विधानसभा में बीजेपी विधायक ने राहुल गांधी को कहा ‘पप्पू’ तो भड़के कांग्रेसी, सदन में हुई हाथापाई

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने को लेकर शुरु हुआ विवाद, दूसरे वेल में पहुंचे विधायक, स्पीकर ने विधायकों को लगाई लताड़, दो बार हुई सदन की कार्यवाही स्थगित

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पॉलिटॉक्स न्यूज/रांची. झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान जब एक बीजेपी विधायक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहकर संबोधित किया तो कांग्रेसी विधायक भड़क गए और हंगामा शुरु कर दिया. वे वेल में पहुंच हंगामा करते हुए माफी की मांग करने लगे. थोड़ी देर में मामला इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक आ गई. गर्मागर्मी वाले माहौल के बीच संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, निर्दलीय विधायक सरयू राय और कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने बीच-बचाव कर मामले को संभाला. हंगामा खत्म न होते देख स्पीकर रवींद्रनाथ महतो को दो बार पहले 12 बजे और बाद में दोपहर दो बजे तक के लिए सदन स्थगित करना पड़ा.

दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई को बतौर मनोनीत सांसद राज्यसभा में भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया. इस पर स्पीकर ने कहा कि ये यहां का मामला नहीं है और सदन में इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए. इतमें में बीजेपी विधायक सीपी सिंह अपने स्थान पर खड़े हुए और स्पीकर से कहा कि जरुरी बात बतानी है. बातों ही बातों में सीपी सिंह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहकर संबोधित किया.

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फिर क्या था. कांग्रेसी विधायकों के साथ सत्ता पक्ष विपक्ष के विधायक वेल में पहुंच गए और हंगामा करने लगे. सत्ता पक्ष के विधायक सीपी सिंह से माफी मांगने की मांग करने लग़े. इनमें में बीजेपी के विधायक भी खड़े हो गए और मामला धक्का मुक्की से होकर हाथापाई तक पहुंच गई. मामला ज्यादा बिगड़ने से पहले संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, निर्दलीय विधायक सरयू राय और कांग्रेस में शामिल हुए विधायक प्रदीप यादव ने बीच-बचाव कर मामले को संभाला और दोनों पार्टी के विधायकों को एक-दूसरे से अलग किया. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सीपी सिंह को खेद प्रकट करना चाहिए. वहीं पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने इस तरह की टिप्पणी को गलत बताते हुए कहा कि राहुल गांधी बड़े नेता हैं. ऐसे में इस तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है.

पूरे मुद्दे पर सीपी सिंह ने कहा कि अगर सत्ता पक्ष को किसी बात पर तकलीफ है तो वे अधीवक्ता की राय लें. वहीं विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इस इस विषय पर निंदा प्रस्ताव लाया जाए जिसका झामुमो विधायकों ने भी समर्थन किया. उधर, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने दोनों पक्षों की बातों को स्पंज करा दिया और लताड़ लगाते हुए कहा कि षड्यंत्र के तहत सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित करना उचित नहीं है. शोर-शराबे और हंगामे के कारण सदन में आज की कार्यवाही में प्रश्‍नकाल और ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव पर चर्चा नहीं हो सकी.

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इससे पहले सदन में बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने बोकारो के कसमार में भूखल घासी नाम के युवक की भुखमरी से मौत का मामला सदन में उठाया. उन्होंने विधानसभा की कमेटी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस मामले में सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया.

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