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Karnataka Assembly Election: कर्नाटक में यह चुनावी साल है. आगामी दो से तीन महीनों में यहां विधानसभा चुनाव संपन्न होने हैं. ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी से माहौल बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है. पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मिलकर आधा दर्जन से अधिक दौरे कर चुके हैं. आगामी 20 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी कर्नाटक पधारने की संभावना जताई जा रही है. इस बार बीजेपी के दिग्गज नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा चुनावी मैदान में दिखाई नहीं देंगे, जिसे लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर हमले तेज कर दिए हैं. इसी कड़ी में कर्नाटक कांग्रेस के नेता प्रियांक खड़गे ने येदियुरप्पा के रिटायरमेंट पर बीजेपी की आलोचना करते हुए दावा किया कि येदियुरप्पा रिटायर नहीं हुए, बल्कि उन्हें राजनीति से रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया है.

वैसे येदियुरप्पा राजनीति से अपने रिटायरमेंट की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी उन्हें पोस्टर बॉय बनाकर पेश करने की तैयारी कर रही है. खड़गे की टिप्पणी ने कर्नाटक बीजेपी को नाराज कर दिया है और राज्य में दोनों राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि खड़गे को उनकी छोड़कर अपनी चिंता करनी चाहिए.

पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा पर प्रियांक खड़गे द्वारा दिए गए बयान पर कर्नाटक के मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. नारायण ने कहा कि येदियुरप्पा हमारे शक्तिशाली नेता हैं और उनके नेतृत्व में हम चुनाव का सामना कर रहे हैं. प्रियांक खड़गे को उनकी छोड़कर अपनी चिंता करनी चाहिए.

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इससे पहले बीजेपी पर निशाना साधते हुए कर्नाटक कांग्रेस के नेता प्रियांक खड़गे ने कहा कि पार्टी को BSY-free बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पार्टी द्वारा सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर किया गया था. खड़गे ने आगे कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक सार्वजनिक रैली में राज्य के लोगों से वर्तमान सीएम एस.आर.बोम्मई की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बीजेपी को वोट देने के लिए कह रहे थे. इससे पता चलता है कि कर्नाटक में उनके पास कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं है. यही कारण है कि उन्होंने आगामी चुनावों के लिए येदियुरप्पा से हाथ मिलाया है.’
सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं येदियुरप्पा

येदियुरप्पा कर्नाटक की राजनीति में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. हालांकि वे कभी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं. जुलाई, 2019 में चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जब तत्कालीन सीएम एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार ने 17 विधायकों के इस्तीफे के साथ विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया. येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और अपना बहुमत साबित किया. इसके बाद उनके नेतृत्व में उपचुनाव में 15 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि, येदियुरप्पा ने जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह बसवराज बोम्मई को सत्ता की कमान थमाई गई है.

80 वर्षीय येदियुरप्पा ने 27 फरवरी को अपने जन्मदिवस से तीन दिन पहले संकेत दे दिए कि अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे. येदियुरप्पा ने राजनीति में 40 साल दिए हैं और 2014 के बाद 2019 में भी अपनी सरकार बनाने के लिए पार्टी का नेतृत्व किया है.

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