पॉलिटॉक्स न्यूज/महाराष्ट्र. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच वाधवान फैमली का मुंबई से महाबलेश्वर पहुंचना उद्धव सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. दरअसल लॉकडाउन के दौरान वाधवान ब्रदर्स और उनके फैमली के 23 लोगों को गृह विभाग द्वारा इमरजेंसी पास जारी किया गया था. ऐसे में बीजेपी नेताओं ने सरकार पर वाधवान परिवार को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है. उक्त 23 लोगों को एक बिल्डिंग में क्वारैंटाइन किया गया है. वहीं गृहमंत्री ने मामले की जांच करने की बात कही है. इन मामले में जुड़े सभी लोगों पर लॉकडाउन के नियम तोड़ने का केस दर्ज किया है.
दरअसल हुआ कुछ यूं कि गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष) के तौर पर पदस्थ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वाधवान के परिवार के लिए इमरजेंसी पास जारी किया. इसी पास के आधार पर वाधवान फैमिली के 23 लोग बुधवार को पिकनिक मनाने 5 गाड़ियों में सवार होकर खंडाला से महाबलेश्वर स्थित अपने फार्महाउस पहुंच गए. उनके साथ गार्ड और रसोइए भी गए थे. मामला सामने आने पर लापरवाही के मामले में आईपीएस गुप्ता को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया है.
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वहीं वाधवान परिवार के सभी सदस्यों को एक बिल्डिंग में क्वारैंटाइन किया गया है. सभी 23 लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई है. सतारा पुलिस ने कपिल वाधवान और उनके परिवार के 22 लोगों के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर केस दर्ज किया है. बता दें, वाधवान ब्रदर्स कपिल और धीरज वाधवान (दीवान हाऊसिंग फाइनेंस लिमिटेड ग्रुप के मालिक) के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी किया था. दोनों डीएचएफएल धोखाधड़ी के मामले में आरोपी हैं. पिछले महीने कोरोना का हवाला देकर दोनों ईडी के सामने पेश नहीं हुए. अब सीबीआई और ईडी पुलिस के संपर्क में हैं.
इस मामले में उद्धव सरकार चारों ओर से घिर गई है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर वाधवान परिवार को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने इस मामले में जांच की मांग की है. पूर्व सीएम फडणवीस ने दाल में कुछ काला होने की बात कहते हुए आरोप लगाया है. वहीं बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद इस लापरवाही से नाराज हैं और यही वजह है कि उन्होंने गृह विभाग को इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि उद्धव के नाराज होने के कारण ही आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया है.
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प्रदेश के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में शक्तिशाली और अमीर लोगों के लिए कोई ताला नहीं? पुलिस की आधिकारिक अनुमति से कोई महाबलेश्वर में छुट्टियां बिता सकता है. यह संभव नहीं है कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इस तरह की घोर गलती को अपने दम पर अंजाम दे, दाल में कुछ तो काल है. यह किसके आदेश या आशीर्वाद से हुआ था? सीएम और होम मिनिस्टर को एक स्पष्टीकरण देना चाहिए.
With whose order or blessings was this done ?
Mr. CM & HM you owe us an explanation.
(2/2)— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 9, 2020
इधर, बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आईपीएस अधिकारी गुप्ता की ओर से जारी लेटर की कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा कि उद्धव ठाकरे सरकार वाधवान परिवार को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है.
Home Ministry Government of Maharashtra letter for VVIP treatment to Wadhwan Brothers @BJP4Maharashtra @BJP4India @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/X3Qki2ItVO
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) April 9, 2020
अमिताभ गुप्ता ने आधिकारिक पत्र में लिखा था, ‘निम्न लिखित (व्यक्ति) को मैं अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं और परिवार में इमरजेंसी के कारण वह पुणे के खंडाला से सतारा के महाबलेश्वर तक की यात्रा कर रहे हैं. इन्हें गंतव्य तक पहुंचने में सहयोग किया जाए.’ इस पत्र में वाधवान परिवार के 5 वाहन और सदस्यों की डिटेल भी दी गई थी.
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वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पैरोल से अरबों का घोटाला करने के लिए DHFL समूह के परिवार के सदस्यों को सीबीआई को सौंपने के बजाय, एनसीपी के महाराष्ट्र गृह विभाग ने उन्हें विशेष राहत दी. अंधेरे में गृह मंत्री को इस तरह का पत्र भेजना असंभव है.
गृहमंत्र्यांना अंधारात ठेवून असे पत्र देणे हे अशक्य आहे. गृहमंत्र्यांची सखोल चौकशी करून त्यांचा त्वरित राजीनामा @CMOMaharashtra यांनी घ्यावा अशी मी मागणी करतो.
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) April 9, 2020
इधर, सफाई देते हुए महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि वाधवान परिवार के 23 सदस्य महाबलेश्वर कैसे पहुंचे, इसकी जांच होगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद प्रधान सचिव गुप्ता को उनके खिलाफ जांच जारी रहने तक अवकाश पर भेजा गया है क्योंकि कानून सभी के लिए समान है.
As per discussion with Hon. CM, Mr Amitabh Gupta, Principal Secretary (special), has been sent on compulsory leave with immediate effect, till the pending of enquiry, which will be initiated against him.#LawSameForEveryone
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 9, 2020