नीतीश कुमार पर भड़के तेजस्वी यादव, कहा- राज्य सरकार नहीं चाहती घर लौटें बिहारी

महाराष्ट्र सरकार के बहाने जेडीयू सरकार को घेरा, बिहार सरकार को बताया थकी और असमर्थ सरकार, कोरोना टेस्टिंग और राहत कार्यों को बताया नाकाफी, राशन वितरण में लगाए धांधली के गंभीर आरोप

नीतीश कुमार पर भड़के तेजस्वी यादव
नीतीश कुमार पर भड़के तेजस्वी यादव

पॉलिटॉक्स न्यूज/बिहार. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच यूपी, एमपी सहित कई राज्यों की सरकारों ने कोटा में फंसे अपने छात्रों को वापिस बुला लिया है. अब कई अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को भी वापिस लाने की तैयारियां चल रही है. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसा करने से पूरी तरह इनकार कर चुके हैं. उन्होंने इसे लॉकडाउन का उल्लघंन बताया है. पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए एक नीति बनाने की बात कही. अब लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों की वापसी को लेकर राज्य में जमकर सियासत हो रही है. इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार नीतीश पर हमलावर हैं. तेजस्वी ने यहां तक कहा है कि सरकार चाहती ही नहीं है कि बिहारी अपने घर वापस लौटें.

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इस संबंध में तेजस्वी यादव ने महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार के जरिए बिहार सीएम नीतीश कुमार को घेरा है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने एक ट्वीट किया था कि मुझे खुशी हो रही है कि महाराष्ट्र के जो छात्र कोटा, राजस्थान में फंसे हैं, उन्हें लाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री बातचीत कर रहे हैं. छात्रों की सुरक्षित यात्रा के लिए दोनों मंत्रियों के दफ्तर व्यवस्था कर रहे हैं. शुक्रिया अशोक गहलोत, आपके सहयोग के लिए.’

इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा, ‘आदरणीय नीतीश कुमार जी. क्या आपने अपने समकक्षों (राज्यों के मुख्यमंत्रियों) से बिहारी लोगों की वापसी के संबंध में बातचीत की?’

https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1254372929229352965?s=20

गौरतलब है कि बिहार के करीब 10 लाख मजदूर और छात्रों सहित अन्य लोग भी दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. अन्य विपक्षी पार्टियां लोगों को वापस न लाने की वजह से नीतीश कुमार सरकार को घेर रही हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने प्रवासी मजदूर और छात्रों की वापसी न करा पाने को लेकर नीतीश की जेडीयू सरकार को असमर्थ और थकी सरकार बताया.

अपने ट्वीटर हैंडल पर एक ट्वीट पोस्ट करते हुए तेजस्वी ने लिखा, ‘बिहार में हालात बदतर हैं. आवश्यक संख्या में जांच नहीं हो रही. टेस्टिंग किट्स और वेंटिलेटर्स उपलब्ध नहीं है. बाहर फंसे 17 लाख बिहारियों को निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है, ना ही अप्रवासी कामगारों और छात्रों को वापस लाने की कोई मंशा है. सरकार पूर्णतः असहाय, असमर्थ और थकी हुई है.’

एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जरूरी टेस्टिंग नहीं, ना ही किट्स और वेंटिलेटर्स हैं. बाहर फंसे 17 लाख बिहारियों को निकालने में असमर्थ, राशन वितरण में धांधली, क्वारनटीन केंद्रों में कोई सुविधा नहीं, जांच रिपोर्ट्स में गड़बड़ी, आंकड़ों में बाजीगरी, लॉकडाउन का उचित पालन नहीं. ये सब सीएम की विफलताएं हैं.

वहीं तेजस्वी ने बिहार में राहत कार्यों को नाकाफी बताते हुए राशन वितरण में धांधली का मुद्दा उठाया. तेजस्वी यादव ने कहा कि पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों के पास जरूरी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है. वास्तविक जरूरतमंदो तक मदद और राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है. बिहार में सबसे कम टेस्ट हो रहे हैं. बकौल केंद्रीय मंत्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बिहार का सबसे बुरा प्रदर्शन है.

अपने एक अन्य ट्वीट में कहा तेजस्वी यादव ने कि चहुंओर राशन वितरण में धांधली की खबर है. लाभार्थियों को गला-सड़ा अनाज बांटा जा रहा है. क्वारनटीन केंद्रों में कोई सुविधा नहीं, जांच रिपोर्ट्स में लगातार गड़बड़ी उजागर हो रही है, सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में स्थिरता और पारदर्शिता नहीं है.

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