Politalks.News. निश्चित ही आज की तारीख इतिहास की तारीख बनेगी. दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र अयोध्या के राजा मर्यादा पुरूषोत्म भगवान श्री राम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ. यह क्षण हिंदू समाज के गौरवशाली क्षण है, तेत्रायुग में अयोध्या नगरी में जन्में भगवान श्री राम सिर्फ आध्यात्मिक और धार्मिक भावनााओं का की केंद्र नहीं हैं. बीते 600 सालों के भारत के इतिहास में भगवान राम के इस जन्म स्थान से सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक विषय भी जुड़े रहे हैं.
पिछले 100 सालों यह स्थान किसी के लिए भी इसलिए महत्वपूर्ण हो गया था कि इस स्थान ने हिंदू समाज को आंदोलित किया. संघ परिवार ने भगवान राम के जन्म स्थान को हिंदू समाज के स्वाभिमान का विषय बनाया. संघ परिवार वर्षों तक लोगों को इस स्थान के प्रति जागरूकता करता रहा.
विदेशी आक्रांता बाबर के निर्देश के बाद उसके सेनापति मीर कासिम ने श्रीराम जन्म स्थान पर बनने मंदिर को ढहाकर उस पपर मस्जिद बना दी. उसके बाद से राम जन्म भूमि मंदिर के लिए भारत में आंदोलन शुरू हुआ. आंदोलन अंग्रेजों के पहले से ही शुरू हो चुका था. यह सीधे-सीधे टकराव का कारण बना.
यह भी पढ़ें: राममंदिर निर्माण सुयश के असली हकदार लालकृष्ण आडवाणी अब कहीं नहीं हैं, नरेंद्र ही सब कुछ है- सत्तन
आजादी के बाद जन्मस्थान पर मंदिर बनाने के लिए संघ परिवार को महसूस हुआ कि इस स्थान को केवल सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलन से हासिल नहीं किया जाा सकता. इससके बाद भारतीय जनता पार्टी 1990 में इस आंदोलन में जुड़ी. यही समय भारत की राजनीति का टर्निंग प्वाइंट बना. इस जन्म स्थान के पक्ष में जो भी राजनीतिक दल नहीं खड़े हुए वो सब एक बाद एक स्थान से उखड़ते गए.
भाजपा के लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा और विहिप के अशोक सिंधल ’’सौंगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे’’ अभियान ने देश के बहुसंख्यक समाज की सोच ही बदल दी. भाजपा संसद में 2 सीटों से बहुमत तक पहुंच गई. 6 दिसंबर की घटना और उसके बाद न्यायालय में चली लंबी प्रक्रिया के बाद अतंत राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया.
पीएम मोदी बोले – भय बिन होत ना प्रीत
भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की मर्यादाओं का बखान किया. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम दुनियया भर के देशों में किसी न किसी रूप में पूजे जाते हैं. उनका अस्तित्व मिटाने की कोशिश की गई. लेकिन यह हो नही सका. राम अमिट हैै. मोदी ने राम का गुणगाण करते हुए, उनकी नीतियों को बताते हुए कहा कि “भय बिन न होत प्रीत” भी श्रीराम की नीति ही है.
मोहन भागवत बोले- अब परम वैभव का लक्ष्य
संघ प्रमुख ने कहा कि भगवान राम भारत का स्वाभिमान है. राम मंदिर का निर्माण तो शुरू हो चुका है. अब भारत को परम वैभव की ओर बढ़ना चाहिए. राम मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर कई लोगों ने बलिदान दिया है. हमारी संस्क्रति महान है, यह पूरी दुनिया तक पहुंचनी चाहिए.