पॉलिटॉक्स ब्यूरो. अब से कुछ देर में होगा कर्नाटक के राजनीति ड्रामे का अंत! कर्नाटक में फिर से चुनी जाएगी नई सरकार और बनेगा नया मुख्यमंत्री या येदियुरप्पा बने रहेंगे मुख्यमंत्री? जनता ने आखिर किस चुना भाजपा या कांग्रेस-जेडीएस की सरकार को? अभी तक 13 में से 10 सीटों पर बीजोपी ने बढ़त बनाई हुई है और जानकारों की मानें तो येदियुरप्पा अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचा लेंगे.
3 जुलाई को शुरू हुआ था कर्नाटक का ‘नाटक’, भाजपा के बैनर पर येदियुरप्पा ने कांग्रेस के 17 विधायकों को तोड़कर गिराई थी कांग्रेस-जेडीएस की सरकार और 24 जुलाई 2019 को कर्नाटक में चौथी बार सीएम बने बी.इस. येदियुरप्पा. इस पर कांग्रेस के बागी विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने कर दिया था अयोग्य घोषित. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाकर इन विधायकों को मिली कुछ राहत आउट कोर्ट ने दी चुनाव लड़ने की इजाजत और अंत में भाजपा में शामिल होकर इन विधायकों ने फिर से लड़ा उपचुनाव.अब भाजपा को अपनी साख बचाने के लिए इन 13 विधायकों में से 6 की जीत जरूरी है.
गौरलतब है कि भाजपा में शामिल हुए 15में से 13 विधायकों ने लड़ा है उपचुनाव और आज चुनाव परिणाम पर होगा येदियुरप्पा के भविष्य का फैसला. क्या जनता ने चुना है इन बागी विधायकों को, या फिर जनता चाहती फिर चाहती कांग्रेस-जेडीएस सरकार? किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए कम से कम 111 सीटों की होगी जरूरत, ऐसे में 224 सीटों वाले कर्नाटक में भाजपा को चाहिए सिर्फ 6 विधायकों के माथे पर जीत का सेहरा.
Politalks Bureau. Karnataka’s political drama will end in a while from now! Will a new government be re-elected in Karnataka and a new Chief Minister or will Yeddyurappa remain the Chief Minister? After all, which people chose BJP or Congress-JDS government? So far, Bijopi has held the lead in 19 of the 13 seats and if experts are to be believed, Yeddyurappa will save his chief minister’s chair.
The ‘drama’ of Karnataka started on 3 July, Yeddyurappa, on the BJP banner, broke 17 Congress MLAs and demolished the Congress-JDS government and became the CM for the fourth time in Karnataka on 24 July 2019. Yeddyurappa. The rebel MLAs of the Congress were disqualified on this. After this, these MLAs got some relief by going to the Supreme Court, the out court gave permission for contesting elections and finally joined the BJP and fought the by-elections again. Now to save the BJP’s credibility, out of these 13 MLAs A win of 6 is important.
It is noteworthy that 13 of the 15 MLAs who joined BJP have contested the by-election and today the decision of Yeddyurappa’s future will be on the election results. Has the public chosen these rebel MLAs, or does the public want Congress-JDS government again? Any party will need at least 111 seats to form a government, in such a situation, the BJP in Karnataka with 224 seats should win only on the foreheads of 6 MLAs.