श्रमिकों का पैदल चलना अत्यंत पीड़ादायक, व्यवस्थाओं के लिए एसडीएम होंगे जिम्मेदार- सीएम गहलोत

उपखण्ड अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी श्रमिक सड़क पर पैदल यात्रा नहीं करें. वे इसके लिए निगरानी करवाएंगे जिसमें पुलिस उपाधीक्षक उनका सहयोग करेंगे: मुख्यमंत्री गहलोत

श्रमिकों का पैदल चलना अत्यंत पीड़ादायक- सीएम गहलोत
श्रमिकों का पैदल चलना अत्यंत पीड़ादायक- सीएम गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते काम धंधे ठप्प हो जाने से श्रमिक अपने घरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. राजस्थान में राज्य सरकार की ओर से ट्रेन और बसों के माध्यम से श्रमिकों को अपने घर भेजा जा रहा है लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने और लंबे इंतजार के बाद भी नंबर नहीं आने से बहुत से श्रमिक पैदल ही अपने घरों की ओर जाने को मजबूर हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों में कई बार श्रमिकों से पैदल अपने घरों की ओर रवाना नहीं होने की अपील भी की है. इसके बावजूद भी श्रमिकों का पैदल जाना जारी है, अब इस पैदल पलायन को रोकने के लिए सीएम गहलोत ने सख्त निर्देश दिए हैं कि उपखण्ड अधिकारी अब यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी श्रमिक सड़क पर पैदल यात्रा नहीं करें, अगर कोई श्रमिक पैदल जाता हुआ नजर आता है तो संबंधित एसडीएम के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई.

पैदल अपने घरों की ओर जा रहे श्रमिकों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों का पैदल अपने गंतव्य के लिए रवाना होना अत्यंत पीड़ादायक है. राज्य सरकार वे सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी, जिनसे इन श्रमिकों को घर जाने के लिए पैदल चलने की पीड़ा नहीं झेलनी पडे़. सीएम गहलोत ने कोई पैदल नहीं रवाना हो इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को तत्काल प्रभाव से तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत ने कहा है कि ऐसे श्रमिकों के लिए विशेष शिविर खोले जाएं और इन शिविरों में भोजन, पेयजल एवं शौचालय सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं. इन व्यवस्थाओं के लिए उपखण्ड अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे जिला कलेक्टरों की मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध कराएं ताकि इनके माध्यम से श्रमिकों को आसानी से निर्धारित स्थान तक पहुंचाया जा सके. जिला कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि महत्वपूर्ण मार्गों वाले उपखण्ड अधिकारी के पास मांग के अनुरूप बसें उपलब्ध हों. उपखण्ड अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी श्रमिक सड़क पर पैदल यात्रा नहीं करें. वे इसके लिए निगरानी करवाएंगे जिसमें पुलिस उपाधीक्षक उनका सहयोग करेंगे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे संवेदनशीलता के साथ इन श्रमिकों की मांग के अनुरूप रोडवेज बसों और विशेष ट्रेनों की व्यवस्था सुनिश्चित करें. उत्तरप्रदेश जाने वाले पैदल श्रमिकों की अधिक संख्या को देखते हुए जयपुर, दौसा एवं भरतपुर जिला कलेक्टर रोडवेज बसों के जरिए इन श्रमिकों को भरतपुर स्थित कैम्प में भिजवाएं. बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड जाने वाले श्रमिकों को रेल द्वारा भेजे जाने के लिए तत्परता से व्यवस्था की जाए.

मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस अधीक्षकों को भी यह निर्देश दिए हैं कि पुलिस चैक पोस्ट से गुजरने वाले पैदल श्रमिकों को पुलिसकर्मी धैर्य के साथ समझाएं और नजदीकी शिविर में भेजें. सीएम गहलोत ने कहा कि अनुमति देने वाले राज्यों के श्रमिकों को अंतरराज्यीय सीमा तक छोड़ने के लिए मांग के आधार पर बसें उपलब्ध करवाई जाएं, जिनमें यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और स्क्रीनिंग के नियम की प्रभावी रूप से पालना की जाए.

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जिला कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर जाने वाले श्रमिकों को रेल से भेजने के लिए उनकी सूचियां तैयार कर परिवहन आयुक्त को उपलब्ध कराएं ताकि वे ट्रेनों के लिए उचित समन्वय कर सकें. इसके साथ ही वे यह भी सुनिश्चित करें कि निर्धारित अन्तर्राज्यीय यात्रा पास अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र से सम्बन्धित कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहे.

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