कहीं ना कहीं यह सियासत केवल सत्र बुलाने के लिए नहीं, इसके पीछे भी सियासत है- सतीश पूनियां

कांग्रेस में चल रहे अंतकर्लह के डायरेक्टर, एक्टर, प्राॅड्यूसर और खलनायक हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा के खिलाफ उनके पास कोई प्रमाण नहीं है, कांग्रेस अपने घर के झगड़े को भाजपा के माथे मढ़ रही है- पूनियां

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के पीछे कांग्रेस शुरू से बीजेपी को जिम्मेदार बता रही है. इस पर एक बार फिर से बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस में चल रहे अंतकर्लह के डायरेक्टर, एक्टर, प्राॅड्यूसर, खलनायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं. कांग्रेस के जो 19 विधायकों की नाराजगी की बात सामने आ रही है, उनको अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी से बाहर करने का षडयंत्र रच रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत का षडयंत्र है कि 19 विधायकों को पार्टी से बाहर कैसे निकाला जाये, स्पीकर द्वारा नोटिस दिलवाने की यह सारी व्यूह रचना सीएम गहलोत ने ही रची है.

सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनियां ने कहा कि बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों को लेकर विधायक मदन दिलावर की ओर से दायर याचिका को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा खारिज करने और इसी पर कार्यवाही को लेकर हाईकोर्ट द्वारा अपील खारिज किये जाने पर भाजपा फिर से कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है. हमारे विधि वक्ताओं से राय मशवरा लिया जा रहा है, उसके बाद एक नई याचिका दायर की जाएगी.

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पूनियां ने आगे कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो तत्परता कांग्रेस के नाराज विधायकों के प्रति दिखाई, वैसी तत्परता बसपा के विधायकों के प्रति नहीं दिखाई तो इसमें थोड़ी शंका लगती है. आज विधायक मदन दिलावर को उनके फैसले की काॅपी देनी थी, इसके लिए भी उन्हें जददोजहद करनी पड़ी. पूनियां ने कहा कि रविवार को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा की ओर से बीएसपी का पत्र जारी हुआ है. मोटे तौर पर कहा जाए तो बीएसपी का चुनाव चिन्ह है, उसका सिंबल जारी होता है. बीएसपी का राष्ट्रीय स्तर पर कोई मर्जर नहीं हुआ है, इसलिए विधायकों का मर्जर संवैधानिक तौर पर जायज है या नहीं है, इसका फैसला न्यायालय करेगा.

कांग्रेस द्वारा विधायकों के खरीद-फरोख्त को लेकर लगाये गये आरोप पर सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस का यह सामान्य आरोप है, राजनीति में खरीद-फरोख्त का वो खुद का आरोप खुद पर ही लगा रहे हैं, भाजपा के खिलाफ उनके पास कोई प्रमाण नहीं है. कांग्रेस अपने घर के झगड़े को भाजपा के माथे मढ़ रही है. 2008 व 2018 में लूली-लंगड़ी सरकार को मैनेज करके जुगाड़ करके मैंडेट प्राप्त किया. इस तरीके से 2018 में निर्दलीय और छोटे दलों को मैनेज करने का मैनेजमेंट का उदाहरण साफ दिखता है कि बीटीपी का एक विधायक सरकार को कोसते हुए वीडियो जारी करता है और दूसरे-तीसरे दिन आकर उसका इतना बड़ा हृदय परिवर्तन अशोक गहलोत की जादूगरी से तो नहीं हो सकता, कोई ना कोई कारण है तो आज भी कहीं ना कहीं कांग्रेस के इन काले कारनामों से जनता ही पर्दा उठा देगी.

विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए पूनियां ने कहा कि संविधान ने हर व्यक्ति को अधिकार दे रखा है, जिनका वो समय-समय पर उपयोग करते हैं. कैबिनेट राज्यपाल को सत्र बुलाने के लिए सलाह देती है, जिसमें उनको सत्र बुलाने का कारण भी बताना होता है एवं राज्यपाल महोदय उस पर विचार करते हैं.

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सतीश पूनियां ने आगे सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत सरकार विधानसभा सत्र बुलाने के लिए षडयंत्र कर रही है, वो अपने ही लोगों पर चोट पहुंचाने के लिए कर रहे है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद से नाराज और निराश विधायकों को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा षडयंत्र रच रहे हैं, जिसमें यह भी हो सकता है कि फ्लोर पर उन्हें अयोग्य घोषित करने का भी षडयंत्र रचा जा रहा हो या एसओजी के जरिये उन्हें गिरफ्तार करवाकर, उन्हें डरा-धमका कर करें. कहीं ना कहीं यह सियासत केवल सत्र बुलाने के लिए नहीं, इसके पीछे भी सियासत है.

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