कोविड संक्रमित मरीजों में वायरस का दम घोंट देने वाली ‘2-DG’ दवा आज से मार्केट में होगी उपलब्ध!

2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है, कोशिका से चिपकी इस दवा को वायरस ग्लूकोज समझ कर खाने की कोशिश करेगा, लेकिन ये ग्लूकोज नहीं है, इसलिए इसे खाने से वायरस का खात्मा हो जाएगा, इस दवा से ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम होगी

2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज
2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज

Politalks.News/Bharat. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अब एक और दवा उपलब्ध होने वाली है. डीआरडीओ की एंटी कोविड दवा ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज‘ को हाल ही में आपात इस्तेमाल के लिए डीसीजीआई ने मंजूरी दी है. डीआरडीओ के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा है कि 11 या 12 मई से ये एंटी कोविड दवा मार्केट में उपलब्ध होना शुरू हो जाएगी. रेड्डी ने कहा कि शुरुआत में दवा की कम से कम 10 हजार डोज मार्केट में आ सकती हैं. चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा कि डीआरडीओ और डॉ रेड्डी लैब द्वारा बनाई जाने वाली इस दवा को डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है. इस दवा के सेवन से ऑक्सीजन पर निर्भर कोरोना मरीज 2-3 दिन में ऑक्सीजन सपोर्ट को छोड़ देंगेे और जल्दी ठीक होंगे. जल्द ही यह दवा अस्पतालों में उपलब्ध होगी.

डीआरडीओ के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने यह भी बताया कि मरीज इस दवा को डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही लें. बता दें कि 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है. गैस और बदहजमी के लीजिए इनो पाउडर जैसे पानी में घोलकर पीते हैं, उसी तरह 2-डीजी को भी पिया जा सकेगा. यूं तो इस बारे में आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि एक पैकेट की कीमत 500 से 600 रुपये के बीच हो सकती है. इसका उत्पादन करने वाली दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज ही सही दाम का खुलासा करेगी.

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ऐसे करेगी वायरस का खात्मा
यह दवा लेने के बाद मरीज की अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होगी. विशेषज्ञों के अनुसार यदि वायरस को शरीर में ग्लूकोज न मिले तो उसकी वृद्धि रुक जाएगी. डीआरडीओ के डॉक्टर एके मिश्रा ने सामान्य भाषा में दवा के बारे में समझाते हुए दावा किया कि वायरस के विकास के लिए ग्लूकोज का होना जरूरी है. यदि उसे ग्लूकोज नहीं मिलेगा तो उसका विकास नहीं हो सकेगा. कोशिका से चिपकी इस दवा को वायरस ग्लूकोज समझ कर खाने की कोशिश करेगा, लेकिन ये ग्लूकोज नहीं है, इसलिए इसे खाने से वायरस का खात्मा हो जाएगा और मरीज ठीक होने लगेगा.

आपको बता दें, यह दवा उन मरीजों की मदद करेगी जिन्हें सांस लेने में तकलीफ की समस्या होती है. क्लीनिकल टेस्ट में सामने आया कि 2-डीजी दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करती है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, कोविड-19 की चल रही दूसरी लहर की वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है. इस दवा से कीमती जिंदगियों के बचने की उम्मीद है क्योंकि यह दवा संक्रमित कोशिकाओं पर काम करती है. यह कोविड-19 मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि भी कम करती है.

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डीआरडीओ ने अप्रैल 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान आईएनएमएएस-डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्यूलर ऐंड मॉलिक्यूल बायोलॉजी के साथ मिलकर प्रयोशाला में प्रयोग किया और पाया कि ये अणु सार्स कोव-2 वायरस के खिलाफ कारगर हैं और वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकते हैं. इस दवा को ऐसे समय मंजूरी मिली है जब भारत कोरोना वायरस की महामारी की दूसरी लहर से घिरा है और देश के स्वास्थ्य अवसंरचना पर भारी दबाव है.

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