शक्तिदात्री होती है ‘मां’, संसार का सारा चक्र मां के आसपास ही घूमता है- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

कुपोषण मुक्त भारत बनाने की दिशा में 'सुपोषित मां अभियान' कार्यक्रम में की शिरकत, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी रही मौजूद, एक हजार गर्भवती महिलाओं को बांटे फूड किट

सुपोषित मां अभियान, लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला
सुपोषित मां अभियान, लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला

पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. मां शक्तिदात्री होती है, संसार का सारा चक्र मां के आसपास घूमता है. मां वात्सल्य, संवेदना और पीड़ा की प्रतीक है इसीलिए भारतीय संस्कृति में मां को पूजनीय माना गया है. मां की असली पूजा तब साकार होगी, जब हम मां को स्वस्थ रख सकेंगे. इसीलिए हर मां का सुपोषण हम सबकी जिम्मेदारी है. यह कहना है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का जो शनिवार को राजस्थान के कोटा जिले में थे. कुपोषण मुक्त भारत बनाने की दिशा में लोकसभा अध्यक्ष अपने कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में जनसहभागिता से कुपोषण मिटाने के ‘सुपोषित मां अभियान’ में शिरकत करने पधारे थे. उनके साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री स्मृति इरानी भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं.

Suposhit Maa Abhiyan 1

सुपोषित मां अभियान

लोकसभा अध्यक्ष बिरला के मुख्य आतिथ्य एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भामाशाह मंडी परिसर में इस अभियान का शुभारंभ किया. अभियान के प्रथम चरण में एक हजार गर्भवती महिलाओं को 17 किलोग्राम संतुलित आहार के 1000 किट प्रदान किए गए. इनमें से 25 महिलाओं को प्रतीकात्मक रूप से मंच से किट दिए गए.

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समारोह में मंच से संबोधित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि सुपोषित मां अभियान हमारी आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का अभियान है. शहर के लोगों ने सदैव वंचित लोगों को सहयोग करने के लिए सम्बल प्रदान किया है. बिरला ने कहा कि गर्भवती मां के पोषण के साथ बच्चे के पोषण के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है. आज देश के 130 करोड भारतीयों के सपनों को पूरा करने के लिए सुपोषित मां अभियान सरीखे कार्यक्रमों को जनान्दोलन बनाना होगा. इसलिए हमने संकल्प लिया है कि लोकसभा क्षेत्र की हर गर्भवती मां को सुपोषित करने के लिए कार्य करेंगे.

गर्भवती मां को गोद लेने वाले परिवारों के समक्ष नतमस्तक: स्मृति

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि आज का कार्यक्रम मानवता को जन्म देने वाली जीवनदायिनी मां को समर्पित है. यह कार्यक्रम ऐसे स्थान पर किया जा रहा है, जो लेनदेन के लिए जानी जाती है, जहां अन्न का व्यापार होता है. आज वही स्थान मातृत्व के सम्मान का प्रतीक बनेगा. स्मृति ने कहा कि आज मां की जिम्मेदारी परिवार नहीं बल्कि समाज को देने का कार्यक्रम शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि यह कोटा में ही संभव है. आज बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाले, कुपोषित की भूख मिटाने वाले, स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए गर्भवती मां को गोद लेने वाले एक हजार परिवारों के समक्ष नतमस्तक हूं.

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार देश में तय किया गया है कि देश का उत्थान महिलाओं के साथ ही संभव है. पिछली सरकारों में गर्भवती महिलाओं को पोषण के लिए राशि देना संभव नहीं हो सका, लेकिन मोदी सरकार ने 2017 से पांच हजार करोड देने का काम किया. कईं महिलाओं को जीवन चूल्हा फूंकते और धुएं को छाती में भरकर खांसते बीत गया.

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानीने आगे कहा महिलाओं को शौच जाने के लिए सूर्यास्त का इंतजार करना पड़ता था. ये सब बातें प्रधानमंत्री को बताने की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि वे गांव गरीबी से निकले और मां को यह सब संघर्ष करते हुए देखा था. सोने की चम्मच लेकर पैदा होने वाले ऐसा नहीं सोच सकते. आज 11 हजार शौचालय, 8 करोड उज्ज्वला सिंलेंडर और 15 करोड महिलाएं मुद्रा योजना में ऋण लेकर व्यवसाय शुरू कर सकी हैं. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.

क्या है सुपोषित मां अभियान

अभियान की जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सरकार अपना काम कर रही है लेकिन समाज का भी सहयोग आवश्यक है. प्रधानमंत्री ने 9 हजार करोड़ की लागत से देश में सुपोषण अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत एक हजार महिलाओं को एक महीने की भोजन सामग्री 9 महीने तक दी जाएगी. चिन्हित महिलाओं को गर्भवती महिलाओं को गोद लेने के लिए वेबसाइट पर पंजीयन कराना होगा. एक परिवार को केवल एक ही गर्भवती महिला गोद दी जाएगी. अभियान के तहत मेडिकल, जांच, रक्त, दवा, प्रसव समेत जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा.

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