बंगाल में टीएमसी की हैट्रिक, दिग्गजों ने दी ममता बनर्जी को बधाई, अखिलेश बोले ‘दीदी जिओ दीदी’

बंगाल में जीतने वाली पार्टी 200+ सीटों पर जीतने का ट्रेंड बरकरार, अब निगाहें शुभेंदु नंदीग्राम के परिणाम पर, ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के सही आगे-पीछे की दौड़ जारी, जानें बाकी राज्यों के अभी तक के रुझान

बंगाल में टीएमसी की हैट्रिक
बंगाल में टीएमसी की हैट्रिक

Politalks.News/WestBengalElection. आज सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ देशभर के लोगों की निगाहें पांच राज्यों के चुनाव परिणाम पर लगी हुई है. सभी दलों के नेता पल-पल की अपडेट लेने में लगे हुए हैं. फिलहाल बंगाल के रुझानों ने भाजपा को हैरान और परेशान कर दिया है. कोरोना के रिकॉर्ड मामलों के बीच 62 दिन चली चुनाव प्रक्रिया के बाद आज बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनाव नतीजे आ रहे हैं. तीन राज्य बंगाल, केरल और असम में बदलाव नहीं दिख रहा है. यानी बंगाल में तृणमूल, केरल में एलडीएफ और असम में भाजपा ही एक बार फिर सरकार बनाती दिख रही है, जो पहले से थी. हां, तमिलनाडु में जरूर बदलाव होता दिख रहा है. वहां द्रमुक सरकार बनाने के करीब है. चुनाव में कांग्रेस उसके साथ है. पुड्डुचेरी में मामला जरूर फंसा दिख रहा है. बंगाल में चार घंटे में ही तृणमूल कांग्रेस 148 सीटों के बहुमत के आंकड़े (292 सीटों के हिसाब से 147) को पार कर 200 से ज्यादा सीटों (206) पर पहुंच गई. हालांकि, यह आंकड़ा 2016 में तृणमूल को मिलीं 211 सीटों से कम है. उधर, नंदीग्राम में ममता भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से 1,500 वोटों से आगे हो गई हैं.

यह भी पढ़ें: ‘आज देश का सिस्टम विफल होने के लिए पूरी तरह पीएम मोदी हैं जिम्मेदार’- राहुल गांधी का जोरदार वार

आपको बता दें, 1972 से अब तक बीते 49 साल में बंगाल में यह 11वां चुनाव है जिसमें जो पार्टी चुनाव जीत रही है, उसका 200+ सीटों का ट्रेंड बरकरार है. इससे पहले तृणमूल ने 2011 में 228 और 2016 में 211 सीटें जीती थीं. उससे पहले 7 बार लगातार लेफ्ट ने चुनाव जीता. सिर्फ एक बार 2001 में लेफ्ट को 200 से 4 सीटें कम यानी 196 सीटें मिलीं. बाकी चुनावों में लेफ्ट को हमेशा 200 सीटों से ज्यादा सीटें मिलीं. अब बाकी राज्यों के हाल जानते हैं. बंगाल के बाद असम के नतीजों पर सबकी नजर है. यहां शुरुआती 2 घंटों के रुझानों में भाजपा+ बहुमत का आंकड़ा पार कर 68 सीटों पर पहुंच गई. उधर, केरल में सत्ताधारी लेफ्ट को आसानी से बहुमत मिलता दिख रहा है. वहीं, तमिलनाडु में अनुमान सही साबित होते दिख रहे हैं. यहां द्रमुक+ शुरुआती दो घंटों के रुझानों में ही बहुमत के 118 सीटों के आंकड़े को पार कर गया. पुडुचेरी में भाजपा+ और कांग्रेस+ में शुरुआत में कांटे का दिखा, लेकिन बाद में भाजपा+ आगे निकल गई. शाम तक पूरी स्थिति स्पष्ट होने के आसार हैं.

बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार अपनी जीत की ओर तेजी के साथ बढ़ रही हैं. ममता की जीत पर टीएमसी नेता और कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा के विरोधी दलों के नेताओं में भी खुशी की लहर दौड़ गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी को जीत की बधाई देते हुए कहा कि ममता बनर्जी और बंगाल की जनता को जीत की बधाई. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी है. इसके साथ ही बिहार के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने टीएमसी की जीत पर ममता बनर्जी को बधाई देते हुए लिखा कि, ‘पश्चिम बंगाल की “ममतामयी” जनता को कोटि कोटि बधाई व हार्दिक साधुवाद. आज जब पूरा देश कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है, पश्चिम बंगाल ने एक बार फिर अपनी ममता और भरोसा अपनी दीदी में ही देखा है, यह जनता के स्नेह और विश्वास की जीत है, ममता बनर्जी जी के दृढ़ और कुशल नेतृत्व की जीत है.’

यह भी पढ़ें:- चाहे सारा बजट मुझे झोंकना पड़े, लेकिन संसाधनों की कमी से किसी की मौत हो जाए यह मंजूर नहीं- गहलोत

इधर समाजवादी पार्टी ने अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक विशेष फ़ोटो के साथ ट्वीट करते हुए ममता दीदी को जीत की बधाई दी है. अखिलेश ने कहा है कि, ‘एक महिला पर अपमानजनक कटाक्ष दीदी ओ दीदी का जवाब जनता ने दिया हैै.’ इसके अलावा अखिलेश ने दीदी जिओ दीदी हैशटैग किया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट के साथ एक तस्वीर पोस्ट की है, इस तस्वीर में वह ममता बनर्जी को फूलों का एक बुके दे रहे हैं और ममता बनर्जी बहुत ही प्यार से अपना एक हाथ अखिलेश के गालों पर लगा रही हैं. अखिलेश यादव ने टीएमसी और ममता बनर्जी को बधाई देते हुए ट्वीट में लिखा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की नफरत की राजनीति को हराने वाली जागरूक जनता, जुझारू सुश्री ममता बनर्जी जी और टीएमसी के समर्पित नेताओं व कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई.

इसमें अखिलेश के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर समझा जा सकता है कि वह इस नतीजों का इंतजार ही कर रहे थे. इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे हुए हैं. मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल है. बंगाल में भाजपा की होती हार के बाद समाजवादी अखिलेश यादव के हौसले बुलंद हो गए हैं. बता दें अखिलेश यादव ने बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी को अपना समर्थन दिया था.

Leave a Reply