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प्रियंका ने तैयार किया मिशन यूपी, कार्यकर्ताओं से करेंगी सीधा संवाद

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की योजना तैयार की है. सूत्रों के अनुसार उन्होंने पार्टी के संगठन में जान फूंकने और 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार होने के मकसद से अपने तक कार्यकर्ताओं की सीधी पहुंच का कार्यक्रम बनाया है.

पार्टी के एक नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि चुनाव बाद हुई समीक्षा बैठकों में यह बात निकलकर आई कि नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच ज्यादा संपर्क एवं समन्वय की जरूरत है. फिलहाल यह तय हुआ है कि प्रियंका गांधी अब हफ्ते में दो दिन कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी.’ उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में प्रियंका के उत्तर प्रदेश दौरे का सिलसिला भी तेज होगा. वह एक या दो हफ्ते के राज्य के दौरे पर होंगी.’

आपको बता दें कि इसी साल 23 जनवरी को पार्टी महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी नियुक्त हुईं प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा चुनाव में धुआंधार सभाएं और रोड शो किए, लेकिन पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत सकी. पार्टी का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट से खुद राहुल गांधी स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए.

देवेंद्र फडणवीस ने किया कैबिनेट में विस्तार, 13 मंत्रियों ने ली शपथ

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कैबिनेट का विस्तार किया. राज्यपाल ने 13 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. आठ को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है जबकि पांच को राज्य मंत्री का पदभार सौंपा गया है. मंत्रिमंडल में राधाकृष्ण विखे पाटिल को भी शामिल किया गया है. पाटिल हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. विखे पाटिल राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष थे और उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद यह पद खाली हो गया है. उनके पुत्र सुजय विखे पाटिल राज्य की अहमदनगर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं. इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

इससे पहले प्रकाश मेहता, राजकुमार बडोले, विष्णु सावरा, दिलीप कांबले, प्रवीण पोटे और अमरीश आत्राम ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. कैबिनेट का विस्तार राज्य विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले हुआ है. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. मंत्रिमंडल में यह विस्तार इससे एक दिन पहले किया गया है. विधानसभा चुनाव से पहले यह विधानसभा का अंतिम सत्र होगा. मंत्रिमंडल में फेरबदल करने से पहले सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी.

ये आठ बने हैं कैबिनेट मंत्री
1. राधाकृष्ण विखे पाटील
2. आशिष शेलार
3. जयदत्त क्षीरसागर
4. संजय कुटे
5. सुरेश खाडे
6. डॉ. अनिल बोंडे
7. अशोक उईके
8. तानाजी सावंत

इन्हें मिला है राज्यमंत्री का पद
1. योगेश सागर
2. अविनाश महातेकर
3. संजय उर्फ बाळा भेगडे
4. परिणय फुके
5. अतुल मोरेश्वर सावे

नीतीश कुमार और ममता दीदी के बीच पक रही है सियासी खिचड़ी

करारी हार के बाद इन राज्यों में कांग्रेस नेताओं में बढ़ी कलह

राजस्थान बीजेपी की कार्य​समिति की बैठक आज

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राजस्थान बीजेपी की कार्य​समिति की बैठक आज जयपुर में होगी. यह बैठक नारायण सिंह सर्किल स्थित तोतुका भवन में आयोजित की जाएगी. पार्टी के मिडिया प्रभारी विमल कटियार ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता आएंगे. इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अविनाश राय खन्ना, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी सहित अन्य बीजेपी नेता शामिल होंगे.

कांग्रेस ने की नक्सली हमले की निंदा, हमले में 5 जवान हुए थे शहीद

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झारखंड में भारतीय सेना के जवानों पर हुए नक्सलियों के हमले की कांग्रेस ने निंदा की है. शुक्रवार को प्रदेश के सरायकेला में अचानक हुए हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे. घटनाक्रम पर शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि झारखंड के सरायकेला नक्सली हमले में हमारे 5 जवान शहीद हो गए. यह कायराना हमला घोर निंदनीय है. शहीदों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं. सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को नक्सलवाद से निपटने के लिए नए सिरे से नीति बनानी चाहिए.

बता दें, नक्सलियों ने सीमावर्ती क्षेत्र तिरूडीह थाना के कुकडू साप्ताहिक हाट में यह हमला पुलिस टीम पर जब किया तब पुलिस टीम गश्त करके लौट रही थी. सात से आठ नक्सली इस दौरान बाईक पर सवार होकर आए और उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरु कर दी. जिस वक्त नक्सलियों पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी पर हमला किया, उस वक्त गाड़ी में 6 पुलिसकर्मी सवार थे. फायरिंग शुरु होते ही जवानों ने भी जवाबी फायरिंग करने की कोशिश की लेकिन ताबड़तोड़ फायरिंग के बीच जवान पहले ही घायल हो गये. हमला करने के बाद नक्सली जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए.

महाराष्ट्रः कांग्रेस-एनसीपी के लिए परेशानी का सबब हैं प्रकाश अंबेडकर और औवेसी

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लोकसभा चुनाव में वैसे ही मोदी की आंधी में कांग्रेस-एनसीपी का करीब-करीब सूपड़ा साफ हो गया है. दोनों पार्टियों को बमुशिकल पांच सीटें हासिल हुई जिसमें कांग्रेस के हालात तो ज्यादा खराब रहे. पार्टी को केवल एक सीट पर जीत नसीब हुई. चुनाव में कांग्रेस के हालात इतने खराब रहे कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण को नांदेड़ जैसी मजबूत सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा.

कांग्रेस-एनसीपी को लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार का कारण प्रकाश अंबेडकर और असदुद्दीन औवेसी रहे. प्रदेश की 10 सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी के प्रत्याशी जितने अंतर से चुनाव हारे, उससे ज्यादा मत इन दोनों के प्रत्याशी ले गए. अगर कांग्रेस-एनसीपी ने औवेसी और अंबेडकर रुपी समस्या का जल्द हल नहीं ढूंढा तो कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन चुनाव में उतरने से पहले ही हार जाएगा.

प्रकाश अंबेडकरः
संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी बहुजन वंचित आघाड़ी के बैनर तले प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा. हालांकि पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं हासिल हुई लेकिन इस चुनाव में बहुजन वंचित आघाड़ी ने कांग्रेस-एनसीपी उम्मीदवारों के कई लोकसभा क्षेत्रों में समीकरण बिगाड़े. सोलापुर से स्वयं प्रकाश अंबेडकर ने चुनाव लड़ा था. हालांकि अंबेडकर चुनाव तो जीत नहीं पाए लेकिन कांग्रेस दिग्गज़ और पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की हार का कारण जरूर बने.

आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी के लिए प्रकाश अंबेडकर फिर बड़ी परेशानी साबित होने वाले हैं. प्रकाश अंबेडकर की पार्टी का वोटबैंक दलित समुदाय है. अब तक इसी वोटबैंक के सहारे कांग्रेस लंबे समय तक प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही है. लेकिन लोकसभा चुनाव में यह वोट कांग्रेस-एनसीपी से बिदक-कर अंबेडकर की ओर चला गया जिसका नुकसान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को उठाना पड़ा. अंबेडकर के कारण कांग्रेस को कई दलित बाहुल सीटों पर भी हार का सामना करना पड़ा. अब विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस चाहती है दलित वोट में विभाजन नहीं हो. यह तभी संभव है जब प्रकाश अंबेडकर कांग्रेस के साथ आए. अन्यथा लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी दलित वोटबैंक में विभाजन तय है. इसका सीधा फायदा बीजेपी-शिवसेना को मिलेगा.

असदुद्दीन औवेसी:
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवेसी की पार्टी ने पिछले पांच सालों के भीतर महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी जड़े जमाई हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार महाराष्ट्र में एआईएमआईएम की मौजूदगी देखने को मिली. उसके बाद से एआईएमआईएम प्रदेश में हुए हर चुनाव में भाग ले रही है. चाहे चुनाव नगर निकाय का हो या चाहे चुनाव पंचायत का, एआईएमआईएम ने हर चुनाव लड़ा. लोकसभा चुनाव में पार्टी ने औंरंगाबाद सीट पर जीत हासिल की है. एआईएमआईएम ने पहली बार हैदराबाद के अलावा किसी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की.

एआईएमआईएम का लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल सीट से चुनाव जीतना कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के लिए खतरे का संकेत है. इसी वजह से विधानसभा चुनाव को लेकर औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम ने कांग्रेस-एनसीपी की परेशानी बढ़ा रखी है. एआईएमआईएम पिछले पांच साल से लगातार महाराष्ट्र में हर चुनाव में भाग ले रही है. इसका सीधा नुकसान कांग्रेस और एनसीपी को होता आया है. वजह है- औवेसी की पार्टी के चुनाव लड़ने से मुस्लिम वोटर उसके साथ चला जाता है जिसका नुकसान एनसीपी-कांग्रेस को होता है. लोकसभा चुनाव में भी एआईएमआईएम ने मुस्लिम इलाकों में भारी तादात में वोट हासिल किए हैं.

2014 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सभी पार्टियों ने अलग चुनाव लड़ा था. सीट बंटवारे में विवाद के कारण बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन टूट गया था. इसके बाद दोनों अलग चुनाव मैदान में उतरे थे. हालांकि अलग चुनाव लड़ने के बावजूद भी बीजेपी ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं शिवसेना के खाते में 63 सीटें आई थी.इस बार भी संभावना है कि शिवसेना और बीजेपी विधानसभा चुनाव अलग-अलग ही लड़ेंगे.

महाराष्ट्रः कल होगा फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि 16 जून को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. महाराष्ट्र में विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरु होने जा रहा है. सत्र से एक दिन पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. फडणवीस फिलहाल नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं.

सूत्रों के अनुसार फड़नवीस मंत्रिमंडल में पांच नए मंत्री बनाए जाएंगे. वर्तमान में महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में मुख्यमंत्री सहित 37 मंत्री हैं. मुख्यमंत्री अब नियमों के अनुसार पांच विधायकों को मंत्री पद में जगह दे सकते हैं. महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी के 16 कैबिनेट मंत्री और 7 राज्य मंत्री हैं. वहीं शिवसेना के 5 कैबिनेट मंत्री और 1 राज्यमंत्री और बाकी सहयोगियों के पास एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद है.

मंत्रिमंडल विस्तार में रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के वरिष्ठ नेता अविनाश महातेकर को जगह दी जाएगी. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. इस मुलाकात की जानकारी सीएम फडणवीस ने अपने ट्वीटर अकाउंट के माध्यम से दी थी.

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गहलोत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की यह बड़ी मांग

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिले गहलोत, प्रदेश के वित्तीय मामलों पर चर्चा की

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर प्रदेश के विभिन्न वित्तीय मामलों पर चर्चा की. उन्होंने विभिन्न पेयजल परियोजनाओं के वित्तीय प्रस्तावों को अनुमति देने तथा राज्यहित में केंद्रीय योजनाओं की राशि समय पर जारी करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा पहले की तरह हर माह की पहली तारीख को दिया जाए.

हालांकि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में इस व्यवस्था को बदल दिया है जिससे राज्यों को वित्तीय व्यवस्था में परेशानी आ रही है. राज्य को महीने के पहले दिवस पर वेतन एवं पेंशन का भुगतान करना होता है लेकिन केंद्र से मिलने वाले राज्यांश में देरी के कारण वेतन एवं पेंशन के समय पर भुगतान में कठिनाई होती है.

5473 करोड़ की पेयजल परियोजनाओं की मंजूरी की मांग
मुख्यमंत्री गहलोत ने वित्त मंत्री से करीब 5473 करोड़ रुपए की लागत की सात पेयजल परियोजनाओं के वित्तीय प्रस्तावों को शीघ्र अनुमति प्रदान किए जाने का आग्रह किया है. साथ ही राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल परियोजना के तृतीय चरण के लिए 1450 करोड़ रूपए की बाह्य वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की भी मांग की. इस योजना से जोधपुर, बाडमेर व पाली के 2014 गांवों तथा 5 कस्बों को 2051 तक जल आपूर्ति की जा सकेगी.

गहलोत ने कहा कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में पेयजल के लिए जापान की सहयोग एजेंसी जायका से ऋण लेने के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. इनके प्रस्ताव केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा शहरी विकास मंत्रालय के पास लंबित हैं. कुम्भाराम लिफ्ट नहर से झुंझुनूं के सूरजगढ़ कस्बे और 190 गांवों तथा 59 ढाणियों के लिए करीब 718 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है.

इसी प्रकार झुंझुनूं के उदयपुरवाटी कस्बे तथा 94 गांवों और 504 ढाणियों के लिए करीब 612 करोड़ रुपये, बाड़मेर जिले के चौहटन में 188 गांवों के लिए करीब 498 करोड़ रुपये, बाड़मेर के ही गुढामालानी में 308 गांवों के लिए करीब 528 करोड़ रुपये और चौहटन तथा गुढामालानी के 141 गांवों के लिए करीब 562 करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तावित हैं.

जयपुर शहर के लिए बीसलपुर परियोजना के दूसरे चरण के लिए करीब 1104 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव भी शहरी विकास मंत्रालय के पास विचाराधीन है. उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से सहयोग का आग्रह किया.

कृषि ऋण माफी की क्रियान्विति में मदद करे केंद्र
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से राज्य में किसानों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए की गई कर्ज माफी योजना के लिए केंद्र से अपेक्षित सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने सहकारी बैंकों के करीब 24 लाख किसानों के फसली ऋण माफ किए हैं, जिनसे राज्य सरकार पर 15 हजार 679 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय भार आया है.

इसके साथ ही राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से फसली ऋण लेने वाले किसानों के एनपीए श्रेणी के फसली ऋणों को 2 लाख रुपए की सीमा तक राज्य सरकार माफ कर रही है. चूंकि वित्तीय संस्थाएं भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं, ऐसे में बैंकों के साथ ऋण माफी के लिए एकमुश्त समझौते के निर्धारण में केंद्र सहयोग करे.

बाजार ऋण लेने की प्रक्रिया को स्थायी बनाने की मांग
गहलोत ने कहा कि राज्य में विकास योजनाएं समय पर पूरी हों और उनके लिए धन की कमी नहीं हो, इसके लिए राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत तक शुद्ध ऋण लेने की अनुमति प्रदान की जाए. उन्होंने केंद्र सरकार राज्यों के लिए बाजार ऋण लेने की निर्धारित प्रक्रिया को स्थायी बनाने की भी मांग की.

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में बाजार ऋण के लिए निर्धारित सीमा 36 हजार 161 करोड़ रुपए की तुलना में केंद्र सरकार ने केवल 7 हजार 495 करोड़ रुपए का बाजार ऋण लेने की ही स्वीकृति प्रदान की है, जो राज्य की विकास परियोजनाओं को दृष्टिगत रखते हुए नाकाफी है. केंद्र सरकार द्वारा ऋण लेने की सहमति प्रदान नहीं किए जाने से राज्य के विकास प्रभावित हो रहे हैं.

इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन कुमार आर्य, प्रमुख सचिव आयोजना अभय कुमार एवं संयुक्त सचिव राजन विशाल भी बैठक में मौजूद थे.

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