Politalks.News/Bihar. बिहार में घटिया निर्माण की पोल लगातार खुलती जा रही है. बीते दो महीनों में दो भारी लागत के पुल पानी में ताश के पत्तों की तरह ढह गए. शनिवार को फिर एक पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया. करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बना ये पुल अपने उद्घाटन की राह देख रहा था लेकिन उससे पहले ही ये बरसाती नाले की तरह ढह गया. पुल के एक हिस्से के धंस जाने से पथरघट्टी पंचायत का इलाका टापू में बदल गया है. इसके बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए बिहार सरकार पर हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप जड़ दिया.
दरअसल, किशनगंज में कनकई नदी ने धारा बदली तो उद्घाटन से पहले ही 1.42 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल बह गया. घटना दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत की है. ग्वाल टोली के पास से बह रही कनकई नदी ने इन दिनों अपनी धारा बदली है, जिससे गुवाबाड़ी के पास पुल धंस गया. पथरघट्टी के ग्वालटोली के पास कनकई नदी का बहाव तेज होने से कच्ची सड़क तेजी से कटती गई. अब पुल के एक हिस्से के धंस जाने से पथरघट्टी पंचायत का इलाका टापू में बदल गया है. 20 मीटर डायवर्जन को नहीं बांधने के कारण करोड़ों का नुकसान हो गया है.
पुल धंस जाने के कारण इस रास्ते खुद को मुख्य धारा से जोड़ने का आस वर्षों से संजोए ग्वाल टोली, गुवाबाड़ी, दोदरा, कमरखोद, बेलबारी, संथाल टोला आदि गांवों के हजारों की आबादी का इंतजार एक बार फिर से बढ़ गया है. पिछले 10 साल में कनकई नदी ने काशीबाड़ी, कचना बस्ती तथा मालप्रति जैसे सैकड़ों परिवार वाले गांवों को नक्शे से गायब कर दिया है. ग्वाल टोली का क्षेत्रफल भी पिछले कुछ वर्षों से लगातार छोटा होता जा रहा है. इस साल नदी से निकले नए धारा ने ग्वाल टोली को टापू में बदल दिया है.
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घटना के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर पुल-पुलिया के निर्माण के नाम पर हजारों करोड़ रुपए के घोटाले करने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सरकार पुल-पुलिया के निर्माण के नाम पर बिहार को लूट रही है. सरकार में बिना पहुंच पथ के पुल-पुलिया बनाकर निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
तेजस्वी ने बताया कि विशेषज्ञों की राय के अनुसार, पुल के फाउंडेशन की गहराई जरूरत के अनुसार नहीं थी बल्कि नदी के तल पर ही हल्की खुदाई की गई और फाउंडेशन का काम पूरा कर दिया गया. इसमें ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है. क्षतिग्रस्त पुल से स्पष्ट होता है कि पुल के फाउंडेशन का काम तय गुणवत्ता और पैरामीटर के अनुसार नहीं किया गया है. हजारों करोड़ के लगातार टूटते पुलों और सड़कों के घोटालों के लिए भ्रष्ट नीतीश सरकार दोषी है.
गौरतलब है कि किशनगढ़ से पहले गोपालगंज में 263 करोड़ रुपए और 509 करोड़ रुपए के दो बड़े पुल के एप्रोच रोड पहले ही टूट चुके हैं. इनमें से एक उद्घाटन के एक महीने बाद और दूसरा उद्घाटन से एक घंटे पहले पानी के तेज बहाव में ढह गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक पुल का उद्घाटन तो केवल खानापूर्ति के लिए किया क्योंकि पुल टूटा हुआ था. हर बार सरकार और इंजीनियर्स ने पानी के तेज बहाव और बारिश का बहाना बनाया जो किसी भी तरह से उपयुक्त नहीं है जबकि सच तो ये है कि आवागमन को देखते हुए छोटी-बड़ी नदियों के पानी के बहाव के जरूरत के अनुसार ब्रिज का निर्माण होता है. ऐसे में करोड़ों रुपये की संपत्ति का इस तरह पानी में बह जाना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है. इस पर तेजस्वी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर होना सत्ताधारी पक्ष की मुश्किलें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पसीने छुड़ाने जैसा है.