PoliTalks.news. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) सुसाइड मामले में आखिरकार सीबीआई की एंट्री हो ही गई. हाई प्रोफाइल मामले में कई ड्रामों के बाद सीबीआई के पास ये केस चला गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया. अब मुंबई पुलिस को सीबीआई को मामले की पूरी डिटेल सौंपनी होगी. इस केस में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार और मुंबई पुलिस पर मामले को दबाने, सबूतों से छेड़छाड़ और रिया चक्रवर्ती को बचाने के आरोप भी लगे हैं. इस पर उद्धव ठाकरे के सुपुत्र और सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने अपनी चुप्पी तोड़ने हुए इसे सड़कछाप राजनीति करार दिया. जूनियर ठाकरे ने कहा कि उनके परिवार पर कीचड़ उछाला जा रहा है. इधर, मुंबई पुलिस ने दबाव बनाने की बात कही है जिसने मामले को और उलझा दिया है.
जैसे ही मामला सीबीआई के पास पहुंचा, मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत के जीजा एवं भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ने उन्हें रिया चक्रवर्ती को पुलिस थाने बुलाने और उस पर दबाव बनाने को कहा था. इस बयान के बाद मामले में कई और भी पेंच फंसते दिखाई दे रहे हैं. पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया ने एक टीवी चैनल को बताया कि राजपूत के जीजा एवं हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओ.पी.सिंह ने इस साल फरवरी में उनसे यह अनुरोध किया था. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में 14 जून को मृत मिले थे.
दहिया ने कहा कि सिंह ने मुझे रिया चक्रवर्ती को अनौपचारिक तरीके से पुलिस थाने में बुलाने और उस पर दबाव बनाने को कहा था. सिंह ने उन्हें कहा था कि राजपूत के परिवार को लगता है कि रिया अभिनेता को नियंत्रित कर रही है और वह उसे अभिनेता की जिंदगी से बाहर करना चाहते हैं. दहिया एक अप्रैल तक बांद्रा के जोनल पुलिस प्रमुख थे.
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इधर, आदित्य ठाकरे ने मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में जो कुछ चल रहा है वो सड़क छाप पॉलिटिक्स है लेकिन वो धैर्य बनाए हुए हैं. आदित्य ने कहा, ‘मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. बॉलीवुड मुंबई का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. बहुत से लोगों का जीवन इस पर निर्भर करता है. हां, मेरे भी इस इंडस्ट्री के साथ बहुत से संपर्क हैं लेकिन वो कोई अपराध नहीं है. सुशांत सिंह राजपूत का निधन बहुत शॉकिंग और दुखद है. मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है और महाराष्ट्र पुलिस पूरी दुनिया में मशहूर है.’
आगे आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘वो जो प्रोटोकॉल में यकीन नहीं रखते हैं, वही लोग हैं जो जांच को गुमराह किए जाने के आरोप लगा रहे हैं. बाल ठाकरे का नाती होने के नाते मैं ये बता दूं कि मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जिससे महाराष्ट्र, शिवसेना या ठाकरे की साफ छवि को बट्टा लगे. जो लोग आधारहीन आरोप लगा रहे हैं उन्हें ये पता होना चाहिए. कोई भी जिसे इस मामले में कोई काम की जानकारी पता है उसे पुलिस से संपर्क करना चाहिए. मैं बहुत धैर्य के साथ सक्रिय बना हुआ हूं. किसी को भी इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि वो इस मामले में सरकार और ठाकरे परिवार के ऊपर कीचड़ उछाल सकते हैं.’
आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘ये ओछी राजनीति है लेकिन मैं धैर्य बनाए हुए हूं. कुछ लोग जल रहे हैं और ऐसा महाराष्ट्र सरकार की कामयाबी के चलते हो रहा है. कुछ लोग बेमतलब ठाकरे परिवार पर कीचड़ उछाल रहे हैं और ऐसा उनकी खीज और राजनीतिक नाकामयाबी के चलते हो रहा है. इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना इंसानियत के दामन पर दाग है. मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.’
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इधर, बुधवार को सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने मुंबई पुलिस पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. साथ ही मुंबई पुलिस को बिहार पुलिस के साथ को-ऑपरेट करने की दरखास्त की, जबकि महाराष्ट्र सरकार की तरफ वहां मौजूद एडवोकेट बसंत ने कहा कि मुंबई में जांच का अधिकार पटना पुलिस को नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खुद बिहार पुलिस ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया है. हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई सहयोग करे.
वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ की जा रही है, साथ ही जांच के लिए गए अधिकारियों को क्वरानटीन कर दिया जा रहा है. उन्हें अनसुना किया जा रहा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दो एजेंसी को एक ही काम करने के लिए निर्देश नहीं दे सकते है.
खैर…मामला अब सीबीआई के पास पहुंच ही गया है जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी. ऐसे में अब कई अनदेखी बातों पर से पर्दा उठ सकता है.