सचिन पायलट ने किया ‘किसान महापंचायत’ का आगाज, कहा- हर परिस्थिति में खड़ा रहूंगा किसान के साथ

केंद्र की मोदी सरकार किसानों के साथ कर रही है कुठाराघात, कानूनों को वापस नहीं ले पाने की आखिर क्या है मजबूरी, 26 जनवरी को जो हुआ वो गलत, लेकिन उसकी आड़ में किसानों पर अन्याय नहीं करेंगे सहन, भारत-पाकिस्तान की सीमा पर भी नहीं होते ऐसे प्रबंधन- सचिन पायलट

सचिन पायलट ने किया 'किसान महापंचायत' का आगाज
सचिन पायलट ने किया 'किसान महापंचायत' का आगाज

Politalks.News/Rajasthan. केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज से किसान महापंचायत की शुरुआत कर दी है. अपने पिता और किसान नेता स्वर्गीय राजेश पायलट की कर्मभूमि दौसा में आयोजित हुई किसान महापंचायत में सचिन पायलट को सुनने के लिए जबरदस्त भीड़ जुटी. महापंचायत को सम्बोधित करते हुए सचिन पायलट ने किसानों से कहा कि यह लड़ाई लम्बी है मगर हमें लड़नी है. इस दौरान पायलट ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का आभार जताते हुए कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में किसानों के हक में कांग्रेस पार्टी इन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ेगी, जिसकी शुरुआत आज दौसा से हो रही है.

केंद्र की मोदी सरकार किसानों के साथ कर रही है कुठाराघात

पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं लेकिन इन कृषि कानूनों से आने वाले भविष्य में किसानों को बड़ा नुकसान होने वाला है. पायलट ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली में सड़कों पर 71 दिनों से आंदोलनरत है लेकिन केंद्र सरकार की बेरुखी किसानों को यातना दे रही है. पायलट ने कहा देश का 86% तबका किसान है और उस किसान के साथ केंद्र की मोदी सरकार कुठाराघात कर रही है.

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कानूनों को वापस नहीं ले पाने की आखिर क्या है मजबूरी

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि चंद उद्योगपतियों की वजह से केंद्र सरकार किसानों का भविष्य अंधेरे में धकेल रही है. केंद्र सरकार कहती है कि किसान अपनी फसल कहीं भी दे सकता है. वह काम तो किसान आज भी कर रहे हैं लेकिन इन कानूनों की आड़ में मंडियों को चौपट किया जा रहा है. पायलट ने कहा कृषि कानूनों के विरोध में किसान गांधीवादी तरीके से संयम के साथ अपना विरोध जता रहे हैं लेकिन पता नहीं केंद्र सरकार की क्या मजबूरियां हैं, जो इन कानूनों को वापस नहीं लेना चाहती.

26 जनवरी को जो हुआ वो गलत, लेकिन उसकी आड़ में किसानों पर अन्याय नहीं करेंगे सहन

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का आभार जताते हुए कहा कि हमारे सभी दलों को एक साथ लेकर बैठक आयोजित की गई. पायलट ने यह भी कहा कि हो सकता है कि हमारे बीच मतभेद हो लेकिन देश के किसानों के लिए हम सब एक हैं. पायलट ने कहा 26 जनवरी के दिन दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे का जो अपमान हुआ, उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन उसकी आड़ में सैकड़ों किसानों के खिलाफ सरकार ने मुकदमें दर्ज कर लिए, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, यह अन्याय हम सहन नहीं करेंगे.

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भारत-पाकिस्तान की सीमा पर भी नहीं होते ऐसे प्रबंधन

सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन कृषि कानूनों को बनाने से पहले किसी भी राज्य सरकार से या किसी भी किसान संगठनों से कोई बात नहीं की और ऐसे कानून किसानों के ऊपर थोप दिए गए, जिनका देश भर में विरोध हो रहा है. किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जिसे केंद्र की सरकार तय करती है, उसे इन कृषि कानूनों में नहीं डाला गया. इन कानूनों में यह भी प्रावधान नहीं है कि छोटे किसानों की रक्षा होगी. पायलट ने कहा किसानों को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जिस तरीके के प्रबंध किए हैं. ऐसे प्रबंध तो भारत-पाकिस्तान की सीमा पर भी नहीं होते हैं. सरकारी बनती है, बिगड़ जाती है. नेता आते हैं, चले जाते हैं लेकिन उस कार्यकाल में किसानों के विरोध में काम होता है तो पूरे देश का किसान खड़ा हो जाता है.

पायलट ने कहा कि यह संघर्ष देश के किसानों के लिए है. पायलट ने कहा देश में खाद्य सुरक्षा कानून है और बड़े उद्योगपतियों को सरकार ने खरीद की खुली छूट इस कानून के माध्यम से दे दी है, जिससे गरीब व्यक्ति को अनाज मिलना मुश्किल हो जाएगा. पायलट ने कहा केंद्र सरकार ने किसानों से वादा किया था कि किसानों की आमदनी दुगनी कर दी जाएगी लेकिन वह दुगनी आए आज तक नहीं हुई बल्कि किसानों के ऊपर ये कृषि कानून थोप दिए गए. पायलट ने आगे कहा कि हमारे किसान कोई आतंकवादी, अलगाववादी या उग्रवादी नहीं हैं.

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हर परिस्थिति में खड़ा रहूंगा किसानों के साथ

महापंचायत को सम्बोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ा रहूंगा. पायलट ने कहा इस पंचायत के बाद मैं भरोसा देता हूं कि पूरे दमखम के साथ किसानों का समर्थन करेंगे. इन तीनों कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना होगा और उसके लिए हमको दबाव बनाना पड़ेगा और उस दबाव के लिए हम सबको एक साथ खड़ा होना होगा. इस दौरान सचिन पायलट ने किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए राहुल गांधी का भी आभार जताया.

दौसा जिला मुख्यालय पर आयोजित इस किसान पंचायत में उनियारा विधायक हरीश मीणा, टोडाभीम विधायक पी आर मीणा, मसूदा विधायक राकेश पारीक, चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा, बांदीकुई के विधायक गजराज खटाना सहित हजारों की तादात में किसान शामिल हुए.

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