बिहार के कुरुक्षेत्र में ‘अर्जुन’ बने तेजस्वी, तेज प्रताप ने लिया विजयी रथ पर बिठाने का संकल्प

राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तेजस्वी को बनाया सीएम पद का चेहरा, लालू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक घोषणा, घट रहे लालू के लालों के मतभेद

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. अब लगने लगा है कि लालू के दोनों लालों के बीच आपसी मतभेद कम होने लगे हैं. ऐसा ही कुछ दिखा राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब अपने छोटे भाई के लिए तेज प्रताप सिंह यादव ने एक खास संकल्प लिया. इसके बाद अपने संकल्प को ट्वीट हैंडल पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ‘राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अगले वर्ष बिहार के कुरुक्षेत्र में अपने अर्जुन तेजस्वी (को विजयी रथ पर सवार करने के लिए संकल्प लिया’. इस मौके पर तेज प्रताप ने तेजस्वी (Tejasvi Yadav) को चांदी का मुकुट भी पहनाया. तेज प्रताप के इस तरह पार्टी बैठकों में उपस्थित रहने और छोटे भाई तेजस्वी यादव का समर्थन करने से लग रहा है कि दोनों भाईयों के बीच खटास की खाई अब धीरे धीरे भरने लगी है.

इसके साथ ही तेजस्वी (Tejasvi Yadav) को राजद का सीएम पद का चेहरा और लालू प्रसाद यादव को 11वीं बार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की भी औपचारिक घोषणा हुई. ये दोनों घोषणाएं तेज प्रताप के सामने हुई और उन्होंने इसका समर्थन भी किया. तेज प्रताप का वहां उपस्थित रहना और इस तरह का ऐलान दोनों भाईयों के बीच मनमुटाव और दूरी बढ़ने की कयासबाजी पर विराम भी लगाते दिख रहा है. लालू के दोनों लालों की ये जुगलबंदी नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ाने वाली भी साबित हो सकती है क्योंकि तेज प्रताप पहले भी कई बार कह चुके हैं हम दो नहीं बल्कि एक और एक ग्यारह हैं.

राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक एवं खुला अधिवेशन में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) ने अधिवेशन में समर्थकों को एकजुट होने का संदेश देते हुए साफ तौर पर ये बात भी समझा दी कि राजद की दुश्मन नंबर वन भाजपा नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू है और उनकी पार्टी को तोड़ने की फिराक में है. तेजस्वी ने ये भी बताया कि मकर संक्रांति के बाद विधानसभा चुनाव में जीत के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा. गौर करने वाली बात ये है कि आधे घंटे के भाषण में तेजस्वी ने एक बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृहमंत्री अमित शाह का नाम नहीं लिया लेकिन नीतीश कुमार की चर्चा हर लाइन में की.

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यहां तक की नागरिकता संशोधन बिल पर ठीकरा भी तेजस्वी ने नीतीश पर ही फोड़ा. उन्होंने इसके लिए भाजपा से ज्यादा नीतीश को दोषी बताया. तेजस्वी (Tejasvi Yadav) ने कहा कि नीतीश को सबसे ज्यादा डर लालू से लगता है और अब तो वे भाजपा और आरएसएस से भी डरने लगे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह नीतीश ने नागरिकता बिल का समर्थन किया है, उससे जनता अब उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती.

वहीं भाजपा पर तंज कसते हुए तेजस्वी (Tejasvi Yadav) ने कहा कि कोई अपराधी या भ्रष्टाचारी कमल छाप साबुन से नहा ले तो उसका पाप घुल जाता है. देश में तो अब केवल लालू प्रसाद और राजद ही भ्रष्ट है, बाकी तो सब नहा धोकर पवित्र हो गए.

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