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विश्व आदिवासी दिवस पर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का सम्बोधन

आज विश्व आदिवासी दिवस है. जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में हुए एक कार्यक्रम में राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सभी को आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की सभी समस्याओं का हल करना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है. पायलट ने जल्द मीना और मीणा विवाद को खत्म करने का भरोसा दिलाया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं प्रेषित की.

स्व. सुषमा स्वराज को राजस्थान भाजपा ने दी श्रद्धांजलि

भाजपा प्रदेश कार्यालय, जयपुर में सुषमा स्वराज के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आये हुए लोगों ने सुषमा स्वराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री वी. सतीश, प्रदेश महामंत्री (संगठन) चन्द्रशेखर, वीरमदेव सिंह जैसास, रामकुमार भूतड़ा, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, अलका गुर्जर, मुकेश दाधीच, सतीश पूनियां, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कालीचरण सराफ, प्रदेश मीडिया प्रभारी विमल कटियार, सहित अनेकों लोगों ने सुषमा स्वराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

चार राज्यों के चुनाव जीतने के लिए भाजपा की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी ने आगामी महीनों में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी का बिगुल बजा दिया है. बीजेपी के चाणक्य राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले दिनों संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पूरे देश मे उथल-पुथल मचा देने वाले फैसले लेने के बाद अब चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति दी है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली का चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और नित्यानंद राय को दिल्ली का चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू को प्रदेश संगठन प्रभारी और राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ को भी सह-प्रभारी बनाया गया है.


इसी तरह विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हरियाणा के लिए नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रभारी बनाया गया है, वहीं भूपेंद्र सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है. झारखंड के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी ओम प्रकाश माथुर को दी गई है, वहीं नंद किशोर यादव को माथुर के साथ सह प्रभारी नियुक्त किया गया है. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का जिम्मा अमित शाह ने इस बार भूपेंद्र यादव को सौंप है उन्हें महाराष्ट्र का चुनाव प्रभारी नियुक्त गया है. केशव प्रसाद मौर्य और लक्ष्मण सवदी को महाराष्ट्र का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है.


गौरतलब है कि हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में अक्टूबर में चुनाव होने की संभावना है. यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली के चुनाव भी इन्हीं तीनों राज्यों के साथ कराए जाने की संभावना है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताई राष्ट्रवाद की परिभाषा

धारा 370 और 35ए पर फिल्म बनाने की तैयारी भी शुरू

राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी बड़ा घटनाक्रम होता है, तो उसके आधार पर फिल्म बनाने की तैयारी कई लोग शुरू कर देते हैं और टाइटल रजिस्टर्ड करवाने वालों की कतार लग जाती है. जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, तो उसके आधार पर जल्दी ही उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक शीर्षक से फिल्म बन गई, जो हिट रही. इससे पहले भी देशभक्ति की भावनाओं को बॉक्स ऑफिस पर भुनाने के लिए फिल्में बनती रही हैं.

इनमें मनोज कुमार की फिल्म उपकार प्रमुख है, जो 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बनी थी, इसमें लाल बहादुर शास्त्री के नारे जय जवान, जय किसान को साकार करने का प्रयास किया गया था. इससे पहले भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चेतन आनंद ने हकीकत फिल्म बनाई थी, जो आज भी देखने पर आंखें भिगो देती है. उसके गाने सदाबहार हैं. देवानंद की फिल्म प्रेम पुजारी भी युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी थी. हिंदुस्तान की कसम, बॉर्डर और अन्य फिल्में भी सैन्य घटनाक्रमों के आधार पर बनाई गई हैं.

राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी फिल्में बनाने का चलन है. लोकतंत्र की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए आज का एमएलए नाम की फिल्म बनी थी, जिसमें राजेश खन्ना ने विधायक राम अवतार की भूमिका निभाई थी. उसके साथ ही अमिताभ बच्चन अभिनीत इन्कलाब फिल्म भी हिट हुई थी. गुलजार की फिल्म आंधी में प्रमुख किरदार इंदिरा गांधी से प्रेरित बताए जाने पर पाबंदी भी लगी थी. अब टीवी के निजी चैनलों की बहुतायत होने के बाद राजनीति पर आधारित धारावाहिक भी बनने लगे हैं.

फरवरी में पुलवामा पर आतंकी हमला हुआ था और उसके बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एयरस्ट्राइक की गई थी. इस घटनाक्रम पर भी फिल्में और टीवी कार्यक्रम बनाने की तैयारी शुरू हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएफटीपीए) और इंडियन फिल्म टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल (आईएफटीपीसी) के दफ्तरों में टाइटल रजिस्ट्रेशन के आवेदनों का ढेर लग गया है. आवेदनों में जो शीर्षक मांगे गए हैं, उनमें प्रमुख हैं पुलवामाः द डैडली अटैक, सर्जिकल स्ट्राइक 2.0, बालाकोट और पुलवामा अटैक. हालांकि इस तरह के शीर्षक देने की प्रक्रिया फिलहाल बंद है.

एक फिल्म निर्माता ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पर फिल्म बनाने की अनुमति मांगी है, जो पाकिस्तान की जमीन पर हिरासत में लिए जाने के 60 घंटे बाद रिहा कर दिए गए थे और भारत में उनका नायक की तरह स्वागत हुआ था. इसी तरह धारा 370 हटने के बाद की परिस्थितियों पर फिल्म बनाने के लिए निर्माताओं की कतार लग गई है.

आर्टिकल 15 नामक फिल्म सफल रहने के बाद उससे प्रेरणा लेकर आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए शीर्षक से फिल्म बनाने के अनुमति मांगी गई है. इससे संबंधित शीर्षक के लिए करीब 25-30 आवेदन दोनों संस्थाओं के पास पहुंच गए हैं. इनमें से कुछ शीर्षक हैं, कश्मीर में तिरंगा, कश्मीर हमारा है, धारा 370 और धारा 35ए. मैदान में कई प्रमुख फिल्म निर्माण कंपनियां आ गई हैं. इनमें से कुछ कंपनियां जल्दी से जल्दी फिल्म बनाकर रिलीज करने की तैयारी में हैं.

पीएम नरेन्द्र मोदी फिल्म के निर्माता आनंद पुरोहित ने बताया कि आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए शीर्षक वह एक माह पहले ही रजिस्टर्ड करा चुके हैं. उन्होंने कहा कि पहले वह इस शीर्षक से फिल्म में यह दिखाना चाहते थे कि देश के एक राज्य में इस धारा के कारण क्या परिस्थितियां बनी हुई हैं. लेकिन अब ये धाराएं हटने के बाद उन्हें फिल्म का क्लाइमेक्स फिल्माना आसान हो जाएगा. पीएम नरेन्द्र मोदी फिल्म में नरेन्द्र मोदी की भूमिका विवेक ओबेराय ने निभाई थी.

मंत्रियों को देना होगा सम्पत्ति का ब्यौरा, सरकार ने दिए निर्देश

‘रेसिस्ट, सेक्सिस्ट, सेक्स के भूखे डाइनोसॉर अभी लुप्त नहीं हुए हैं’

जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने और वहां से धारा 370 और 35ए समाप्त करने पर उठा विवाद अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा. इस पर चौतरफा बयानों के आने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है. कांग्रेस के आला नेता हालांकि सरकार के इस फैसले पर एकमत नहीं हैं पर उनकी ओर से बयानबाजी जारी है. ऐसा नहीं है कि बयानबाजी केवल कांग्रेस की तरफ से ही हो रही है. बीजेपी नेता भी पीछे नहीं हैं. लेकिन इन बयानों के बीच विवादित बयान भी आ रहे हैं. मुजफ्फरनगर के बीजेपी विधायक विक्रम सोनी का बयान इस दिनों जमकर चर्चा में है. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘पार्टी के कार्यकर्ताओं को अब खुश होना चाहिए कि वो अब बिना किसी डर के गोरी कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकते हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि अब हमारे कुंवारे कार्यकर्ता भी कश्मीर जाकर वहां प्लॉट खरीद सकते हैं और शादी कर सकते हैं.

विधायक के इस बयान पर बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर लताड़ लगायी. इतना ही नहीं, विक्रम सोनी को सेक्स का भूखा डाइनोसॉर तक कह दिया. ऋचा चड्ढा ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट पोस्ट करते हुए लिखा, ”रेसिस्ट, सेक्सिस्ट, सेक्स के भूखे डाइनोसॉर अभी लुप्त नहीं हुए हैं बल्कि और फल-फूल रहे हैं! इसलिए जाना था कश्मीर? शादी तो लीगल ही थी…?’ इस ट्वीट के साथ एक डायनोसॉर का वीडियो भी अपलोड किया है.

वहीं इस पोस्ट को रिट्वीट करते हुए एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने लिखा है ‘कोई कश्मीरियों से तो पूछे.’

ऋचा चड्ढा के इस पोस्ट को यूजर्स ने जमकर वायरल किया है और विधायक को ट्रोल भी किया. एक यूजर ने तो यहां तक कहा, ‘मुझे आज पता चला कि धारा 370 की वजह से इन बेहुदा लोगों की शादी नहीं हो पा रही थी.

एक अन्य यूजर ने कहा कि क्या कश्मीर को इसलिए आजाद कराया है कि कश्मीर में सिर्फ लड़कियां हैं और वो बहुत गोरी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन

जम्मू कश्मीर पर मोदी के ‘मन की बात’, ईद की शुभकामनाएं दी

”भाई-बहिनों,
एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहिन अनेक अधिकारों से वंचित थे जो उनके विकास में बाधा थी, वो हम सबसे प्रयासों से दूर हो गयी. जो सपना सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, डॉ.श्यामा प्रकाश मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायजेयी ने देखा था, वो आज पूरा हो गया. इसके लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख की जनता को मैं बधाई देता हूं. दशकों से धारा 370 और धारा 35ए से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के भाई बहिनों को जो हानि हो रही थी, उसकी कभी चर्चा ही नहीं हुई. हैरानी की बात ये थी कि कोई ये भी नहीं बता रहा था कि इन दोनों अनुच्छेदों से से उनके जीवन में क्या लाभ हो रहा था. सच ये था कि इन दोनों धाराओं ने यहां के लोगों को अलगाववाद, आतंकवाद और व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया. इन दोनों अनुच्छेदों का पाकिस्तान द्वारा भी एक शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है. इसी के चलते पिछले तीन दशकों में 42000 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. यही वजह रही कि क्षेत्र में विकास भी उस गति से नहीं हो सका, जिनके वे हकदार थे. अब धारा 370 और धारा 35ए के समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख का विकास तीव्र गति से होगा और यहां के युवाओं का भविष्य भी सुधरेगा.

हमारे देश में चाहे कोई भी सरकार हो, कानून बनाकर देश की भलाई का काम करती है. यह कार्य निरंतर चलता रहता है. कानून बनाते समय संसद में बहस, चर्चा और चिंतन मनन होता है? गंभीर पक्ष रखे जाते हैं. उसके बाद जो कानून बनता है वो देश के लोगों का भला करता है लेकिन कोई कल्पना तक नहीं कर सकता कि वो सभी कानून देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं होता. पिछली सरकारें भी कभी दावा तक नहीं कर पायी कि जो कानून देश की पूरी आबादी के लिए बनता था, उससे 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे. देश के अन्य राज्यों में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है लेकिन जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को ये प्राप्त नहीं. देश के अन्य राज्यों में बेटियों को जो अधिकार मिलते हैं, जम्मू कश्मीर में बेटियों को नहीं मिलते. देश के अन्य राज्यों में सफाई एक्ट लागू है लेकिन जम्मू कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है लेकिन जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नहीं. देश के अन्य राज्यों में अल्प संख्यकों की सुरक्षा के लिए एक्ट लागू है लेकिन यहां नहीं. देश के अन्य राज्यों में एससी, एसटी के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन यहां नहीं.

साथियों, धारा 370 और 35ए बीते हुए इतिहास की बात हो जाने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख उसके नकारात्मक प्रभावों से भी जल्द बाहर निकलेगा. नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की प्राथमिकता रहेगी कि जम्मू कश्मीर के कर्मचारियों सहित स्थानीय पुलिस को वित्तिय सुविधाओं सहित वे सभी सुविधाएं प्राप्त हो जो देश के अन्य राज्यों के कर्मचारियों एवं पुलिसकर्मियों को मिलती है. इसके साथ ही यहां सभी केंद्रीय व राजकीय वित्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. प्राइवेट सेक्टर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि रोजगार के पर्याप्त अवसर प्राप्त हो सकें. सेना व अर्दसैनिक बलों में स्थानीय युवाओं के लिए रैलियों का आयोजन किया जाएगा. केंद्र सरकार प्रदेश के राजस्व घाटे को कम करने को भी सुनिश्चित करेगी.

भाईयों बहिनों, केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को केंद्र के दायरे में सोच समझकर रखा है. बीते महीनों में वहां गुड गवर्नस जमीन पर दिखाई देने लगी है. जो योजनाओं सिर्फ कागजों में सीमित रही, उन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है. कई तरह के प्रोजेक्ट को नई गति मिल रही है. नतीजा है कि आईआईटी, आईआईएम सहित तमाम पावर प्रोजेक्ट को तेजी मिली है. कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट यथा सड़क, रेल, एयरपोर्ट के काम को भी तीव्रता से आगे बढ़ाया जा रहा है.

साथियों, हमारे देश का लोकतंत्र इतना मजबूत है इसके बाद भी जम्मू कश्मीर में दशकों से हजारो लाखों लोग जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था लेकिन वे विधानसभा, नगर पालिका और पंचायत के चुनावों में न तो वोटिंग कर सकते थे और न चुनाव लड़ सकते थे. अब आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा ही चुना जाएगा. नई व्यवस्था से आतंकवाद और अलगवाद से घरती का स्वर्ग को मुक्त कराएंगे. नागरिकों को जो उनका हक है, बेरोक टोक मिलता रहेगा.

हम सभी चाहते है कि आने वाले समय में वि.स के चुनाव हो, नई सरकार बने. मैं विश्वास दिलाता हूं कि ईमानदारी के साथ पूरे पारदर्शी वातावरण में आपको सरकार चुनने का अवसर मिलेगा. जिस तरह पंचायत के चुनाव शांति से संपन्न हुए, ठीक उसी तरह जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होंगे.

भाईयों बहिनों, 4 महीने पहले जम्मू कश्मीर में हुए पंचायत चुनावों में जो प्रतिनिधि चुनकर आए, वे अच्छा काम कर रहे हैं. ग्रामीण स्तर पर भी बेहतरीन काम हुआ है. महिला पंचों ने तो कमाल कर दिया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद इन सभी को नई व्यवस्थाओं में काम करने का बेहतर मौका मिलेगा और वे कमाल करेंगे. दशकों से यहां की युवाओं को नेतृत्व का अवसर नहीं दिया लेकिन अब उन्हें ये अवसर मिलेगा और वे प्रदेश को नई उंचाईयों तक ले जाएंगे. महिलाएं अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभाले. हमें हर देशवासी का साथ चाहिए. मेरा विश्वास है कि जम्मू कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके आगे बढ़ेगी और गुड गवर्नस एवं पारदर्शिता के वातावरण में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी.

दोस्तों, एक समय बॉलीवुड की फिल्मों के लिए कश्मीर पसंदीदा जगह थी. जब यहां स्थितियां सामान्य होगी तो यहां दुनिया के हर जगह से शूटिंग करने जाएंगे तो यहां रोजगार पैदा होेंगे. मैं हिंदी, तमिल, तेलूगू, मलयालयम सहित हर भाषा के सिनेमाई जगह से आग्रह करूंगा कि वे यहां शूटिंग के बारे में सोंचे. प्राइवेट व निजी टेकनोलॉजी सेंटर्स भी यहां अपने आपको स्थापित करने के बारे में सोचें. यहां जितना टेकनोलॉजी का विस्तार होगा, उतना जीवन आसान होगा.

यहां के स्पोर्ट्स में भी काफी भविष्य है. नई स्पोर्ट्स् एकेडमी, स्टेडियम, ट्रेनिंग यहां के बच्चों को दुनिया में अपना टेलेंट दिखाने में मदद करेगी. लद्दाख में में टयूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है. सौलर पावर व रेडिएशन में भी क्षेत्र पहले नंबर पर है. इस सामर्थय का उचित इस्तेमाल होगा. लद्दाख में सोलो नाम का पौधा उंचाई वाले स्थानों और कम आॅक्सीजन वाले स्थानों में सं​जीवनी का काम करता है. इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट का विस्तार दुनियाभर में किया जाएगा.

धारा 370 और धारा 35ए के हटाने के इस कदम पर कुछ इस फैसले के पक्ष में हैं और विपक्ष में भी. मैं आग्रह करना चाहूंगा कि वे देशहित को सर्वपरी रखते हुए व्यवहार करें और विकास को गति देने में मदद करें. कुछ मुट्ठीभर लोग यहां के हालात बिगाड़ना चाहते हैं लेकिन उनका जवाब यहीं के लोग दे रहे हैं. पाकिस्तान के विरोध में जम्मू कश्मीर के लोग डटकर खड़े थे. यहां के लोग अच्छा जीवन जीने के अधिकारी है और उनके सपनों को साकार करने का हक भी. विश्वास रखिए, धीरे धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और परेशानी खत्म हो जाएगी.

ईद का त्यौहार पास है. मैं विश्वास दिलाया हूं कि ईद मनाने में कोई परेशानी नहीं होगी. जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को ईद की बहुत बहुत बधाई. साथ ही यहां के पुलिस और सुरक्षाबलों का भी मैं आभार जताना चाहता हूं कि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है.

जम्मू कश्मीर हमारे देश का मुकुट है और इसके लिए वहां के लोगों के देश के लिए अपना जीवन दांव पर लगाया है. ऐसे लोगों की लिस्ट बहुत लंबी है. यहां अनेक जवान व अफसर शहीर हुए. कई नागरिक मांरे गए लेकिन अब सभी को मिलकर उनका सपना पूरा करना है.

मैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों से आव्हान करता हूं कि आइए, हम सब मिलकर दुनिया को दिखा दें कि यहां के लोगों में कितना हौसला, कितना जज्बा, कितनी हिम्मत है. आइए हम सब मिलकर नए भारत के साथ नए जम्मू कश्मीर और नए लद्दाख का निर्माण करें.

बहुत बहुत धन्यवाद. जय हिंद.”

गुलाम नबी के बयान पर भड़की बीजेपी

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