद करीब एक दर्जन से ज्यादा नेता ऐसे भी हैं जो अजय माकन से मिलने पीसीसी नहीं पहुंचे. इनमें सचिन पायलट, गिरिजा व्यास, कमला बेनीवाल, नारायण सिंह, भंवर जितेंद्र सिंह और रघुवीर मीणा सहित कई अन्य नेता शामिल हैं.

गांधी जयंती के दिन जनता के सामने प्रस्तुत करेंगे सरकार के कामों का लेखा जोखा

संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए अजय माकन ने बताया कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने अपना 16 महीने का रिपोर्ट कार्ड सौंपा है. अधिकांश मंत्रियों ने अपने विभागों में 60 से 70 फ़ीसदी घोषणा पत्र के बिंदुओं को लागू करने में कामयाबी हासिल की है. माकन ने कहा कि आने वाली गांधी जयंती यानि 2 अक्टूबर को सरकार द्वारा अब तक किये गए कामों को हम जनता के सामने लाएंगे. प्रदेश प्रभारी ने यह भी बताया कि सभी मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे महीने में एक बार अपने प्रभारी जिलों का दौरा करें एवं वहां कांग्रेस पार्टी के दफ्तर में बैठक करें और जनता के बीच जाएं. उसके बाद अपनी रिपोर्ट लाकर यहां दें.

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प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश में गहलोत कैम्प और पायलट कैम्प के सवाल पर अजय माकन ने कहा कि राजस्थान में गहलोत कैम्प और पायलट कैंप जैसी कोई बात नहीं है. रविवार को मैंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों नेताओं से मुलाकात की है और साथ में बैठकर डिनर किया है. माकन ने कहा अभी हमारा मकसद राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को एकजुट कर विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों पर फोकस करना है.प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने आगे कहा कि राजस्थान कांग्रेस के बीच गुटबाजी जैसी कोई बात नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संवाद के जरिए कई तरह के सुझाव सामने आए हैं, साथ ही आने वाले निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई है. माकन ने कहा कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां और पीसीसी के कार्यकारिणी के गठन को लेकर नाम हमारे मन और दिमाग में हैं. यह सब काम सरकार के कामकाज के साथ साथ होंगे.

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कुल मिलाकर राजस्थान में कांग्रेस के सियासी घमासान के बाद अब मध्यस्थ की भूमिका में आए अजय माकन चाहते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी खत्म हो. पार्टी एकजुट ना केवल नजर आए बल्कि दोनों कैंप के बीच सामंजस्य भी हो. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से कल हुए संवाद के बाद अब जयपुर संभाग के नेताओं के साथ माकन संवाद आज भी दिनभर संवाद करने वाले हैं.

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