राम मंदिर पर संभावित सुप्रीम फैसले के मद्देनजर छावनी बना अयोध्या, चप्पे-चप्पे पर पुलिस

केंद्र सरकार ने जिस तरह धारा 370 हटाने से पहले कश्मीर को छावनी में तब्दील कर दिया था, उसी तरह का हाल अब अयोध्या में देखने को मिल रहा है अयोध्या मामले (Ayodhya Case)

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) और बाबरी मस्जिद विवादित जमीन मामले की अंतिम सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई. 17 नवंबर तक अयोध्या मामले पर फैसला आने की पूरी उम्मीद है. सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर आने वाले संभावित फैसले और दिवाली के उत्सव को देखते हुये अयोध्या में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. राम जन्मभूमि के एक किमी के दायरे के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है. वहीं शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा है.

केंद्र सरकार ने जिस तरह धारा 370 हटाने से पहले कश्मीर को छावनी में तब्दील कर दिया था, उसी तरह का हाल अब अयोध्या (Ayodhya) में देखने को मिल रहा है. संवेदनशील हालातों को मद्देनजर रखते हुये सुरक्षा व्यवस्था को पहले से कहीं ज्यादा बढ़ाया गया है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए PAC की 47 कंपनी यहां पहले से तैनात है. साथ ही 200 कंपनिया और बुलाई गई है. अर्द्ध सैनिक बल की तैनाती भी की गई है. सार्वजनिक जगहों पर टीवी डीबेट पर भी रोक लगा दी गई है.

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वैसे तो अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) और बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर हमेशा ही हाई सिक्योरिटी रहती है लेकिन बीते कुछ दिनों का माहौल कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है. यहां त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रखी है. सुरक्षा के लिहाज से पूरे अयोध्या शहर को रेड, ब्लू और यलो सहित तीन जोन में बांटा गया है. रेड जोन में विवादित स्थल की सुरक्षा है. यह सुरक्षा बल आधुनिक हथियारों, ड्रोन और सीसीटीवी से लैस है.

अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में दाखिल होने के सभी रास्तों, घाटों और सरयू नदी के तट की निगरानी के लिए सैकड़ो cctv कैमरे लगे है. शहर में दाखिल होने वाले सभी प्रवेश द्वारों पर बेरिकेड्स की गई है. उत्तर प्रदेश के DGP ओपी सिंह, मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी सहित कई अफसर लगातार दौरा कर रहे है.

बता दे, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में निर्धारित समय सीमा से एक दिन और एक घण्टे पहले ही सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करा दी. पहले ये सुनवाई 17 अक्टूबर तक होनी थी लेकिन मंगलवार को सीजेआई ने अपनी जिरह एक दिन पहले तक समाप्त करने के निर्देश दिए. अपनी दलीलें रखने के लिए बुधवार शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित था लेकिन सभी पक्षों की जिरह एक घंटे पहले ही निपटा दिए गए. हिंदू पक्ष के सभी वकीलों को 45-45 मिनिट और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को डेढ़ घंटे का समय दिया गया.

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सीजेआई सहित पांच सदस्यों की खंड पीठ ने अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में फैसला सुनाने में एक महीने का समय मांगा है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि फैसला 9 नवंबर तक आ जाएगा. संभावना ये भी जताई जा रही है कि जिस तरह अयोध्या और विवादित स्थल पर पुलिस बल तैनात किया जा रहा है, फैसला आजकल में या फिर दीपावली से पहले पहले आ सकता है. अगर ऐसा होता है तो भाजपा की केंद्र सरकार न केवल हिंदू धर्मावलंबियों को दिवाली का उपहार देगी, बल्कि महाराष्ट्र-हरियाणा सहित झारखंड और दिल्ली में होेने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी जीत सुनिश्चित करेगी.

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