किसानों पर अन्याय करने वाली भाजपा को हराएंगे और हटाएंगे- ‘अन्नसंकल्प’ के साथ अखिलेश का ऐलान

उत्तरप्रदेश चुनाव का घमासान, अखिलेश ने किसानों से कई बड़े वादे, सियासी चर्चा- किसानों के पास हैं यूपी की सत्ता की चाबी, तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के बाद से नाराज हैं किसान, इस रोष तो भुनाने की तैयारी में सपा, अखिलेश ने गन्ना किसानों पर किया फोकस तो मोदी और योगी से पूछे कई सवाल, चन्द्रशेखर रावण के साथ गठबंधन ना होने को बताया साजिश

किसानों पर अन्याय करने वाली भाजपा को हराएंगे और हटाएंगे
किसानों पर अन्याय करने वाली भाजपा को हराएंगे और हटाएंगे

Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttarpradesh Assembly Election) की तारीखों के एलान के साथ ही सभी राजनीतिक दल एक नई रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं. विपक्ष जहां किसान आंदोलन, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था का सहारा लेकर केंद्र एवं योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रही है. वहीं सत्ताधारी दल भाजपा (BJP) और उसके सहयोगी राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और मथुरा जैसे मुद्दों के साथ मैदान में हैं. सभी राजनीतिक दल अच्छे से जानते हैं कहीं न कहीं जिस तरफ प्रदेश का किसान होगा उसकी राह उतनी ही आसान होगी. इसी कड़ी में आज समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लखनऊ स्थित कार्यालय में किसान नेताओं के साथ ‘अन्न संकल्प’ (Ann Sankalp) लिया. इस दौरान अखिलेश यादव ने किसानों से कई वादे किये और सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और ब्याज मुक्त लोन देने का एलान किया.

सियासी चर्चा है कि, केंद्र सरकार द्वारा 2020 में लाये गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ सालभर तक प्रदर्शन किया. देश भर के किसान सर्दी, गर्मी, बारिश में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहे. बंगाल चुनाव में भी इसका असर साफ़ देखने को मिला और ममता बनर्जी ने भाजपा को पटखनी दे दी. ठीक ऐसा ही हाल आगामी 5 राज्यों में ना हो इससे बचने के लिए केंद्र सरकार ने सबसे पहले तीनों कृषि कानून वापस ले लिए. इसके बावजूद मुख्यरूप से पंजाब और उत्तरप्रदेश के किसानों में बीजेपी के खिलाफ रोष अब भी व्याप्त है. भाजपा के प्रति किसानों में फैले रोष को देखते हुए सभी विपक्षी दल इसका फायदा उठाना चाहते हैं.

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इसी कड़ी में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज कुछ किसान नेताओं के साथ मिलकर ‘अन्न संकल्प’ लिया. इस दौरान सपा कार्यालय में लखीमपुर के तेजिंदर बिर्क भी मौजूद रहे. ये वही तेजिंदर हैं जिनपर भी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश हुई थी जिसमें वो घायल हो गए थे. अन्न संकल्प लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘किसान नेताओं और किसानों द्वारा किये संघर्ष के लिए मैं अपनी और समाजवादी पार्टी की तरफ से उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं. बीजेपी ने चुनावों में हार देखते हुए 3 कृषि कानून वापस लिए हैं. हम किसानों पर अन्याय करने वालों को हटाने का संकल्प ले रहे हैं.’

‘अन्न संकल्प’ लेते हुए अखिलेश यादव ने प्रदेश के किसानों से कई वादे भी किये. पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘प्रदेश की सत्ता में आने पर हमारी सरकार की तरफ से सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा. किसानों के लिए बीमा और पेंशन का भी इंतजाम किया जाएगा. इस एलान से पहले अखिलेश ने अन्न (गेंहूं और चावल) हाथ में लेकर संकल्प लेकर बीजेपी को हटाने की किसानों से अपील की. उन्होंने कहा- ‘हम सभी संकल्प लेते हैं कि किसानों पर अन्याय करने वालों को हराएंगे और हटाएंगे.’

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गन्ना किसानों का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘प्रदेश में सपा और किसानों की सरकार बनने के 15 दिनों के भीतर गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान किया जाएगा. इसके लिए अलग से फंड की स्थापना की जाएगी. गन्ना किसानों के लिए अगर फॉमर्स रिवॉल्विंग फंड भी बनाना पड़ा तो हम उसे बनाएंगे. हमने तय किया है कि अपने पार्टी के घोषणापत्र में एमएसपी को प्रमुख मुद्दा बनाएंगे. हर फसल को एमएसपी पर खरीदने का कार्य समाजवादी सरकार करेगी’.

पत्रकार वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने बीजेपी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन तक ले जाने का दावा किया जा रहा है. यूपी सरकार भी इस प्रकार के दावे कर रही है. हम जब अपना मैनिफेस्टो लेकर आएंगे तो हम जनता को किए गए तमाम वादों को पूरा किया जाएगा और किसानों को लेकर हम बात करेंगे.’ वहीं सपा प्रमुख से जब पार्टी के मैनिफेस्टो को जारी करने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘समाजवादी पार्टी बीजेपी के मैनिफेस्टो घोषित करने के बाद अपना घोषणा पत्र जारी करेगी’.

वहीं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने दो टूक अंदाज में कहा कि, ‘जब आजाद की और हमारी मुलाकात हुई थी तब दो सीटें देने की बात पर सुलह बन गई थी. लेकिन उसके बाद पता नहीं क्या हुआ उनके पास किसी का फ़ोन आया तो उन्होंने यह स्वीकार कर लिया और हमसे अलग हो गए. पता नहीं उनके साथ क्या हुआ क्या नहीं लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, ऐसे में सपा का क्या दोष है. मुझे तो इसके पीछे साजिश नजर आती है’.

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