Saturday, January 18, 2025
spot_img
Homeबड़ी खबरअमेरिकी विदेश मंत्री हुए NaMo के मुरीद, बोले- मोदी है तो मुमकिन...

अमेरिकी विदेश मंत्री हुए NaMo के मुरीद, बोले- मोदी है तो मुमकिन है

Google search engineGoogle search engine

लोकसभा चुनाव के दौरान ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. नरेंद्र मोदी ने इस नारे का सबसे पहले जिक्र लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले राजस्थान में अपनी पहली चुनावी रैली में किया था. यह रैली 23 फरवरी को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान में कांग्रेस के मुखिया सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में हुई थी. रैली के दौरान मोदी ने अलग-अलग योजनाओं के नाम और उनके तहत हुए काम गिनाते हुए 8 बार ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारे का जिक्र किया. चुनाव प्रचार परवान चढ़ने पर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारा जबरदस्त लोकप्रिय हुआ.

राजस्थान से निकले इस नारे की गूंज अमेरिका तक सुनाई दे रही है, वो भी चुनाव खत्म होने के बाद. जी हां, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बीजेपी के चुनावी नारे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री के लिए कहा कि ‘मोदी है तो मुमकिन है.’ दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो 24 जून को भारत दौरे पर आ रहे हैं. इसी की तैयारी के सिलसिले में उन्होंने बुधवार को भारत-अमेरिका व्यापार परिषद की बैठक में हिस्सा लिया.

इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की. पोम्पियो ने कहा, ‘हम भारत की नई सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे. मोदी ने अपने चुनाव अभियान में कहा था- मोदी है तो मुमकिन है. अब देखना है कि वह दुनिया के साथ रिश्तों और भारत की जनता से किए वादों को कैसे संभव बनाते हैं.’

अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘उम्मीद है कि वे अमेरिका के साथ रिश्तों को और मजबूत करेंगे. भारत यात्रा के दौरान ट्रंप प्रशासन के ‘महत्वाकांक्षी एजेंडे’ पर भी बातचीत होगी.’ माइक पोम्पियो ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच व्यापार के मुद्दों में कुछ अंतर हैं, लेकिन हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं. मैं वास्तव में मानता हूं कि दोनों देशों के पास अपने लोगों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया की भलाई के लिए एक साथ आगे बढ़ने का मौका है.’

ट्रंप सरकार के मंत्री ने भारत के नए विदेश मंत्री एस. जयशंकर की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मैं देखना चाहता हूं कि मोदी दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत कैसे बनाते हैं. अपने समकक्ष जयशंकर से मिलने के लिए भी उत्साहित हूं. वे एक मजबूत साथी हैं.’

आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में चल रहे तनाव के बीच पोम्पियो की भारत यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है. पीएम मोदी ने भी अमेरिका के साथ बढ़ते सहयोग का समर्थन किया है, खासतौर पर रक्षा क्षेत्र में. बता दें कि पोम्पियो भारत के अलावा श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे.

इससे पहले विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने मीडिया को बताया कि पोम्पिओ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 24 जून से 30 जून तक यात्रा करेंगे. इस यात्रा का मकसद मुक्त हिंद प्रशांत के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख देशों के साथ अमेरिका के संबंध गहरे करना है.

Google search engineGoogle search engine
Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img