राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपनी सुनवाई पूरी कर ली है और फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में फैसला सुनाएगा. मध्यस्थता पैनल भी बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश कर चुका है. इसी बीच मध्यस्थता पर योग गुरू बाबा रामेदव (Ramdev) ने अपनी प्रतिक्रिया रखते हुए कहा कि अगर राम मंदिर मामले में मध्यस्थता हो सकती है तो मक्का-मदीना पर भी बीच का रास्ता निकाला जाए और वहां मंदिर बनाने के लिए हमें जमीन दी जाए.
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) पर बीच का रास्ता निकालने के सवाल पर रामदेव ने कहा कि अयोध्या मामले में सभी बीच का रास्ता निकालना चाहते हैं, लेकिन मक्का-मदीना और वेटिकन सिटी में बीच का रास्ता निकालने के लिए कोई तैयार नहीं है. मक्का-मदीना में भी बीच का रास्ता निकालना चाहिए और वहां हमें एक कोना दिया जाए ताकि वहां राम, कृष्ण और शिव की मूर्ति स्थापित कर सकें. रामदेव ने कहा कि हमको वेटिकन सिटी में भी एक कोना दिया जाना चाहिए ताकि हम वहां हनुमान की मूर्ति लगा सकें. बता दें कि मक्का-मदीना मुस्लिम धर्म के पवित्र स्थल जबकि वेटिकन सिटी में रोमन कैथोलिक चर्च है.
रामदेव ने सवाल उठाया कि क्या सभी बीच के रास्ते हिंदुस्तान में ही निकाले जाएंगे? पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी कोई बीच का रास्ता निकालने की बात नहीं करता. हम बहुसंख्यक हैं तो क्या हमको न्याय ही नहीं मिलेगा? मजहबी तौर पर किसी तरह का फैसला करना गलत है लेकिन सत्य के आधार पर फैसला होना चाहिए.
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अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) बनेगा. हम मक्का मदीना और वेटिकन सिटी में राम मंदिर बनाने की मांग नहीं कर रहे हैं. यह सच पूरी दुनिया मानती है कि अयोध्या में राम पैदा हुए थे. राम हमारे पूर्वज हैं, चाहे कोई उनको इंसान माने या भगवान माने. दुनिया में सभी अपने पूर्वजों को सम्मान देते हैं. राम मंदिर बनने से पूर्वजों को सम्मान मिलेगा.
रामदेव ने कहा कि यह सच पूरी दुनिया मानती है कि अयोध्या में राम पैदा हुए थे. राम मजहबों से पहले थे. राम को भी न्याय मिलना चाहिए. राम हमारे पूर्वज हैं फिर चाहे कोई उनको इंसान माने या भगवान माने. दुनिया में सभी अपने पूर्वजों को सम्मान देते हैं. अयोध्या में राम मंदिर बनकर रहेगा जिससे हमारे पूर्वजों को सम्मान मिलेगा. उन्होंने ये भी कहा कि हिंदुस्तान में हजारों मंदिरों को तोड़ा गया और उन मंदिरों की जगह मस्जिद बनाई गईं. उन सभी का हिसाब होना चाहिए. अगर सभी का हिसाब नहीं हो सकता है तो कुछ का तो होना चाहिए.
रामदेव ने सवाल उठाया कि काशी विश्वनाथ में मस्जिद का क्या काम है? मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के पास मस्जिद बनाने का क्या मतलब है? इन मस्जिदों से साफ है कि मुगल बादशाहों ने मजहबी आधार पर क्रूरता की थी. रामदेव ने इस मामले पर बहस शुरू करने की वकालत भी की. राजनीतिक जुवाब अख्तियार करते हुए योग गुरू ने कहा कि कुछ छूट भइए वैचारिक आतंकवाद पैदा करना चाहते हैं. वहीं कुछ लोग धर्म और जाति के आधार पर लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, ‘ओवैसी मजहबी तौर पर लोगों को लड़ाना चाहते हैं. वो प्रतिशोध और घृणा की राजनीति करते हैं. जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो उसने राम को काल्पनिक बताया है.’
गौरतलब है कि अयोध्या मामले (Ayodhya Case) के संभावित फैसले को देखते हुए शहर में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. विवादित स्थल के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है. बेहद संवेदनशील हालातों को देखते हुए 10 दिसम्बर तक पुलिस की करीब 250 टुकड़ियां अयोध्या में तैनात हैं. सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
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इसी बीच मामले में मध्यस्थता की अफवाहों ने लगातार जोर पकड़ा हुआ है. मध्यस्थता पैनल ने जरूरी इसकी शिफारिश की है जिसका संविधान पीठ ने स्वागत भी किया है लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड, हिंदू महासभा, रामलला मंदिर समिति और निर्मोही अखाड़ा सहित करीब-करीब सभी धर्म संस्थाओं ने मध्यस्थता से साफ तौर पर इनकार कर दिया. हालांकि अदालत के फैसले को मानने और सम्मान करने की बात कही गई है.
राम मंदिर के मुद्दे पर 31 अक्टूबर को संघ की हरिद्वार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें अयोध्या मामले पर चर्चा की जाएगी. पांच साल में एक बार होने वाली इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी भी उपस्थित होंगे. इस दौरान राम मंदिर से संबंधित ‘अगले कदम’ पर भी चर्चा होगी.