Religion politics in Bihar: बिहार में पिछले डेढ़ दशक से स्कूलों में जुमे के दिन छुट्टी का प्रावधान है. बीजेपी पिछले 17 सालों से जदयू के साथ गठबंधन में सत्ता में थी और उसे कोई आपत्ति नहीं थी. अब जैसे ही बीजेपी बिहार में सत्ता विमुख हुई, उन्हें इस बात से आपत्ति होने लगी है. इसे सियासी मोड़ देते हुए अब बीजेपी ने हिंदूओं के लिए रामनवमी का अवकाश मांगा है. इस बात को लेकर विधान परिषद में पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई. इस संबंध में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने हिंदूओं के लिए रामनवी का अवकाश मांगा, तो जदयू के नीरज कुमार ने हमलावर होते हुए कहा कि 17 साल से जब तक बीजेपी सत्ता में थी, उन्हें इस बात पर कोई आपत्ति नहीं थी. सत्ता से हटते ही इस मामले को जानबूझकर उठाया जा रहा है.
इस मामले में बिहार में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने बयान देते हुए कहा कि जब जुमे पर मुस्लिमों को छुट्टी दी जा सकती है तो फिर रामनवी पर हिंदूओं को भी अवकाश दिया जाए. जायसवाल ने नीतीश कुमार सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है.
दरअसल, प्रदेश विधान परिषद में जदयू के खालिद अनवर ने पूछा कि जब बिहार एजुकेशन कोड 1961 में यह प्रावधान है कि जुमे के दिन छुट्टी दी जा सकती है. ऐसे में सरकार ने छुट्टी कैलेंडर के बदले डीईओ को क्यों अधिकार दे दिया कि वह स्थानीय परिस्थिति के अनुसार निर्णय ले. जबकि इतने समय से जुमे के दिन छुट्टी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि देश में इन दिनों ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है. इसके बाद चर्चा के बीच में ही पक्ष और विपक्ष के बीचा नोकझोंक शुरू हो गई.
इसी बीच बीजेपी के देवेश कुमार व नवल किशोर यादव ने आपत्ति जताई और कहा कि जिस समय एजुकेशन कोड बना, उस समय सेकुलर शब्द संविधान के प्रस्तावना में शामिल नहीं था. इस बात पर हमलावर होते हुए जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि सरकार में 17 साल रहने के दौरान भाजपा को कोई आपत्ति नहीं हुई, लेकिन सत्ता से हटते ही जुमे की छुटी के मसले को जान-बूझकर उठाया गया.
यह भी पढ़ें: ‘अपनी दादी और पिता से कुछ सीखें राहुल गांधी’ बोले अमित शाह तो जेपी नड्डा ने कह दिया ‘मानसिक दिवालिया’
वहीं इस मसले पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का कहना है, ‘बिहार शिक्षा संहिता के आर्टिकल 265 के अनुसार विद्यालयों के लिए अवकाश तालिका जिला शिक्षा स्थापना समिति के द्वारा क्षेत्रीय, भौगोलिक, सामाजिक व धार्मिक वातावरण पर आधारित व्यवस्था के अनुसार तैयार की जाती है. प्रारंभिक व मध्य विद्यालयों की अवकाश तालिका में एकरूपता लाने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सांकेतिक अवकाश तालिका जारी की जाती है. इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार बिहार शिक्षा संहिता के नियम 265 के आलोक में परिवर्तन करने का अधिकार है.’
मुस्लिमों को जुमे की छुट्टी और हिंदूओं के लिए रामनवमी के अवकाश देने पर बहस अब जोर पकड़ने लगी है. कुछ स्थानीय नेताओं की बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है. 10 दिन बाद रामनवमी है. ऐसे में ये सियासी बयानबाजी अधिक जोर पकड़ सकती है.