सोनिया-राहुल से बिना मिले लौटे अमरिंदर, राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर, क्या पंजाब में ‘कैप्टन’ ही कांग्रेस !

पंजाब कांग्रेस में घमासान चरम पर, सिद्धू होंगे हिट विकेट या कैप्टन को मिलेगी फिर कमान, तीन दिन दिल्ली में रहने के बावजूद हाईकमान से मिले बिना लौटे अमरिंदर, राजनीतिक गलियारे में कयासों की आंधी, ये कैप्टन की नाराजगी है या हाईकमान की अनदेखी, 'मैं नहीं मानता कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोई संघर्ष है'-जाखड़, इन सब कवायदों के बीच अरविंद केजरीवाल सिद्धू पर डोरे डालने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं

क्या पंजाब में 'कैप्टन' ही कांग्रेस !
क्या पंजाब में 'कैप्टन' ही कांग्रेस !

Politalks.news/Punjab. पंजाब में कांग्रेस के अंदरखाने मचा घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. तीन दिन दिल्ली में रहने के बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस हाईकमान से मिले बिना ही चंडीगढ़ लौट गए हैं. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कैप्टन विरोधी खेमा हो या खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह हर खिलाड़ी पूरे दमखम के साथ मैदान में डटा है. पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए बनी कमेटी के सामने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी बात रखी. सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों से काफी नाराज बताए जा रहे हैं.

इस मामले से जुड़े लेकर लेटेस्ट अपडेट की बात करें तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बिना मिले ही वापस पंजाब वापस लौट गए. कैप्टन के इस तरह से लौटने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

कैप्टन की नाराजगी या आलाकमान की अनदेखी?
क्या इसे कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी माना जाए या फिर आलाकमान की अनदेखी? क्या आलाकमान के पास कैप्टन से मिलने का समय नहीं है या फिर अभी कैप्टन को दिल्ली दरबार में दोबारा हाजिरी के लिए आना होगा. ऐसे कई सवाल दिल्ली के सियासी गलियारों में घूम रहे हैं. पंजाब की पिच में मौजूद हर खिलाड़ी वर्चस्व की लड़ाई में खुद को मजबूत और आगे बताने से नहीं चूक रहा है.

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सिद्धू हिट विकेट, अमरिंदर सिंह को कमान!
हालांकि सूत्रों की माने तो पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से छिड़ी रार सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के पक्ष में जाती दिख रही है. बीते दिनों नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से उन पर खुले तौर पर हमला बोलने के मुद्दे को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाईकमान के सामने उठाया है. सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने भी माना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को किसी भी तरह के मतभेद की बात पार्टी फोरम में ही रखनी चाहिए थी. यही नहीं सूत्रों का कहना है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के पैनल ने अमरिंदर सिंह को ही 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए कैप्टन बनाए रखने पर सहमति जताई है और उन्हें टीम चुनने के लिए फ्री हैंड दिया है.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस तरह खुले तौर पर बयानबाजी करके सिद्धू ने हिट विकेट होने वाला काम किया है और अब उन्हें डिप्टी सीएम या फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलना मुश्किल है. इससे पहले हाईकमान की ओर से सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाए जाने का प्रस्ताव दिया था. इस पर भी कांग्रेस सूत्रों का कहना था कि सिद्धू ने डिप्टी सीएम बनने से इनकार कर दिया है और प्रदेश अध्यक्ष का ही पद चाहते हैं. कहा यह भी जा रहा है कि अब नवजोत सिंह सिद्धू अमरिंदर कैबिनेट में मंत्री के पद पर ही संतोष कर सकते हैं. इसके अलावा चुनाव प्रचार में उन्हें कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है.

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इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे की लीडरशिप वाले पैनल ने अमरिंदर सिंह से चुनावों के मद्देनजर जरूरी बदलाव करने और जनहित की योजनाओं पर आगे बढ़ने की सलाह दी है. कहा यह भी जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बात की है. दरअसल पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर पर निजी हमला बोलते हुए कहा था कि वह दो परिवारों के सिस्टम के खिलाफ हैं. उनका सीधा इशारा प्रकाश सिंह बादल के परिवार और कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर था. उनके इस बयान को पार्टी ने ठीक नहीं माना है. अपने ही सीएम के खिलाफ पब्लिक में इस तरह के बयान को नवजोत सिंह सिद्धू का हिट विकेट माना जा रहा है.

अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच नहीं है संघर्ष-जाखड़
इधर, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष का सुनील जाखड़ का बयान आया है कि मैं नहीं मानता कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोई संघर्ष है. यह चिंतन कई मुद्दों को लेकर चल रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ये बयान दिया है. जाखड़ ने कहा कि-‘पंजाब की अंतरआत्मा को जो सबसे बड़ा शूल की तरह चुभ रहा है वो मसला है गुरूग्रंथ साहब को चिथड़े-चिथड़े करके फाड़े जाने का और निहत्थे अनुआयियों पर गोली चलाकर उनका कत्ल किया जाना. उनके कातिल आज पंजाब में घूम रहे हैं. ये कांग्रेस को और पंजाब को विचलित कर रहा है’.

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केजरीवाल डाल रहे सिद्धू पर डोरे !
इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब में पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं और नवजोत सिंह सिद्धू पर डोरे डाल रहे हैं. केजरीवाल पहले हुई गलतियों से सबक सीख चुके हैं. केजरीवाल प्रयास में लगे हैं कि अगर कांग्रेस में सिद्धू की बात नहीं बनती है तो उनको पार्टी में लिया जाए. तभी अमृतसर में जब केजरीवाल से सिद्धू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे सिद्धू का बहुत सम्मान करते हैं. ध्यान रहे मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने भी पिछले दिनों कहा था कि सिद्धू आप में जा सकते हैं. इस बीच सिद्धू का यह बयान आया है कि वे सिर्फ प्रचार करने के लिए पार्टी के शो-पीस नेता नहीं हैं. कैप्टेन और सिद्धू के टकराव से आप नेताओं को उम्मीद है कि वे चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं. आप नेताओं का आकलन है कि अगर सिद्धू को चेहरा बना कर चुनाव लड़ा जाता है तो उसका फायदा होगा.

बता दे कि केजरीवाल ने अपने पंजाब दौरे में ऐलान कर दिया है कि राज्य में अगर आप की जीत होती है तो सिख मुख्यमंत्री बनेगा. इसके दो मकसद हैं, पहला तो इन अटकलों को खत्म करना की पार्टी जीतेगी तो केजरीवाल खुद मुख्यमंत्री बनेंगे. इस प्रचार से आप को बहुत नुकसान हुआ था. दूसरा मकसद सिद्धू को मैसेज देना है, लेकिन अगर सिद्धू आप में नहीं जाते हैं तो केजरीवाल बिना मुख्यमंत्री घोषित किए ही चुनाव में जाएंगे.

 

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