पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में 2 मार्च को पहला कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना संक्रमण के रोकथाम के प्रति बेहद सजग और संवेदनशील है. सीएम गहलोत ने कोरोना को गंभीरता से लेते हुए देश में सबसे पहले राजस्थान को लॉकडाउन करने का निर्णय लिया था, इसके बाद अन्य राज्य सरकारों ने ओर केंद्र ने देशभर में लॉकडाउन करने का निर्णय लिया. सीएम गहलोत द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक लिए गये निर्णयों की देश भर में प्रशंसा हो रही है. वहीं कोरोना का एपिक सेंटर बना भीलवाडा अब देश का रोल मॉडल बन गया है. कोरोना की रोकथाम के लिए भीलवाडा में गहलोत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को देशभर में सराहा जा रहा है.
देशभर में तेजी से बढ रहे कोरोना संक्रमण के बीच एआईसीसी द्वारा मंगलवार को ऑनलाइन पत्रकार वार्ता आयोजित की गई. इस पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना को लेकर जो स्थिति दुनियाभर में बनी. इस स्थिति को जिन देशों और राज्यों ने गंभीरता से लिया वहां संक्रमण फैल नहीं पाया, उसमें से राजस्थान भी एक है. राजस्थान में पहला कोरोना पॉजिटिव केस आते ही हमने सभी धर्मों, विभागों और राजनीतिक पार्टीयों के लोगों के अलग अलग बैठके की. हमने शुरूआत से ही कोरोना के खिलाफ लडाई लडने की तैयारी की और हम उसमें काफी हद तक कामयाब रहे.
मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव केस अभी भी आ रहे है उसकी रोकथाम के लिए हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहें हैं. इसके लिए अलग अलग वॉर रूम प्रदेश सरकार ने बनाए हैं. प्रदेश में अब तक 5 करोड लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, वहीं 15 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा किया जा चुका है जो कि केरल के बाद देश में सबसे अधिक है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक लाख बेड अब तक क्वारेंटिन के लिए चिन्हित कर लिए गए हैं.
सीएम गहलोत ने आगे बताया कि प्रदेश में 18 मार्च को ही धारा 144 लगा दी गई थी ताकि 20 से ज्यादा लोग एक जगह इक्टठे नहीं हो पाएं. प्रदेश के सभी धर्म गुरूओं से आग्रह किया कि अपने अनुयायियों से आग्रह करें कि लोग एक जगह इक्टठा नहीं हो, इसको सभी ने माना. सभी संभाग मुख्यालयों पर प्रदेश में कोरोना की जांच की जा रही है. प्रदेश की सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से मैंने मौजूदा हालातों को लेकर बात की सभी ने सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की. प्रदेश में सभी लोग मिलकर कोरोना के खिलाफ काम कर रहें है ऐसा माहौल राजस्थान में बन गया है.
आज भीलवाड़ा बना देश का रॉल मॉडल
वहीं प्रदेश का सबसे पहला एपिक सेंटर बने भीलवाड़ा में कोरोना पर करीब करीब काबू पाने के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि भीलवाडा और रामगंज हमारे लिए चिंता का विषय था, आज भीलवाडा की देश भर में लोग प्रशंसा कर रहें हैं. भीलवाडा में हमने कोई घर नहीं छोडा, वहां करीब 3 हजार लोगों की चिकित्सकीय टीम बनाकर हम 32 लाख लोगों तक पहुंचे. भीलवाडा में 27 लोग पॉजिटिव हुए, जिनमें 2 लोगों कि मौत हो गई जो कि हमारे लिए चिंता का विषय था. भीलवाडा में 19 मार्च को ही कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे जिले की सीमा सील कर दी गई. भीलवाडा के विभिन्न अस्पतालों, होटलों और हॉस्टल को क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया. भीलवाडा में आज भी लोग कडी निगरानी में घर घर में आइसोलेट किए गये हैं. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा नहीं सोए इसमें हम कामयाब रहे हैं. इसके लिए प्रशासन, एनजीओ और समाजसेवी बढ़चढ़ कर काम कर रहें है. प्रदेश में सभी जनप्रतिनिधि, सरकार, ब्यूरोक्रेसी, राजनीतिक दल, समाजसेवी एक होकर कोरोना का मुकाबला कर रहे है.
राजस्थान में एक साथ खत्म नहीं होगा लॉक डाउन
14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को खत्म करने के पत्रकारों के सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार क्या रूख अपनाती है यह 14 तारीख को पता चलेगा. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नीति बना रही हैं. लॉकडाउन खत्म करने के लिए यह भी देखना पडेगा की कौनसे राज्य में कितने कोरोना पॉजिटिव केस है. राजस्थान में 40 जगह कर्फ्यू लगाया हुआ है. सभी राज्यों की स्थिती अलग अलग है इसके लिए सभी राज्यों को सोचना पडेगा. केंद्र सरकार की जो भी गाइड लाइन होगी उसको हम फोलो करेंगे. राज्य सरकार चाहेगी कि लॉकडाउन खोलने से किसी प्रकार की तकलीफ नहीं हो ओर इसे बार बार लगाना भी नहीं पडे. राजस्थान में लॉकडाउन को एक साथ खत्म नहीं किया जाएगा. सरकार चरणबद्ध रूप से फैसला लेगी. लॉकडाउन के दौरान राज्यों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. केंद्र को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.
राज्यों की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर केंद्र को ध्यान देना होगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गये पत्र के सवाल पर सीएम गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन से पहले राज्य सरकारों की हालत खराब थी. केंद्र से जीएसटी का पैसा पहले ही नहीं मिल पा रहा था और वर्तमान में जब सड़कें सूनी है, बाजार बंद हैं, फैक्ट्रियां बंद हैं तो राजस्व आना बंद हो गया है. ऐसे में केंद्र को राज्यों की आर्थिक स्थिति की तरफ ध्यान देना चाहिए. मैंने पीएम को दो बार चिट्ठी लिखकर एक लाख करोड़ के पैकेज की मांग की है. वर्तमान में 600 करोड़ रुपए मिले हैं उसी से काम चलाया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार को इस दिशा में जल्द बड़ा कदम उठाना चाहिए.
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भीलवाड़ा के बाद अब रामगंज बड़ी चुनौती
भीलवाडा के बाद जयपुर के रामगंज में बढ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा के बाद रामगंज राजस्थान सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. अब सरकार की पहली प्राथमिकता रामगंज में संक्रमण को फैलने से रोकना है. इसके लिए विशेष टीमें लगा दी गई हैं. युद्ध स्तर पर कोरोना की रोकथाम के लिए काम हो रहा है. ट्रेनिंग करवाई जा रही है और उम्मीद है जल्द हालात नियंत्रण में होंगे. प्रदेश में 7 से 8 दिन में रैपिड टैस्ट किट उपलब्ध हो जाएगी. इसके लिए सरकार ने ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं. चाइना से रैपिड टेस्ट किट मंगवाई जा रही है. प्रदेश में सरकार कोरोना की जंग से लड़ने के लिए पूरी तरह सक्षम है. प्रदेश में 1 लाख आइसोलेशन बेड तैयार कर लिए गए वेंटिलेटर लेटर की खरीद की जा रही है.
तब्लीगी जमात मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराएं
तब्लीगी जमात से जुडे लोगों के ज्यादा केस आने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि तग्लीगी जमात से पूरे देश में इश्यू बन गया है यह बहुत ही सीरियस मामला है. गलती किस की रही है इसमें यह भी देखना पडेगा. एक तरफ कोरोना के लिए सभी धर्मों के लोग मिलकर लडाई लड रहें है. इस बीच में किसी ने गलती की है तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मुकदमें दर्ज होने चाहिए. अगर इस तरह का आयोजन हो रहा है तो उसमें सख्ती से पेश आना चाहिए था. इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज या सीटिंग जज से जांच होनी चाहिए. इस पूरे मामले की सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए.