पॉलिटॉक्स न्यूज़/बिहार. बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का आज 1 मार्च को जन्मदिन है. इस खास मौके पर बिहार की राजनीति में अलसुबह लगा सियासी झटका, एक दूसरे के राजनीतिक शत्रु माने जाने तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार को अपना अभिभावक बताते हुए देर रात 1.20 पर ट्वीट कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी. अब यह आरजेडी का नीतीश पर कोई तंज है या नई रणनीति का कोई हिस्सा यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा लेकिन चुनावी साल में हाल में विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू के लाल तेजस्वी यादव की बन्द कमरे में हुई मुलाकात के बाद से बिहार में फिर से बड़े राजनीतिक समीकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है.
दरअसल, रविवार को सीएम नीतीश कुमार के जन्मदिन की मौके पर शुभकामनाएं देते हुए आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने सीएम को ‘आदरणीय अभिभावक’ कहकर संबोधित किया और लिखा, ‘आदरणीय अभिभावक श्री नीतीश कुमार जी को जन्मदिवस की शुभ मंगलकामनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि आप आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ते हुए स्वस्थ और दीर्घायु रहें. जन्मदिवस के शुभअवसर पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और बेरोज़गारी हटाने की हमारी लड़ाई में सहयोग अपेक्षित है.’
आदरणीय अभिभावक श्री नीतीश कुमार जी को जन्मदिवस की शुभ मंगलकामनाएँ।ईश्वर से प्रार्थना है कि आप आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ते हुए स्वस्थ और दीर्घायु रहे।
जन्मदिवस के शुभअवसर पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने व बेरोज़गारी हटाने की हमारी लड़ाई में सहयोग अपेक्षित है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 29, 2020
बता दें, हाल के दिनों में सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी के नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात से बिहार की सियासी फिजा में जबरदस्त हलचल देखी जा रही है. ऐसे में तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को अभिभावक बताकर इस हलचल को और तेज कर दिया है. वहीं जानकारों की मानें तो तेजस्वी यादव की इस शुभकामना संदेश में थोड़ा तंज देखा जा सकता है. तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार के आत्मसम्मान और स्वाभिमान की बात कही, पर बिहार के नए सियासी घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में ये बीजेपी और जेडीयू के बीच दूरी बढ़ाने की आरजेडी की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है.
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याद दिला दें, कि हाल में ही तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश की मुलाकात के बाद एनपीआर को पुराने प्रावधानों पर और एनआरसी को बिहार में नहीं लागू करने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा में पास किया गया. इससे बीजेपी और जेडीयू के बीच थोड़ी दूरी दिखी. इसके साथ ही जातीय जनगणना करवाने का प्रस्ताव भी विधानसभा में पास हुआ. बताया जा रहा है कि इन मामलों के बाद बीजेपी थोड़ी बैकफुट पर दिख रही है और जेडीयू-आरजेडी के बीच फिर से नजदीकियों की खबरें सामने आ रही हैं.
गौरतलब है कि, रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन्मदिन के मौके पर राजधानी पटना में जेडीयू का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. दस साल के दौरान यह दूसरा मौका है, जब नीतीश कुमार अपने जन्मदिवस को पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के लिए चुना है. इससे पहले साल 2015 में नीतीश कुमार ने 1 मार्च को ही आयोजन किया था, तब लालू प्रसाद यादव का नीतीश कुमार की जेडीयू से गठबंधन था. हालांकि, इस बार के चुनाव में समीकरण दूसरे हैं और जेडीयू अपने पुराने सहयोगी बीजेपी के साथ है.