इन दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) गुनाहगारों की कर्म स्थली बनता जा रहा है. ताज्जुब की बात ये है कि सत्ता संभालते ही UP के शूटआउट स्पेशलिस्ट बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गैंगस्टर्स का एनकाउंटर करना शुरू किया. इससे गुनाहों के ये देवता मारे जाने के डर से खुद ही सरेंडर करने लगे. लेकिन अब यूपी पुलिस को आखिर क्या हो गया है कि वो आरोपियों पर कार्रवाई करना तो दूर, उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत तक नहीं कर पा रही. इसकी क्या वजह है. कहीं इसकी वजह आरोपियों का संबंध बीजेपी से होना तो नहीं…

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का इशारा तो सीधे-सीधे इसी ओर है. प्रियंका ने भाजपा के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmayanand) के जरिए यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार को महिला सुरक्षा से कोई वास्ता नहीं रहा. आखिर यूपी पुलिस सुस्त क्यों है? क्योंकि आरोपी का संबंध भाजपा से है?

बता दें, स्वामी चिन्मयानंद पर उनके लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया. युवती ने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड करते हुए ये खुलासा किया. उसके बाद युवती अचानक से गायब हो गयी थी जिसे राजस्थान के दौसा से बरामद कर दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया. हाल में छात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चिन्मयानंद की गिरफ्तारी की मांग की लेकिन एक हफ्ता बीतने के बाद भी पुलिस ने ऐसा नहीं किया.

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शाहजहांपुर निवासी छात्रा का शोषण किए जाने के मामले में गठित की गई SIT ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. शुक्रवार को SIT की टीम पीड़िता को लेकर स्वामी के आश्रम जा पहुंची. इससे पहले SIT की टीम ने करीब 7 घंटे तक स्वामी चिन्मयानंद से छात्रा और उसके आरोपों के बारे में पूछताछ की. साथ ही वीडियो, छात्रा से पहचान और उसके दुष्कर्म के आरोपों के बारे में स्वामी से खुद के बयान भी सुने.

स्वामी चिन्मयानंद से पूछे गए सवाल:

चिन्मयानंद से यह पूछा गया कि आखिरकार उनसे जुड़े वीडियो का सच क्या है? वह छात्रा को कैसे जानते हैं? और छात्रा की ओर से लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के बारे में उनका क्या कहना है? एसआईटी ने कॉलेज के हॉस्टल के कमरे में मिले साक्ष्यों के आधार पर भी स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की. जो साक्ष्य हॉस्टल के कमरे से गायब हैं, उनके बारे में भी सवाल पूछे गए. हालांकि स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है.

वहीं स्वामी चिन्मयानंद ने इस सारे मामले को एक गहरी साजिश बताते हुए कहा कि उनके मुख्य आश्रम की छवि खराब करने के लिए यह साजिश रची गई है. चिन्मयानंद ने एसआईटी टीम को बताया कि वे जल्दी ही एक विश्वविद्यालय का निर्माण करने जा रहे है और कुछ लोग चाहते हैं कि उसका निर्माण कार्य न हो पाए. इसके चलते उनके कहने पर ही पूरी साजिश का ताना-बाना बुना गया. एसआईटी ने चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की ब्लैकमेलिंग के बारे में भी पूछताछ की.

एसआईटी की टीम इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद के वकील, कॉलेज के प्रिंसिपल और दूसरे स्टाफ से पूछताछ कर चुकी है. इस दौरान एसआईटी के प्रभारी आईजी नवीन अरोड़ा और उनकी टीम के सदस्य मौजूद रहे.

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