पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है. रॉय ने दावा किया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के लिए डेटाबेस का काम करेगा. उन्होंने लोगों से एनपीआर का विरोध करने का आह्वान किया. अरुंधति रॉय ने कहा, “एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा बिल्ला बताइए. अपने घर का पता देने के बजाए प्रधानमंत्री के घर का पता लिखवाएं.” मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अरुंधति रॉय के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एक रजिस्टर ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का भी बनना चाहिए.
अरुंधति रॉय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमा हुए कई यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पहुंची थीं. अरुंधति रॉय के साथ ही फिल्म अभिनेता जीशान अय्यूब और अर्थशास्त्री अरुण कुमार भी नॉर्थ कैंपस पहुंचे. इस मौके पर रॉय ने यह दावा भी किया कि एनआरसी देश के मुस्लिमों के खिलाफ है. रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एनआरसी मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया.
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अरुंधति रॉय ने कहा, “एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएंगे, आपका नाम, फोन नंबर और आधार ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कागजात के बारे में पूछेंगे. एनपीआर एनआरसी का डेटाबेस बनेगा. हमें इसके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से लड़ना होगा. जब वे एनपीआर के लिए आपके घर आएं तो आप उन्हें दूसरा नाम जैसे रंगा बिल्ला या कुछ और बता दें. पते के लिए आप उन्हें 7 आरसीआर बताएं. हमें दबाने के लिए बहुत सारी ताकत लगेगी. हम लोग लाठी और गोली खाने के लिए पैदा नहीं हुए हैं.” रॉय ने आरोप लगाया कि देश में सीएए और एनआरसी का व्यापक स्तर पर विरोध होने के बाद सरकार इसके प्रावधानों को एनपीआर के जरिये लागू करवाना चाहती है.
अगर यही हमारे देश के बुद्धिजीवी है तो पहले हमें ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का रजिस्टर बनाना चाहिए!
वैसे उन्होंने ने अपना नाम तो बता ही दिया,
साथ में ये भी बता दिया कि उन्हें कंग-फ़ू की भी जानकारी है।अरुंधती जी को शर्म आनी चाहिए! ऐसे बयान देश के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है? https://t.co/9eSTPsj5BF
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 25, 2019
अरुंधति रॉय के बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि एक रजिस्टर ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का भी बनना चाहिए. उन्होंने कहा, ”अगर यही हमारे देश के बुद्धिजीवी हैं तो पहले हमें ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का रजिस्टर बनाना चाहिए!” शिवराज ने आगे कहा, ”वैसे उन्होंने अपना नाम तो बता ही दिया, साथ में ये भी बता दिया कि उन्हें कंग-फ़ू की भी जानकारी है. अरुंधती जी को शर्म आनी चाहिए! ऐसे बयान देश के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है?”
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गौरतलब है कि मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दी थी. विपक्षी दलों का कहना है कि एनपीआर एनआरसी की ही शुरुआती प्रक्रिया है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में यह साफ-साफ कहा है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है. एनआरसी की अभी कोई चर्चा नहीं हुई है.