पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में बढ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक बढा दिया है. राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने लॉकडाउन के दो सप्ताह बढ़ाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को जनता के हित में बताते हुए इसका स्वागत किया है. इसके साथ पूनियां ने केंद्र सरकार के प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने और उनकों घर तक लाने की राज्य सरकार की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कुछ सवाल किए है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने लॉकडाउन 3.0 के केंद्र सरकार के फैसले पर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस सजकता से कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में ही लॉकडाउन का फ़ैसला किया उससे हमारे देश में संक्रमण दूसरे देशों की तुलना में कम फैला. अर्थव्यवस्था के नुक़सान की परवाह ना कर देश के लोगों की जान की सुरक्षा करने का मज़बूत फ़ैसला मोदी सरकार ने किया है. देश के कोरोना वारियर्स और जनता ने मिलकर इसे काफ़ी हद तक सफल भी किया है. पूनियां ने आगे कहा अभी तक भी इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या कम नहीं हुई है, इसलिए जनता के हित में लॉकडाउन को बढ़ाया गया है.
वहीं प्रवासी राजस्थानियों की घर वापसी को लेकर सतीश पूनियां ने कहा कि बड़ी संख्या में राजस्थानी प्रवासी देश के अनेक हिस्सों में निवास कर रहे हैं, जो परिस्थिति वश अब राजस्थान में विभिन्न जिलों में अपने घरों को लौटना चाह रहे हैं. इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत, उनको अपने-अपने गंतव्य तक जाने की अनुमति दी हैं. केंद्र सरकार के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति होगी जो एक प्रोटोकॉल के तहत इस प्रक्रिया को लागू करवाएगा साथ ही कोरोना की एडवाइजरी को भी लागू करवाएगा. इसको ध्यान में रखते हुए बसों या अन्य साधनों की व्यवस्था होगी और उसी के अनुरूप सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन करते हुए यात्रा होगी.
प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने आगे सीएम गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे लगता है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रवासियों की घर वापसी के मामले में सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं, प्रवासियों के लौटने की कोई व्यवहारिक तैयारी राज्य सरकार ने नहीं की है. पूनियां ने आगे कहा कि सीएम गहलोत सारी बातें केंद्र पर डालकर राजनीतिक माइलेज लेना चाह रहे हैं. केंद्र सरकार ने स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए पूरी संवेदनशीलता के साथ राज्य सरकारों की हर मांग को माना है. प्रवासियों को उनके घरों तक जाने की छूट भी दी है, और स्पेशल ट्रेन भी शुरू कर दी है. अब राजस्थान सरकार को चाहिए की वो भी अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील होकर जिम्मेदारी का परिचय दे.
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सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर प्रवासियों की वापसी की तैयारी को लेकर कुछ सवाल किए है और सार्वजनिक रूप से इन प्रश्नों का जवाब देने की मांग की है.
- इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न कस्बों, गांवों और जिलों में प्रवासी आएंगे उनके साधनों एवं यात्रा की व्यवस्था क्या है ?
- प्रवासियों के चाय, पानी, भोजन, छाया और रास्ते के आवास तथा गंतव्य तक पहुंचने के उपरांत चिकित्सकीय जांच की व्यवस्था क्या है ?
- क्या राज्य सरकार के द्वारा निश्चित नोडल अधिकारियों के नंबर सभी प्रवासियों के पास है जो किसी आपातकाल में उनसे संपर्क कर सकें ?
- क्या यह नोडल अधिकारी आसानी से फोन पर उपलब्ध होंगे ? क्योंकि पिछले दिनों में मुख्यमंत्री जी के बयानों में और विभिन्न जिलों के जिलाधीशों के उल्लेख किए गए पत्रों में विरोधाभास था. जिसके कारण एक भ्रम की स्थिति बनी.