शिवराज का स्थानीय नागरिकों को शत प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान, कांग्रेस ने बताया ‘चुनावी घोषणा’

उप चुनावों को देखते हुए शिवराज सरकार के दो बड़े ऐलान, साहुकारों के चुंगल के बचाने के लिए नया कानून लाने की भी घोषणा, जीतू पटवारी ने किया फैसले का स्वागत तो पूर्व सीएम ने कहा 'बात का ध्यान रखा जाए नहीं तो नहीं बैठेंगे चुप'

Shivraj Singh And Madhyapradesh
Shivraj Singh And Madhyapradesh

Politalks.News/MP. ‘मामा’ शिवराज ने अपने प्यारे भांजे भांजियों को रक्षाबंधन का रिटर्न गिफ्ट देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. अब प्रदेश की सभी सरकारी नौकरियां स्थानीय युवाओं को ही मिलेंगी. इनमें किसी भी बाहरी व्यक्ति या उम्मीदवार को शामिल नहीं किया जाएगा.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने आज एक बड़ा ऐलान करते हुए प्रदेश में सभी सरकारी नौकरियों में स्थानीय नागरिकों को शत प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की. अब सरकार की सभी नौकरियां अब एमपी डोमिसाइल रखने वालों के लिए आरक्षित होगी. इसके साथ ही आदिवासियों को साहुकारों के चुंगल के बचाने के लिए एक नया कानून लाने की बात भी कही.

सीएम शिवराज ने कहा कि इसके लिए आवश्यक कानूनी बदलाव जल्द ही पेश किए जाएंगे. 27 सीटों पर होने वाले उप चुनाव को देखते हुए सरकार की ये बड़ी और अहम घोषणा है. हालांकि इसे लागू होने में कितना समय लगेगा, ये देखने वाली बात होगी. उप चुनाव से ठीक पहले ये बड़ा ऐलान करते हुए बीजेपी सरकार ने युवाओं के वोटों को साधने की अच्छी कोशिश की है.

कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि यह आगामी उपचुनावों को देखते हुए मात्र चुनावी घोषणा बन कर ना रह जाए. इस बात का ध्यान रखा जावे अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी.

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पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) ने कहा, ‘चलिये आप 15 वर्ष बाद आज युवाओं के रोजगार को लेकर नींद से जागे. आज आपने प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता से नौकरी देने के हमारे निर्णय के अनुरूप ही घोषणा की लेकिन यह पूर्व की तरह ही सिर्फ़ घोषणा बन कर ही ना रह जाये.’

कमलनाथ ने आगे कहा, ‘हमने युवा स्वाभिमान योजना लागू कर युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय किये. आपकी 15 साल की सरकार में प्रदेश में बेरोज़गारी की क्या स्थिति रही, यह किसी से छिपी नहीं. युवा हाथो में डिग्री लेकर नौकरी के लिये दर-दर भटकते रहे.’

शिवराज सरकार को चेतावनी देते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘प्रदेश के युवाओं के हक़ के साथ पिछले 15 वर्ष की तरह वर्तमान में भी छलावा ना हो , वे ठगे ना जाये , यह आगामी उपचुनावों को देखते हुए मात्र चुनावी घोषणा बन कर ना रह जाये , इस बात का ध्यान रखा जावे अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी.’

शिवराज सरकार के इस फैसले का पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने भी स्वागत किया, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज के सामने कई सवालों की दिवार भी खड़ी कर दी. सीएम शिवराज सिंह को ‘घोषणा वीर’ नाम से संबोधित करते हुए जीतू पटवारी ने कहा, ‘सिर्फ घोषणा से क्या होगा, पहले बताये कब तक सभी रिक्त 50 हजार शासकीय पद भरेंगे क्योंकि अगर भर्ती नहीं होगी तो ऐसे प्रावधानों का कोई महत्व ही नहीं है. कर्मचारियों के एरियर्स और इंक्रीमेंट कब से देना शुरू कर रहे हैं?’

इससे पहले सरकारी नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण पर बोलते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, अपने भांजे-भांजियों के हित को ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में शासकीय नौकरियाँ अब सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों को ही दी जाएंगी. इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान किया जा रहा है. प्रदेश के संसाधनों पर प्रदेश के बच्चों का अधिकार है.’

शिवराज सरकार की ओर से आने वाले एक और नए कानून के तहत 15 अगस्त, 2020 तक 89 अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को गैर लाइसेंसी साहूकार से लिया कर्ज नहीं चुकाना होगा. अब साहूकार कर्ज अदायगी के लिए दबाव भी नहीं बना सकेंगे. इतना ही नहीं, अगर कर्ज के बदले में कोई वस्तु या दस्तावेज गिरवी रखे गए हैं तो उन्हें भी वापस लौटाना होगा.

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इससे पहले कमलनाथ सरकार ने उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देना अनिवार्य कर दिया था. कमलनाथ सरकार के नियम के मुताबिक शासकीय योजनाओं, टैक्स में छूट का फायदा उद्योगपति तभी उठा पाएंगे जब वो 70 फीसदी रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को देंगे. शिवराज सरकार ने इससे एक कदम आगे बढ़कर शत प्रतिशत आरक्षण देकर स्थानीय युवाओं को बड़ी राहत देने का काम किया है. उप चुनावों से ठीक पहले शिवराज सिंह के ये दो बड़े ऐलान ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं.

बता दें, एमपी में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिनको लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ऐडी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. कांग्रेस 25 सीटें जीतने का दावा कई बार ठोक चुकी है. कांग्रेस सरकार मंत्री केंद्रीय मंत्री रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों के बीजेपी में चले जाने के बाद ये सभी सीटें खाली हुई थी. बाद में एक निर्दलीय विधायक के सीट छोड़ने और तीन अन्य विधायकों के बीजेपी में जाने से कुल 27 सीटें खाली हो गईं जिन पर आगामी एक या दो महीनों में चुनाव होने हैं.

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