होम ब्लॉग पेज 3195

बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने जेपी नड्डा

जगत प्रकाश नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है. बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में यह बड़ा फैसला किया गया है. नड्डा बुधवार को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की शपथ लेंगे. नड्डा पार्टी में कुशल रणनीतिकार के तौर पर माने चाहते हैं. नड्डा तीन बार हिमाचल से विधायक रह चुके हैं. नड्डा शाह के करीबी और पार्टी के विश्वस्त चेहरा माने जाते हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सहित कई बीजेपी नेता मौजूद रहे.

बता दें, अमित शाह का पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. जब से शाह संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, संगठन को पहले से कहीं अधिक मजबूती मिली है. मौजूदा मोदी मंत्रीमंडल में अमित शाह को देश का गृह मंत्री का दायित्व सौंपा गया है. ऐसे में अधिक कार्यभार के चलते यह फैसला लिया गया है.

जेपी नड्डा आगामी 6 महीने तक कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे. नए साल में स्थायी अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.

बीजेपी बैठक में अनुपस्थित रहे विधायकों को मिलेगा कारण बताओ नोटिस

आज राजस्थान के बीजेपी विधायकों की एक बैठक जयपुर में हुई. इस बैठक में राज्य की कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन और जनहित के मुद्दों को विधानसभा में उठाने की रणनीति बनाई गई. इस बैठक में बीजेपी के 52 विधायक मौजूद रहे.

बैठक के बाद प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 72 बीजेपी विधायकों में से 52 ही उपस्थित रहे. अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को अब कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जो बीस विधायक अनुपस्थित रहे उनमें से 9 ने नहीं आने की लिखित में सूचना भिजवा दी थी.

राठौड़ ने कहा कि पार्टी की बैठक में सभी विधायकों को अनिवार्य तौर पर आना चाहिए. संगठन और विधायकों में अनुशासन बना रहे इसलिए अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. अनुपस्थित रहने वाले विधायकों में अजमेर दक्षिण क्षेत्र की बीजेपी विधायक अनिता भदेल भी शामिल हैं.

जानकारी के अनुसार, भदेल अपने विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख महिलाओं के साथ वैष्णो देवी की यात्रा पर गई हुई हैं. इस संबंध में उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को पूर्व में ही सूचना भिजवा दी थी. बैठक में अजमेर जिले के विधायक वासुदेव देवनानी, सुरेश रावत, रामस्वरूप लाम्बा व शंकर सिंह रावत ने अपनी उपस्थित दर्ज कराई है.

लोकसभा में पहले ही दिन विवाद में घिरी साध्वी

सदन में साध्वी के शपथ ग्रहण के दौरान हंगामा, विपक्षी सांसदों ने किया विरोध

मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनकर आई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के आज लोकसभा में शपथ ग्रहण के दौरान जमकर हंगामा हुआ. हुआ यूं कि जैसे ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शपथ लेने पहुंची, विपक्ष के सांसद उनके नाम को लेकर आपत्ति जताकर हूंटिंग करने लगे. साध्वी संस्कृत भाषा में शपथ ले रही थी.

शपथ के दौरान वो ‘प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वामी पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद’ नाम से शपथ ग्रहण करने लगी. इस पर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताते हुआ कहा कि वो शपथ में सिर्फ अपना नाम लें. हंगामे के कारण साध्वी बीच में रुक गई.

हालांकि बाद में लोकसभा के अधिकारियों ने कहा कि आप पूरे नाम के साथ शपथ ले सकती हैं. इस पर विपक्ष के सांसदों ने एक बार फिर हंगामा शुरु कर दिया. स्थिति को संभालते हुए प्रोटेम स्पीकर ने साध्वी प्रज्ञा से चुनाव अधिकारी द्वारा जीत का प्रमाण पत्र मांगा. प्रमाण पत्र की जांच के बाद साध्वी की शपथ तीसरी बार में पूर्ण हो सकी.

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज़ नेता दिग्विजय सिंह को हराकर सांसद चुनी गई हैं. साध्वी महाराष्ट्र के मालेगांव बम धमाकों की आरोपी है. चुनाव के दौरान उनको टिकट देने पर काफी बवाल हुआ था. हालांकि साध्वी ने दिग्विजय को बड़े अंतर से चुनाव हराया है.

राहुल गांधी ने डेटा एनालिस्ट डिपार्टमेंट हैड की रिपोर्ट पर कर ली थी सरकार बनाने की तैयारी

Poli Talks News

लोकसभा चुनाव-2019 का परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस ने सरकार बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी. राहुल गांधी ने यूपीए के कईं दलों को प्रमुख नेताओं को फोन करके मंत्री बनने का प्रस्ताव तक दे दिया था. राहुल गांधी को पूरी उम्मीद थी कांग्रेस 184 सीटें हासिल करेगी. दरअसल राहुल को डेटा एनालिस्ट डिमार्टमेंट प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने इतनी सीटें आने की रिपोर्ट दी. एक अंग्रेजी अखबार ने ऐसा दावा किया है. इस खबर के आने के बाद कांग्रेस नेताओं को जवाब देते नहीं बन रहा है.

21 मई को प्रवीण चक्रवर्ती ने दी थी यह रिपोर्ट
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 मई को यानि नतीजे आने से दो दिन पहले राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन प्रवीण चक्रवर्ती कांग्रेस अध्यक्ष से मिले और 184 सीटें कांग्रेस को मिलने की रिपोर्ट सौंपी. इतना ही नहीं, चक्रवर्ती ने दलील दी की उन्होंने शक्ति एप और वोटिंग के डेटा का गहन निरीक्षण करने के बाद यह निचोड़ निकाला है.

चक्रवर्ती ने यह भरोसा भी दिलाया कि अगर कुछ उलटफेर भी होता है तो किसी भी सूरत में कांग्रेस की 164 से कम सीटें किसी भी सूरत में नहीं आएगी. राहुल ने फिर अपनी टीम से चक्रवर्ती के दावों की जांच कराई. साथ ही अपने स्टाफ को पहली बार चुनने वाले 100 सांसदों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए.

DMK प्रमुख स्टालिन को गृहमंत्री का ऑफर
रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवर्ती के दावों के तहत यूपीए में शामिल सबसे बड़े दल के तहत डीएमके को सबसे ज्यादा सीटें मिल रही थी. ऐसे में राहुल गांधी ने डीएमके नेता एमके स्टालिन को फोन कर उन्हें सरकार में शामिल होते हुए गृहमंत्री बनाने का ऑफर दिया. इतना ही नहीं, राहुल ने अखिलेश यादव, शरद पंवार, उमर अब्दुल्ला और तेजस्वी  यादव को भी फोन किए.

राहुल ने तीनों से उनकी और कांग्रेस को मिलने वाली सीटों का भी आंकड़ा पूछा. अखिलेश ने यूपी में गठबंधन को 40 से अधिक और कांग्रेस को 9 सीटें मिलने का फीडबैक दिया. बिहार में तेजवस्वी ने भी कांग्रेस की छह सीटें मिलने का दावा किया. अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की जम्मू कश्मीर में तीन और कांग्रेस की एक सीट मिलने की उम्मीद जताई थी.

प्रियंका गांधी भी हो गईं थी सक्रिय
चक्रवर्ती की रिपोर्ट के बाद राहुल के साथ प्रियंका गांधी भी सक्रिय हो गई थी. प्रियंका गांधी ने कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों कमलनाथ, अशोक गहलोत, अमरिन्द्र सिंह, वी.नारायणसामी और भूपेश बघेल से बातचीत की. इतना ही नहीं, उत्साहित प्रियंका गांधी ने इन मुख्यमंत्रियों से मंत्रिमंडल में शामिल करने वाले संभावित सांसदों के नाम भी पूछे थे. हालांकि उक्त सीएम ने नाम दिए या नहीं, इसके बारे में पता नहीं लग पाया है.

सरकार के दावे के लिए दो पत्र भी थे तैयार
चक्रवर्ती की रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी ने सरकार बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी. राहुल के दो करीबी सलाहकार के.राजू और एक पूर्व मंत्री ने दिल्ली में पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ वकील के घर पहुंच गए. दोनों ने राष्ट्रपति के लिए दो पत्र तैयार कराए. एक पत्र में कांग्रेस सरकार बनाने का दावा था तो दूसरे में किसी यूपीए के सहयोगी दल को समर्थन करने का पत्र था. उनकी दो कॉपी राहुल गांधी के दफ्तर को भेजी गई थी.

अंग्रेजी अखबार की यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद प्रवीण चक्रवर्ती से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इस रिपोर्ट में दम इसलिए लग रहा है क्योंकि चक्रवर्ती के फीडबैक के आधार पर ही राहुल ने प्रचार के दौरान कईं सभाओं में कहा था कि मोदीजी इस बार चुनाव नहीं जीत रहे. एक तरह से कहा जाए तो चक्रवर्ती की रिपोर्ट के आधार पर राहुल फुल कॉन्फिडेट हो गए थे.

BJP ने विधायक दल की बैठक में बनाई विधानसभा सत्र के लिए रणनीति

राहुल गांधी ने लोकसभा में ली सांसद पद की शपथ

बिहार: ‘चमकी बुखार’ का कहर जारी, 100 से अधिक बच्चों की मौत

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार (इंफेसेलाइटिस) से मरने वाले बच्चों की संख्या 100 से अधिक हो गई है. इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही बरतने का मुकदमा दर्ज कराया है. सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी को ओर से दायर इस मुकदमे की सुनवाई 24 जून को होगी.

कल स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बिहार के मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. इस दौरान उनके साथ उनके जुनियर मंत्री बक्सर सांसद अश्विनी चौबे भी मौजूद रहे. हर्षवर्धन ने इस दौरान श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया. यह जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है. हर्षवर्धन ने अस्पताल का दौरा करने के बाद डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक ली थी.

बहरहाल चमकी बुखार की रोकथाम को लेकर सरकार ने अब तक जो भी प्रयास किए है, नाकाफी साबित होते दिखाई दे रहे हैं. बिहार में पिछले एक महीने में चमकी बुखार से लगभग 130 बच्चों की जान जा चुकी है. सबसे ज्यादा मामले मुजफ्फपुर जिले से सामने आए है.

एंटनी और वेणुगोपाल का कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इंकार, नए अध्यक्ष की तलाश जारी

राहुल गांधी विदेश यात्रा से लौट आए हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी अभी भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए अड़े हुए हैं. लिहाजा सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद नए अध्यक्ष की खोज में अभी भी जुटे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक ऐके एंटनी और केसी वेणुगोपाल को नया अध्यक्ष बनाने की पेशकश की गई थी लेकिन दोनों ने ही अध्यक्ष बनने से मना कर दिया है. एंटनी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अध्यक्ष बनने से मना कर दिया. वहीं वेणुगोपाल ने संगठन महासचिव के तौर पर ही काम करने की बात कही है.

वासनिक और शिंदे का नाम भी चर्चा में
एंटनी और वेणुगोपाल के मना करने के बाद अहमद पटेल और गुलामनबी आजाद अन्य नेताओं के नाम पर विचार विमर्श कर रहे हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव है इसलिए माना जा रहा है कि मुकुल वासनिक औऱ सुशील कुमार शिंदे को नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वासनिक अभी राष्ट्रीय महासचिव हैं और उनके प्रभार वाले राज्यों में कांग्रेस की अच्छी सीटें भी आई हैं. वहीं शिंदे सीएम और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. दोनों ही दलित हैं. लिहाजा दलित वोटबैंक के चलते भी उन्हें जिम्मेदारी देने की पूरी संभावना है.

वरिष्ठ नेता नहीं लेना चाहते हैं रिस्क
एक जानकार नेता ने बताया कि वरिष्ठ नेता अच्छी तरह जानते है कि भले ही वो अध्यक्ष बन जाए लेकिन कमान गांधी परिवार के हाथ में ही रहेगी. ऐसे में उसकी भूमिका सिर्फ नाममात्र के अध्यक्ष की रहेगी. पार्टी के अन्य नेता भी उसे ज्यादा भाव नहीं देंगे. इसलिए एंटनी जैसे वरिष्ठ नेता इस जिम्मेदारी को लेने से बच रहे हैं. इन सबको सीताराम केसरी के साथ हुए बर्ताव का अच्छी तरह से पता है कि किस तरह केसरी को पार्टी दफ्तर से बेइज्जत करके निकाला गया था.

इन तमाम घटनाक्रम से यह साफ है कि राहुल गांधी अब बिल्कुल भी अध्यक्ष पद से दिया गया इस्तीफा वापस नहीं लेंगे. हाल ही में पार्टी में जारी हुई नियुक्तियां भी एआईसीसी की मंजूरी से निकाली गई थी. यह भी साफ तौर पर दिख रहा है कि नया अध्यक्ष बनने में कुछ माह और लग सकते हैं.

विधानसभा में बजरी माफिया की पोल खोलेंगे कांग्रेस MLA हरीश मीना

Evden eve nakliyat şehirler arası nakliyat