Politalks.news/Delhi. अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ के एक आर्टिकल ने भारतीय राजनीति में ऐसा सैलाब उठाया कि उसकी जद में वर्तमान में देश में चल रहे सभी मुद्दे बहते दिख रहे हैं, फिर चाहे वो कोरोना हो, आर्थिक स्थितियां हो या फिर जीडीपी. मीडिया संस्थान में अपनी रिपोर्ट में फेसबुक द्वारा भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतने का दावा किया गया. इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हो गई. आरोप और फिर पलटवार शुरु हो गया और मामला टॉप ट्रेंडिंग हो गया. अब ये सियासी जंग शायराना जंग में बदल रही है जहां कांग्रेस और बीजेपी शेरों-शायरी के जरिए एक दूसरे पर जुबानी वार कर रहे हैं. इसी जंग में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने फेसबुक मुद्दे को कांग्रेस की हताशा का आखिरी वार बताया है.
दरअसल अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल में ‘फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स’ रिपोर्ट से पूरा विवाद खड़ा हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है. साथ ही चुनाव अखंडता के नियमों का अनुप्रयोग किया गया है जो 300 मिलियन उपयोगकर्ताओं और हमारे लोकतंत्र के लिए खतरे की बात है. रिपोर्ट को फेसबुक के कर्मचारियों से बातचीत के हवाले से लिखी गई है.
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इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) फेसबुक और वाट्सऐप को नियंत्रित करते हैं और इन सोशल प्लेटफार्म के जरिये नफरत फैलाते हैं.
BJP & RSS control Facebook & Whatsapp in India.
They spread fake news and hatred through it and use it to influence the electorate.
Finally, the American media has come out with the truth about Facebook. pic.twitter.com/Y29uCQjSRP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 16, 2020
इसी कड़ी में कांग्रेस ने शायराना अंदाज अपनाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ” एक बात बताओ फेसबुक, तुम्हारे चेहरे का सच क्या है. भारत में नफरत की आंधी के पीछे, तुम्हारी मंशा क्या है. क्या भारत में अमन-चैन तुझे नहीं सुहाया या कि सत्ता की ताकत के आगे तूने सिर झुकाया?’
एक बात बताओ फेसबुक,
तुम्हारे चेहरे का सच क्या है?
भारत में नफरत की आँधी के पीछे,
तुम्हारी मंशा क्या है?क्या भारत में अमन-चैन तुझे नहीं सुहाया
या कि सत्ता की ताकत के आगे तूने सिर झुकाया?#FBbetraysIndia pic.twitter.com/GbvV6jbXCc— Congress (@INCIndia) August 17, 2020
इसी पर पलटवार करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ‘बस इतनी सी कहानी है’ शीर्षक के साथ ट्वीट पर कविता पोस्ट करते हुए कहा, ‘परिवार’ का तिलिस्म टूट गया, जनता का गुस्सा फूट गया. ‘अपनों’ के आरोप लगने लगे, घर के ‘बर्तन’ बजने लगे. ‘अपने’ मुंह मोड़ने लगे, ‘काबिल’ घर छोड़ने लगे. देश को मोदी भा गया, ‘परिवार’ को गुस्सा आ गया. हताशा का आखिरी वार है, फेसबुक पर प्रहार है.’
*बस इतनी सी कहानी है*
'परिवार' का तिलिस्म टूट गया,
जनता का गुस्सा फूट गया।'अपनों' के आरोप लगने लगे,
घर के 'बर्तन' बजने लगे।'अपने' मुंह मोड़ने लगे,
'काबिल' घर छोड़ने लगे।देश को मोदी भा गया,
'परिवार' को गुस्सा आ गया।हताशा का आखिरी वार है,
फेसबुक पर प्रहार है।। pic.twitter.com/vJWRs9HvzF— Sambit Patra (@sambitswaraj) August 17, 2020
इसके बाद ‘डेटा ठीक बेटा खराब’ हैशटैग से पात्रा ने एक और टवीट करते हुए लिखा, ‘इस बार भी कांग्रेस यही गलती करती रही। कमी बेटे में थी और फेसबुक पर प्रहार करती गई।।’
DATA में गड़बड़ी नहीं है
BETA में गड़बड़ी है।#DataTheekBetaKharab pic.twitter.com/TuiR80t7Ma— Sambit Patra (@sambitswaraj) August 17, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी और आरएएस को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस ने फेसबुक और वाट्सऐप पर कब्जा कर लिया है. अब सोशल मीडिया के जरिये नफरत फैला रहे हैं.
राहुल गांधी की इसी प्रतिक्रिया पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ मिलकर फेसबुक के डेटा का दुरुपयोग किया था जिसकी जांच चल रही है. मालवीय का दावा है कि लोकसभा चुनाव से पहले लगभग 700 कांग्रेस और लेफ्ट विरोधी पेजों को बंद किया गया था.
इधर, फेसबुक ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए अपनी सफाई पेश की है. वहीं दूसरी ओर, इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) की ओर से इस मामले में संसद की स्थायी समिति को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच कराने की अपील की गई है.