पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे अपराधों एवं बिगडती कानून व्यवस्था के खिलाफ शनिवार को भाजपा नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा. राजस्थान की अनुसूचित जाति व जनजाति के सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण करने तथा दलित वर्गों पर हो रहे अत्याचारों पर लगाम लगाने की मांग की है.
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि प्रदेश में दलितों पर लगातार हो रहे अत्याचारों को लेकर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. प्रदेश सरकार का दूसरे नम्बर का मुखिया जब ऐसी बात करता है, तो प्रदेश में वास्तव में दलितों पर हो रहे अपराधों की समस्या बहुत बड़ी है और यह गहलोत सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी सरकार को दलितों के अत्याचारों को लेकर जीरो टाॅलरेंस पर काम करने को कह रहे हैं, लेकिन सरकार इसे गम्भीरता से नहीं ले रही.
पूनियां ने आगे कहा कि बाडमेर में हुई घटना से पहले नागौर दलित उत्पीडन मामले में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सरकार को निर्देश दिया, उसके बाद भी प्रदेश में दलित अत्याचार के मामले लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत जो की स्वयं गृहमंत्री भी हैं, दलितों पर अत्याचारों को रोकने में पूर्ण रूप से असफल रहे हैं. सीएम गहलोत में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें नैतिकता के आधार पर गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. पूनियां ने आगे कहा कि कांग्रेस आलाकमान को भी इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए. गहलोत सरकार के सवा साल के कार्यकाल में प्रदेश में सर्वाधिक अपराधिक मामले दर्ज हुए है. इन अपराधों में सबसे ज्यादा मामले दलित उत्पीडन के हैं.
केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के इस शासन काल में दलित और आदिवासी समाज के प्रति जो घटनाएं घट रही है वो राजस्थाान को शर्मसार करने वाली हैं और सरकार इन घटनाओं पर लीपापोती करती है. इसलिए दलित उत्पीडन की घटनाएं ज्यादा घटित हो रही है और अपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे है. अब तक थानागाजी से लेकर नागौर व बाडमेर में हुई घटनाओं में गहलोत सरकार का मकसद रहा है लीपापोती करें. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सिर्फ नागौर में हुई घटना पर ट्वीट करके छोड देते हैं, किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करते है. हमारी यह मांग है कि गृहमंत्रालय खुद मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं, ऐसे में दलित समाज पर अत्याचार बढने पर नैतिकता के आधार पर गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आने के पश्चात् दलितों पर लगातार अत्याचार की घटनाऐं बढ़ी हैं एवं कानून व्यवस्था पूर्ण तरह से चौपट हो गई है. भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति ना हों इसके लिए मुख्यमंत्री महोदय को आपसी गुटबाजी छोड़कर प्रदेश की जनता का ध्यान रखना चाहिए और ऐसी घटनाओं के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए.
कटारिया ने आगे कहा कि हम लोगों का दुर्भाग्य है कि इतनी बड़ी गंभीर समस्या पर गृहमंत्री विधानसभा में चर्चा के समय उपस्थित नहीं हुए. स्पीकर सीपी जोशी ने इस मामले में कहा इस तरह की घटनाओं को हल्के में और मजाक में नहीं लिया जाए. बाड़मेर में जिस प्रकार पुलिस हिरासत में युवक की मौत हुई उसके बाद भी मुद्दे को हल्केपन में उठाया गया. मुख्यमंत्री ने इतने गंभीर मुददे पर भी एक दिन भी सदन में आना उचित नहीं समझा. मुख्यमंत्री ने पीड़ितों और दलितों का अपमान किया है, इसको राजस्थान की जनता समझे और जहां प्रतिकार करना है वहां करे.