पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. दिल्ली हिंसा के मुख्य आरोपी और पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को आज दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे ताहिर को दिल्ली की क्राइम ब्रांच पुलिस ने कोर्ट परिसर की पार्किंग से ही हिरास्त में ले लिया. वहीं गिरफ्तार होते ही कोर्ट ने ताहिर की सरेंडर वाली अर्जी को भी खारिज कर दिया. वहीं निलंबित आप पार्षद ने अपने आपको बेकसूर बताते हुए बीजेपी नेता और अपने पुराने दोस्त कपिल मिश्रा पर खुद के खिलाफ साजिश करने और सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार फैलोन का आरोप लगाया. बता दें, ताहिर पहले पूर्व आप विधायक कपिल मिश्रा के साथ ही काम करते थे. ताहिर की बिल्डिंग में ही कपिल का ऑफिस था. दोनों अच्छे दोस्त रह चुके हैं. बताया ये भी जाता है कि ताहिर को राजनीति में लाने का श्रेय भी कपिल मिश्रा को जाता है.
अरेस्ट होने से कुछ देर पहले नेशनल न्यूज़ चैनल आज तक को दिए साक्षात्कार में ताहिर हुसैन ने कहा कि मैं पूरी तरह से बेकसूर हूं और खुद दंगा पीड़ित हूं. ताहिर हुसैन ने बताया कि वो और उनका परिवार खुद दंगाईयों से जान बचाकर भागे थे और इसके बारे में पुलिस को भी जानकारी दी थी. भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए ताहिर हुसैन ने बताया कि हिंसा की वजह से मेरी जिंदगी तबाह हुई क्योंकि मैं आम आदमी पार्टी का सदस्य था और नाम भी ताहिर हुसैन था इसलिए साजिश के तहत फंसाया गया.
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ताहिर ने कपिल मिश्रा पर अपने खिलाफ साजिश करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा पुराना साथी जो कपिल मिश्रा रहे हैं, उनका ही इसमें कोई खेल रहा है. मेरे खिलाफ जिस तरह साजिश रची गई, जब मैं 24 को वहां से निकल गया तो 25 तारीख की घटना में मेरा नाम कैसे आ रहा है.
वायरल वीडियो को लेकर ताहिर हुसैन ने कहा कि उस वीडियो में मैं हूं लेकिन वो 24 तारीख का वीडियो है, जब वहां दंगाई आए थे. मैं डंडा लेकर उनको वहां से भगा रहा था. पूर्व पार्षद ने ये भी कहा कि उन्होंने पुलिस को भी फोन किया था. 24 तारीख की रात को मैंने पुलिस को बार-बार फोन किया था और जान बचाने को कहा था. पुलिस काफी लेट आई थी और उन्होंने ही मुझे परिवार के साथ वहां से निकाला था. पुलिस ने मेरे घर की तलाशी ली थी, जब मैंने कहा था कि घर का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. नुकसान वाली वारदात है 25 तारीख की है.
ताहिर ने अंकित शर्मा की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अंकित की मौत से मैं दुखी हूं और परिवार के दुख में शामिल हूं. 25 तारीख को हुई घटना में सिर्फ वहां पर दंगाई थे जो किसी भी धर्म के हो सकते हैं.
बता दें, दिल्ली में नागरिकता कानून की आड़ में 25 और 26 फरवरी को आधा दर्जन इलाकों में हिंसा हुई थी जिसमें 250 से ज्यादा घायल हुए जबकि 42 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा जिसमें एक हैड कांस्टेबल भी शामिल है. इस मामले में 1800 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है जबकि 654 केस दर्ज किए गए हैं. 47 आम्र्स एक्ट को लेकर भी केस दर्ज हुए हैं. दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा मचा रखा है.